GST की मार: सालाना 20 लाख से ज्यादा कमाने वाले अतिथि विद्वान, कवियों पर 18% जीएसटी भी लगेगा
भोपाल21 घंटे पहलेलेखक: गुरुदत्त तिवारी
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सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम ने जारी किया स्पष्टीकरण।
अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान और दूसरे कार्यक्रमों में आने वाले लाइफ स्टाइल गुरु और कवि, जो सालाना 20 लाख रु. से ज्यादा कमाते हैं, उन्हें अब इनकम टैक्स के अलावा 18% जीएसटी भी देना होगा। पहले जीएसटी नहीं लगता था। इसके अलावा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित पानी अब प्यूरीफाइड वाॅटर की श्रेणी से बाहर रहेगा।
इसपर 18% जीएसटी हटा लिया गया है। जीएसटी के केंद्रीय बोर्ड ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम ने एक ताजा स्पष्टीकरण में यह बात कही है। इस स्पष्टीकरण से बिल्डिंग निर्माण की लागत में कमी आएगी। क्योंकि, बिना मिरर पॉलिश वाले नेपा स्टोन पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया है।
बिना बैटरी के बेचे जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहन भी सस्ते होंगे। इन पर जीएसटी 28% से घटाकर केवल 5% कर दिया है। बैटरी के साथ बेचे जाने वाले वाहनों पर पहले भी 5% ही जीएसटी लग रहा था। अब भी इतना ही लगेगा। सरकार ने बैटरी और बिना बैटरी के साथ वाहन खरीदना खरीदार की मर्जी पर छोड़ दिया है।
सीवरेज ट्रीटेड वाॅटर टैक्स मुक्त, बिना पॉलिश वाले बिल्डिंग स्टोन, बिना बैटरी के वाहनों पर 5% टैक्स
कर्मचारियों के लिए किराए के वाहनों पर 5 प्रतिशत की छूट
कंपनियों द्वारा कर्मचारियों क टूर के लिए एक बार किराए पर लिए वाहनों पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) के तहत लगने वाले 5% जीएसटी में छूट दी गई है। हालांकि कर्मचारियों को लाने और छोड़ने के लिए अनुबंधित किए जाने वाले अनुबंधित वाहनों पर पहले की तरह 5% जीएसटी लगता रहेगा। हालांकि अब नॉन एसी बसों को अनुबंधित करने पर कंपनियों को 5% जीएसटी देना होगा।
प्यूरीफाइड वाटर की श्रेणी में नहीं आता। सरकार की मंशा इस पर टैक्स लेने की थी नहीं, लेकिन कुछ राज्यों ने इसे प्यूरीफाइड वॉटर मानकर नगरीय निकायों को टैक्स वसूली के नोटिस भेज दिए थे।
– मुकुल शर्मा, जीएसटी विशेषज्ञ
टोल पर बिना फॉस्टैग वाहनों पर लगने वाला 18% जीएसटी हटाया
टोल पर बिना फास्टैग वाले वाहन चालकों को राहत मिलेगी। फास्टैग का उपयोग न करने वाले वाहन चालकों को टोल टैक्स के अलावा भी पैसा देना पड़ता है। इस भुगतान पर 18% जीएसटी देना पड़ रहा था। अब सरकार ने यह टैक्स हटा लिया है।
25 लाख की कमाई पर 5.97 लाख कुल टैक्स
यदि किसी अतिथि विद्वान या कवि की आय 25 लाख रु. है तो उसे इनकम टैक्स और सेस के रूप में 5.07 लाख रु. देना पड़ते है, लेकिन अब उसे 18% जीएसटी के रूप में 90 हजार रुपए और देना होंगे। यानी कुल मिलाकर 5.97 लाख र. टैक्स के रूप में कट जाएगा।
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