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FRL ने 5322 करोड़ नहीं चुकाए: फ्यूचर रिटेल पूरी तरह कंगाल, NCLT ने दिवाला कार्यवाही को मंजूरी दी

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मुंबईएक घंटा पहले

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नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने बुधवार को किशोर बियानी ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दे दी। इस साल लोन डिफॉल्ट के बाद अप्रैल में बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने FRL के खिलाफ दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू करने की मांग करते हुए ट्रिब्यूनल का रुख किया था। विजय कुमार अय्यर को कंपनी का इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त किया है।

NCLT ने अमेजन की दायर इंटरवेंशन प्ली को भी खारिज कर दिया है।12 मई को दायर की गई अपनी याचिका में अमेजन ने तर्क दिया था कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने अक्टूबर, 2020 में आए सिंगापुर इमरजेंसी आर्बिट्रेटर (SEA) के फैसले का सम्मान नहीं किया है। फ्यूचर रिटेल की ओर से कॉन्ट्रेक्ट के कथित उल्लंघन को लेकर अमेजन ने SEA का रुख किया था।

लीड लेंडर BoI ने अपनी याचिका में कहा था कि FRL के खिलाफ ऋणदाता की याचिका का अमेजन से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि यह कार्यवाही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के दिशा-निर्देशों और दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के प्रावधानों के अनुरूप है।

FRL ने 5,322.32 करोड़ का पेमेंट डिफॉल्ट किया
फ्यूचर रिटेल ने अमेजन के साथ चल रहे विवाद और अन्य चीजों के बीच अपने कर्जदाताओं को 5,322.32 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया। मार्च में, BoI ने एक सार्वजनिक नोटिस के जरिए FRL के ऐसेट पर दावा किया था।

फ्यूचर की अमेजन और रिलांयस दोने से डील
साल 2019 में अमेजन ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन (फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी) में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला था। लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल को 24,713 करोड़ रुपए में बेचने की घोषणा की। इसी के बाद से विवाद शुरू हुआ।

अमेजन ने SIAC का रुख किया था
फ्यूचर-रिलायंस डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) का रुख किया था। अमेजन ने कहा था, रिलायंस और फ्यूचर रिटेल की डील उसकी और फ्यूचर कूपन के बीच हुई डील के खिलाफ है। इसके बाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में ये मामला चल रहा है।

FRL लेंडर्स ने रिलांयस डील को किया रिजेक्ट
बीते दिनों फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के लेंडर्स ने रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपए की प्रस्तावित डील को रिजेक्ट कर दिया था, जिसके बाद ही रिलायंस ने अपनी डील के कैंसिल होने का ऐलान किया था। रेगुलेटरी फाइलिंग में FRL ने बताया था कि करीब 69% लेंडर्स ने इस डील के खिलाफ वोट किया, जबकि 30% के करीब ने ही कंपनी की संपत्ति रिलायंस को बेचने के प्लान के पक्ष में वोट किया।

शेयरधारकों और क्रेडिटर्स की मंजूरी लेने के लिए वोटिंग नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मेंडेटरी प्रोसेस है और किसी भी डील के लिए शेयरधारकों, सिक्योर्ड क्रेडिटर्स और अनसिक्योर्ड क्रेडिटर्स के तीनों ग्रुप के कम से कम 75% वोट चाहिए होते हैं।

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