Quick News Bit

RBI ने ब्याज दरें 0.50% बढ़ाईं: लोन महंगे होंगे, 20 साल वाले 30 लाख के होम लोन की EMI करीब 900 रु. ज्यादा होगी

0
  • Hindi News
  • Business
  • RBI Monetary Policy UPDATES; Shaktikanta Das | Repo Rate And Its Effects On Home Loans

नई दिल्ली4 घंटे पहले

बढ़ती महंगाई से चिंतित भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया है। इससे रेपो रेट 4.90% से बढ़कर 5.40% हो गई है। यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा होने वाला है और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी।

इस बढ़ोतरी के बाद ब्याज दरें अगस्त 2019 के लेवल पर पहुंच गई है। ब्याज दरों पर फैसले के लिए 3 अगस्त से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग चल रही थी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दरें बढ़ाने की जानकारी दी।

RBI गवर्नर ने क्या कहा?

  • रेपो रेट में 0.50% बढ़ाने का फैसला
  • FY23 रियल GDP ग्रोथ अनुमान 7.2% पर बरकरार
  • सप्लाई बढ़ने से खाने के तेल की कीमतों में कमी
  • FY23 में महंगाई दर 6.7% संभव
  • करेंट अकाउंट डेफिसिट चिंता की बात नहीं
  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर महंगाई का असर
  • ग्लोबल स्तर पर महंगाई चिंता का विषय
  • MSF 5.15% से बढ़ाकर 5.65% की
  • MPC बैठक में अकोमोडेटिव रुख वापस लेने पर फोकस
  • अप्रैल के मुकाबले महंगाई में कमी आई
  • शहरी मांग में सुधार देखने को मिल रहा है
  • बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ में सालाना 14% की बढ़ोतरी
  • बेहतर मानसून से ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी संभव

0.50% रेट बढ़ने से कितना फर्क पड़ेगा
मान लीजिए रोहित नाम के एक व्यक्ति ने 7.55% के रेट पर 20 साल के लिए 30 लाख रुपए का हाउस लोन लिया है। उसकी लोन की EMI 24,260 रुपए है। 20 साल में उसे इस दर से 28,22,304 रुपए का ब्याज देना होगा। यानी, उसे 30 लाख के बदले कुल 58,22,304 रुपए चुकाने होंगे।

रोहित के लोन लेने के एक महीने बाद RBI रेपो रेट में 0.50% का इजाफा कर देता है। इस कारण बैंक भी 0.50% ब्याज दर बढ़ा देते हैं। अब जब रोहित का एक दोस्त उसी बैंक में लोन लेने के लिए पहुंचता है तो बैंक उसे 7.55% की जगह 8.05% रेट ऑफ इंटरेस्ट बताता है।

रोहित का दोस्त भी 30 लाख रुपए का ही लोन 20 साल के लिए लेता है, लेकिन उसकी EMI 25,187 रुपए की बनती है। यानी रोहित की EMI से 927 रुपए ज्यादा। इस वजह से रोहित के दोस्त को 20 सालों में कुल 60,44,793 रुपए चुकाने होंगे। ये रोहित की रकम से 2,22,489 ज्यादा है।

यहां दी गई ब्याज दरें सिर्फ अनुमान है। बैंक रेपो रेट बढ़ने या घटने पर अपने हिसाब से ब्याज दरें बढ़ाता या घटाता है।

यहां दी गई ब्याज दरें सिर्फ अनुमान है। बैंक रेपो रेट बढ़ने या घटने पर अपने हिसाब से ब्याज दरें बढ़ाता या घटाता है।

क्या पहले से चल रहे लोन पर भी बढ़ेगी EMI
होम लोन की ब्याज दरें 2 तरह से होती हैं पहली फ्लोटर और दूसरी फ्लेक्सिबल। फ्लोटर में आपके लोन कि ब्याज दर शुरू से आखिर तक एक जैसी रहती है। इस पर रेपो रेट में बदलाव का कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं फ्लेक्सिबल ब्याज दर लेने पर रेपो रेट में बदलाव का आपके लोन की ब्याज दर पर भी फर्क पड़ता है। ऐसे में अगर आपने पहले से फ्लेक्सिबल ब्याज दर पर लोन ले रखा है तो आपके लोन की EMI भी बढ़ जाएगी।

चार महीने में 1.40% की बढ़ोतरी
मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है। इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी। तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था। लेकिन RBI ने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया था। 22 मई 2020 के बाद रेपो रेट में ये बदलाव हुआ था।

इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग 6-8 अप्रैल को हुई थी। इसके बाद 6 से 8 जून को हुई मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया है। इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई थी। अब अगस्त में इसे 0.50% बढ़ाया गया है जिससे ये 5.40% पर पहुंच गई है।

RBI रेपो रेट क्यों बढ़ाता या घटाता है?
RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देंगे। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होगा। मनी फ्लो कम होगा तो डिमांड में कमी आएगी और महंगाई घटेगी।

इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है। इस उदाहरण से समझते है। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थी तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में RBI ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।

