Quick News Bit

DICGC संशोधन बिल को मंजूरी: बैंक डूबने पर भी 5 लाख तक की रकम सुरक्षित रहेगी, 90 दिन के भीतर ग्राहक को मिलेगा पैसा; अब तक एक लाख रुपए थी लिमिट

0
  • Hindi News
  • Business
  • Nirmala Sitharaman | Cabinet Briefing Updates; Finance Minister Nirmala Sitharaman, Anurag Thakur

मुंबई11 घंटे पहले

केंद्रीय कैबिनेट ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट (DICGC) संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है। इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद बैंक के बंद होने या डूबने की स्थिति में ग्राहकों की 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित रहेगी। डिपॉजिटर्स को 90 दिन के भीतर यह रकम मिल जाएगी। अभी ग्राहकों की बैंक में जमा एक लाख रुपए तक की रकम ही सुरक्षित होती है।

हालांकि सरकार 2020 में ही डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट 5 गुना बढ़ाने का ऐलान कर चुकी थी, लेकिन इसे कैबिनेट की मंजूरी अब मिली है। अभी इसे संसद की मंजूरी मिलना बाकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बिल को संसद के मानसून सत्र में ही पेश किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने PMC पर RBI की पाबंदियों के बाद डिपॉजिट इंश्योरेंस लिमिट बढ़ाने का ऐलान किया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने PMC पर RBI की पाबंदियों के बाद डिपॉजिट इंश्योरेंस लिमिट बढ़ाने का ऐलान किया था।

PMC बैंक डूबने के बाद सरकार ने किया था ऐलान
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक के 2020 में डूबने के बाद डिपॉजिट इंश्योरेंस बढ़ाने का फैसला लिया था। केंद्रीय बजट में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) एक्ट, 1961 में संशोधन का ऐलान किया था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते बजट सत्र को स्थगित कर दिया गया था।

PMC, लक्ष्मी विलास और यस बैंक के ग्राहकों को फायदा
सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस में 1993 के 27 साल बाद पहली बार बदलाव किया है। ताजा फैसला 4 फरवरी 2020 से लागू होगा। यानी PMC, लक्ष्मी विलास बैंक और यस बैंक के ग्राहकों को भी इसका फायदा मिलेगा। DICGC एक्ट 1961 की धारा 16 (1) के मुताबिक अगर कोई बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है, तो DICGC प्रत्येक जमाकर्ता को पेमेंट करने के लिए जिम्मेदार होता है, क्योंकि जमाकर्ताओं द्वारा जमा की गई रकम पर 1 लाख रुपए तक का बीमा होता है। इसी लिमिट को सरकार ने बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है।

पिछले साल PMC बैंक पर RBI के प्रतिबंधों के बाद बड़ी संख्या में लोग अपनी जमा रकम वापस पाने के लिए परेशान हुए थे।

पिछले साल PMC बैंक पर RBI के प्रतिबंधों के बाद बड़ी संख्या में लोग अपनी जमा रकम वापस पाने के लिए परेशान हुए थे।

बैंक में एक से ज्यादा अकाउंट में भी 5 लाख की ही गारंटी
डिपॉजिट इंश्योरेंस के तहत, ग्राहक के कुल 5 लाख रुपए ही सुरक्षित होते हैं। अगर ग्राहक का एक ही बैंक की कई ब्रांच में अकाउंट है, तो सभी अकाउंट में डिपॉजिट अमाउंट और ब्‍याज जोड़कर 5 लाख तक की रकम ही सुरक्षित मानी जाएगी। इसमें मूलधन और ब्‍याज दोनों शामिल होंगे।

बैंक में जमा होने वाली सारी रकम DICGC के दायरे में
बैंक के सभी डिपॉजिट DICGC के दायरे में आते हैं, जिसमें सेविंग्स, फिक्स्ड डिपॉजिट समेत करेंट अकाउंट शामिल हैं। किसी भी बैंक को रजिस्टर करते समय DICGC उन्हें प्रिंट हुआ पर्चा देता है। पर्चे में जमाकर्ताओं को मिलने वाले इंश्योरेंस की डीटेल होती है। इस डीटेल के बारे में जानने के लिए जमाकर्ता बैंक के ब्रांच अधिकारी से पूछताछ कर सकता है।

बैंकों पर बढ़ेगा बोझ, 100 रु. पर प्रीमियम 2 पैसे बढ़ा
इंश्योरेंस कवर बढ़ने के साथ बैंक ग्राहकों को तो फायदा हुआ है, लेकिन दूसरी तरफ प्रति 100 रुपए पर लगने वाला प्रीमियम भी 10 पैसे से बढ़कर 12 पैसे हो गया है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन यानी DICGC, रिजर्व बैंक की स्वामित्व वाली एक संस्था है, जो बैंक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर मुहैया कराती है।

संशोधन से सरकार को कैसे फायदा मिलेगा?
गारंटी राशि बढ़ाने पर बैंकों में लोग गारंटी राशि के बराबर पैसा जमा कराने को लेकर परेशान नहीं होंगे, जिससे लोगों का भरोसा भी बैंकिंग सिस्टम पर बढ़ेगा। नतीजतन, सेविंग बढ़ने से बैंक ज्यादा कर्ज दे सकेंगे।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Business News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment