SBI के अर्थशास्त्रियों का सुझाव: निवेशकों को डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर मिले टैक्स छूट, यहां जानें अभी टैक्स को लेकर क्या हैं नियम
- Hindi News
- Business
- Income Tax Interest Rules; Fixed Deposit (FD), Public Provident Fund (PPF) And Savings Bank
नई दिल्ली41 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
SBI के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि अपने पैसों को बैंकों में रखने वालों को उस पर निगेटिव रिटर्न मिल रहा है। इसका मतलब है कि ये रिटेल डिपॉजिटर्स बैंक डिपॉजिट से मुनाफा नहीं कमा रहे, बल्कि घाटा उठा रहे हैं। अर्थशास्त्रियों के अनुसार निवेशकों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए बैंक डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज से होने वाली आय पर लगने वाले टैक्स की समीक्षा की जानी चाहिए।
हम आपको बता रहे हैं कि सेविंग्स अकाउंट, FD, RD और PPF से होने वाली आय पर आपको कब और कितना टैक्स देना होता है।
सेविंग्स अकाउंट
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTA के तहत बैंक/को-ऑपरेटिव सोसायटी/पोस्ट ऑफिस के सेविंग्स अकाउंट के मामले में ब्याज से सालाना 10 हजार रुपए तक की आय टैक्स फ्री है। इसका लाभ 60 साल से कम उम्र के व्यक्ति या HUF (संयुक्त हिन्दू परिवार) को मिलता है। वहीं सीनियर सिटीजन के लिए ये छूट 50 हजार रुपए है। इससे ज्यादा आय होने पर TDS काटा जाता है।
पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट से होने वाली सालाना ब्याज आय पर सेक्शन 10(15) के तहत 3,500 रुपए तक का अतिरिक्त डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। यह अतिरिक्त डिडक्शन 10 हजार/50 हजार रुपए वाली लिमिट के अलावा मिलता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
अगर एक वित्त वर्ष में बैंक FD पर मिलने वाला ब्याज 40 हजार रुपए से कम है तो इस पर कोई टैक्स नहीं देना होता। यह लिमिट 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है। वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र यानी सीनियर सिटीजन की FD से 50 हजार रुपए तक की आय टैक्स फ्री होती है। इससे ज्यादा आय होने पर 10% TDS काटा जाता है।
रिकरिंग डिपॉजिट (RD)
रिकरिंग डिपॉजिट (RD) से होने वाली ब्याज आय अगर 40 हजार रुपए (सीनियर सिटीजन के मामले में 50 हजार रुपए) तक है तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता। इससे ज्यादा आय होने पर 10% TDS काटा जाता है।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
इसमें किया गया निवेश EEE की श्रेणी में आता है। यानी योजना में किए गए निवेश के साथ ही इसमें मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी रकम पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता।
PAN न होने पर लगता है ज्यादा टैक्स
तय छूट लिमिट से ज्यादा ब्याज आय होने पर बैंक द्वारा 10% TDS काटा जाता है, लेकिन अगर आपने PAN नहीं दिया है तो TDS की दर 20% हो जाती है।
For all the latest Business News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.