रिवर्स रेपो रेट के बढ़ने-घटने से क्या होता है?
रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते है जिस दर पर बैंकों को RBI पैसा रखने पर ब्याज देता है। जब RBI को मार्केट से लिक्विडिटी को कम करना होता है तो वो रिवर्स रेपो रेट में इजाफा करता है। RBI के पास अपनी होल्डिंग के लिए ब्याज प्राप्त करके बैंक इसका फायदा उठाते हैं। इकोनॉमी में हाई इंफ्लेशन के दौरान RBI रिवर्स रेपो रेट बढ़ाता है। इससे बैंकों के पास ग्राहकों को लोन देने के लिए फंड कम हो जाता है।

प्राइस राइज टॉलरेंस लेवल से बहुत आगे
जून की पॉलिसी के दौरान, RBI गवर्नर ने कहा था कि प्राइस राइज टॉलरेंस लेवल से बहुत आगे है। हालांकि, उन्होंने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में महंगाई कम होगी। दास ने कहा था, मौजूदा समय में सप्लाई का आउटलुक काफी बेहतर नजर आ रहा है। सभी इंडिकेटर्स 2022-23 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था की रिकवरी के संकेत दे रहे हैं।

जानिए महंगाई के आंकड़े क्या कहते हैं?

1. जून में भारत की रिटेल महंगाई 7.01%
पिछले महीने की शुरुआत में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून में भारत की रिटेल महंगाई 7.01% हो गई। एक साल पहले की समान अवधि में ये 6.26% थी। यह लगातार छठा महीना था जब महंगाई केंद्रीय बैंक के 2%-6% के टॉलरेंस बैंड से ऊपर रही थी।

2. खाद्य महंगाई दर 7.75% रही थी
खाद्य महंगाई दर जून में 7.75% रही जो मई में 7.97% रही थी। अप्रैल में यह 8.38% थी। सब्जियों की महंगाई जून में घटकर 17.37% हो गई जो मई में 18.26% थी। फ्यूल और लाइट की महंगाई जून में बढ़कर 10.39% हो गई जो मई में 9.54% थी।

महंगाई कैसे प्रभावित करती है?
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए, महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।

अमेरिका में ब्‍याज दरों में 0.75% का इजाफा
अमेरिकी केंद्रीय बैंक US फेडरल रिजर्व ने हाल ही में ब्‍याज दरों में 0.75% का इजाफा किया था। US फेड ने महंगाई पर काबू पाने के लिए लगातार दूसरी बार अपनी पॉलिसी को सख्त करते हुए ब्याज दरों में इजाफा किया था। अमेरिका में अब ब्‍याज दरें बढ़कर 2.50% तक हो गई हैं। इससे पहले, जून 2022 में भी फेडरल रिजर्व ने ब्‍याज दरों में 0.75% का इजाफा किया था।

महंगाई दर 1980 के बाद से सबसे ज्‍यादा
अमेरिका में महंगाई दर 1980 के बाद से सबसे ज्‍यादा है। यहां जून में महंगाई 9.1% पर पहुंच गई। इस इजाफे के बाद अमेरिका में मंदी की आने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने फिलहाल आर्थिक सुस्‍ती की आशंका से इनकार किया है। US फेड ने साफ तौर पर कहा है कि महंगाई काबू में नहीं आने पर ब्‍याज दरों में फिर इजाफा किया जा सकता है। केंद्रीय बैंक महंगाई को 2% तक लाना चाहता है।

RBI के फैसले पर एक्सपर्ट की राय
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के MD और CEO मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक ब्याज की दरें बढ़ाने के फैसले के बावजूद, RBI को लगता है कि महंगाई अपने कंफर्ट जोन से ऊपर रहेगी और उसने फाइनेंशियल ईयर-2023 के लिए अपने CPI महंगाई के अनुमान को 6.7% पर बरकरार रखा है।

RBI का अनुमान है कि फाइनेंशियल ईयर 2023 में भारत की GDP ग्रोथ 7.2% पर रहेगी। हम मानते हैं कि कच्चे तेल सहित कमोडिटी की कीमतें कम हो गई हैं और महंगाई अपनी चरम सीमा को पार कर चुकी है। हम उम्मीद करते हैं कि RBI अपनी आने वाली पॉलिसी मीटिंग में महंगाई के आंकड़ों के आधार पर अब ज्यादा आक्रामक रुख नहीं अपनाएगा।

साल में 0.5% का इजाफा हो सकता है
RBI पॉलिसी पर बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा, ‘महंगाई और ग्रोथ दोनों पर पूर्वानुमानों में कोई बदलाव नहीं होने के बावजूद RBI ने स्पष्ट रूप से इंफ्लेशन पर आक्रामक रुख अपनाया है।

हम इस स्थिति में साल के दौरान एक और 50 bps (0.5%) हाइक की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि अगली दो तिमाहियों में महंगाई 6% से ऊपर रहेगी। ग्रोथ पर RBI की टिप्पणी भी आश्वस्त करने वाली है क्योंकि ग्लोबल अरेना में डिस्टरबेंस के बावजूद ग्रोथ स्टेबल पाथ पर है।’

खबरें और भी हैं…

For all the latest Business News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment