F1 स्कूल वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल: टीम ब्लेज कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने वाली भारत की सबसे युवा टीम; 13 साल की 4 लड़कियों ने औसतन 18 साल उम्र वाली टीमों को हराया
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नई दिल्ली15 मिनट पहले
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अमायरा, तमारस, जेसमे और सियोवोन सिर्फ 13 साल की हैं और उन्होंने मोटर स्पोर्ट की फील्ड में पहली ही काफी नाम कमा लिया है। पिछले साल उन्होंने इस फील्ड में 5 अवॉर्ड अपने नाम किए थे।
F1 स्कूल वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की 13 साल की 4 लड़कियां अमायरा, तमारस, जेसमे और सियोवोन ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने इस कॉम्पिटिशन को लेकर एक टीम बनाई है। उन्होंने इसका नाम टीम ब्लेज रखा है। इस टीम ने कई रिकॉर्ड बना दिए हैं।
टीम ब्लेज F1 स्कूल वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाली भारत की सबसे सबसे युवा टीम बन गई है। इसके साथ ही चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाली भारत की पहली लड़कियों की टीम है। इस टीम ने अब तक कॉम्पिटिशिन में औसतन 18 साल वाली कई टीमों को शिकस्त भी दी है। फाइनल की शुरुआत 4 जून से होगी।
दुनिया का सबसे बड़ा STEM कॉम्पिटिशन
F1 स्कूल चैंपियनशिप दुनिया का सबसे बड़ा STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमैटिक्स) कॉम्पिटिशन है। इसमें 9 से 19 साल के बच्चों को फॉर्मूल-1 का एक्सपीरियंस दिया जाता है। इसमें हिस्सा लेने वाले प्रतिभागी को एक छोटे आकार की कार बनानी होती है।
कार बनाने से लेकर स्पॉन्सरशिप जुटाने का कॉम्पिटिशन
इसके साथ ही उन्हें अपने प्रोजेक्ट को फंड करना होता है। अपनी टीम को सपोर्ट करने के लिए स्पॉन्सरशिप और एंडोर्समेंट की व्यवस्था करनी होती है। इसके बाद कार का एक टेक्नीकल पोर्टफोलियो तैयार करना होता है। इसके साथ ही कार को मार्केट में भी ब्रांड करना होता है और उससे रेसिंग करनी होती है।
लड़कियों को मोटर स्पोर्ट फील्ड में लाना उद्देश्य
टीम ब्लेज का कहना है कि उनका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को मोटर स्पोर्ट फील्ड में लाना और STEM फील्ड में एक्सपीरियंस दिलाना है। इसके लिए टीम ने सोशल मीडिया पर लाइव चैनल भी बनाया है। इसके साथ ही टीम ऐप और गाने के जरिए लड़कियों को इस मोटर स्पोर्ट फील्ड से जुड़ने के लिए प्रेरित भी कर रही है।
महिला सशक्तिकरण को सहयोग देना टीम ब्लेज का लक्ष्य
टीम ब्लेज का कहना है कि STEM फील्ड में वे पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ना चाहती हैं। वे चाहती हैं कि लड़कियां ये सोचे कि उन्होंने जो सपना देखा है, वे उसे पूरा भी कर सकती हैं। टीम ने कहा कि उनका उद्देश्य साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमैटिक्स फील्ड में महिलाओं को बढ़ावा देना और महिला सशक्तिकरण को सहयोग देना है।
चारों लड़कियों की 10 साल की उम्र से ही मोटर स्पोर्ट में दिलचस्पी
टीम ब्लेज ने इस फील्ड में कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए हैं। टीम का कहना है कि उन्होंने 10 साल की उम्र से ही मोटर स्पोर्ट फील्ड में करियर बनाने का सोच लिया था। उन्हें इस सफर में द फेडरेशन इंटरनेशनल डी ऑटोमोबाइल (FIA) का भी सपोर्ट मिला। FIA फॉर्मूला-1 समेत कई रेसिंग इवेंट्स का गवर्निंग बॉडी है। उनके और कई लोगों के सपोर्ट से ही टीम ने पिछले साल 5 अवॉर्ड अपने नाम किए।
सुरेश रैना और हेमा मालिनी ने भी टीम ब्लेज को सपोर्ट किया
इसके बाद पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना, हेमा मालिनी, ब्रिटिश काउंसलर मासेराती और कई दूसरी शख्सीयतों ने उनके काम की तारीफ भी की। इन सब ने टीम ब्लेज को नेशनल्स के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं। वर्ल्ड फाइनल्स की शुरुआत 4 जून से होगी। टीम ब्लेज का कहना है कि वह फाइनल्स के लिए तैयार हैं और इसे जीतकर भारत को गिफ्ट देना चाहती हैं।
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