1.82 लाख लोगों को नौकरी: टॉप की 5 IT कंपनियां फ्रेशर्स को देंगी नौकरी, एक साल में भर्ती का है लक्ष्य
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मुंबई13 मिनट पहले
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देश की टॉप 5 सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT) कंपनियों ने वित्तवर्ष 2022-23 में 1.82 लाख फ्रेशर्स को नौकरी देने का लक्ष्य रखा है। डिजिटलाइजेशन की वजह से इस सेक्टर्स में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच मिलेगा रोजगार
वित्तवर्ष मतलब अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच यह रोजगार मिलेगा। इन पांच कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS), HCL टेक, विप्रो और टेक महिंद्रा के साथ इंफोसिस है। यह सभी कंपनियां अच्छा खासा मुनाफा कमाती हैं। पिछले साल में इन कंपनियों ने 80 हजार फ्रेशर्स को रोजगार दिया था जिसकी तुलना में अब 120% ज्यादा नौकरी दी जाएगी।
ज्यादा कर्मचारी छोड़ते हैं नौकरी
फ्रेशर्स को रोजगार देने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि इन IT कंपनियों में बड़े पैमाने पर कर्मचारी नौकरी छोड़ते हैं। जनवरी से दिसंबर 2021 के बीच इन कंपनियों ने 2.3 लाख लोगों की भर्ती की थी। आंकड़े बताते हैं कि देश की सबसे बड़ी कंपनी TCS इस बार 78 हजार लोगों को नौकरी देगी। पिछले साल इसने 40 हजार लोगों की भर्ती की थी।
इंफोसिस ने 21 हजार लोगों की भर्ती की
इसी तरह इंफोसिस ने पिछले साल 21 हजार लोगों की भर्ती की जबकि इस बार यह 55 हजार लोगों को रोजगार देगी। यानी दोगुना से ज्यादा भर्तियां होंगी। विप्रो ने 17,500 फ्रेशर्स को हायरिंग करने की योजना बनाई है। पिछले साल इसने केवल 9 हजार की भर्ती की थी।
HCL टेक 22 हजार लोगों को नौकरी देगी
HCL टेक अगले वित्तवर्ष में 22 हजार लोगों की भर्ती का लक्ष्य रखी है जबकि पिछले साल इसने 12 हजार की भर्ती की थी। टेक महिंद्रा का पिछले साल का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, पर यह इस साल 10 हजार की भर्ती करने का लक्ष्य रखी है। दिसंबर 2021 के अंत तक 5 IT कंपनियों ने 2.3 लाख कर्मचारियों की भर्ती की थी। जबकि इसी दौरान इन कंपनियों के 35 हजार कर्मचारी नौकरी छोड़ गए थे।
TCS ने 19,388 लोगों की भर्ती की
कंपनियों की रिपोर्ट से पता चलता है कि TCS ने चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2021 में 19,388 लोगों की भर्ती की थी जबकि अप्रैल-जून में 20,409 लोगों की हायरिंग की। जुलाई से सितंबर के बीच इसने 19,690 लोगों को और अक्टूबर से दिसंबर के बीच 28,238 लोगों को नौकरी दी। यानी कुल 87,725 कर्मचारियों की इसने हायरिंग की।
इंफोसिस ने 10,307 लोगों का हायर किया
इसी तरह से इंफोसिस ने पिछले साल चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच 10,307, अप्रैल से जून में 8,334, जुलाई से सितंबर के बीच 11,664 और दिसंबर तिमाही में 12,450 फ्रेशर्स की हायरिंग की। इसने कुल 42,775 लोगों को रोजगार दिया।
विप्रो ने 41,363 लोगों को नौकरी दी
विप्रो ने इसी दौरान 41,363 लोगों को नौकरी दी जबकि HCL टेक ने 38,095 लोगों की भर्ती की। इन पांच कंपनियों ने चौथी तिमाही में 46,357, पहली तिमाही में 53,652, दूसरी तिमाही में 68,894 और तीसरी तिमाही में 65 हजार से ज्यादा लोगों की भर्ती की।
कंपनियों की अच्छी हो रही है ग्रोथ
हायरिंग के जो दो मुख्य कारण हैं, उसमें एक तो ये कि लगातार IT फर्म की डिमांड बढ़ रही है। इनकी डील में कोई गिरावट नहीं आ रही है। ग्रोथ लगातार हो रही है। उदाहरण के तौर पर इंफोसिस ने तीसरी बार कहा है कि उसकी ग्रोथ का जो गाइडेंस है वो 19 से 20% रह सकता है। इसी तरह से TCS और HCL भी दो अंकों के ग्रोथ का अनुमान लगा रही हैँ।
27 से 28% के बीच रह सकती है ग्रोथ
विप्रो का अनुमान है कि उसका ग्रोथ 27 से 28% के बीच रह सकता है। इसी तरह से इन कंपनियों में कर्मचारियों के छोड़ कर जाने की दर भी ज्यादा है। जैसे दिसंबर तिमाही में TCS में 15.3% कर्मचारी कंपनी छोड़ गए तो HCL में 19.8% कर्मचारी इस्तीफा दे दिए। इंफोसिस के 25.5%, विप्रो के 22.7% और टेक महिंद्रा के 24% कर्मचारी कंपनी छोड़ गए।
छोटे इलाके से हो रही है भर्ती
टेक महिंद्रा के एमडी सीपी गुरनानी ने एक फरवरी को अपने अर्निंग कॉल में कहा कि हमने वाइजैग, कोलकाता, चंडीगढ़, भुवनेश्वर और नागपुर जैसे इलाकों से ज्यादा कर्मचारियों को हायर किया है। कंपनी कैंपस हायरिंग के जरिए अगले साल 15 हजार से ज्यादा लोगों की भर्ती की योजना बनाई है। TCS ने इस साल 1.1 लाख लोगों को प्रमोट किया है जबकि 40 हजार कर्मचारियों को अभी प्रमोशन देने की योजना है।
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