हॉकी एशिया कप फाइनल में चमकी जींद की अन्नू: डबल हैट्रिक के साथ टॉप गोल स्कोरर का अवॉर्ड; PM मोदी ने दी बधाई
जींद7 मिनट पहले
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महिला जूनियर हॉकी एशिया कप जीतने के बाद जश्न मनाती भारतीय टीम।
जापान में हुए महिला जूनियर हॉकी एशिया कप में टीम इंडिया ने इतिहास रचते हुए 12 साल बाद गोल्ड मेडल जीत कर एशिया कप ट्रॉफी अपने नाम की है। टीम की जीत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की तो वहीं डबल हैट्रिक करने वाली जींद जिले के छोटे से गांव रोज खेड़ा की अन्नू को टॉप गोल स्कोरर का अवॉर्ड मिला है।
अन्नू के परिवार के लोग उसे रेसर बनाना चाहते थे, लेकिन उसने हॉकी स्टिक थामी और नए रिकॉर्ड अपने नाम किए।
हॉकी एशिया कप में टॉप स्कोरर।
2012 में 2023 में कप पर कब्जा
इंडिया हॉकी टीम का पहला मुकाबला उज्बेकिस्तान के साथ हुआ था, जिसमें इंडिया ने उज्बेकिस्तान को 22-0 से हराया। इसमें अन्नू ने डबल हैट्रिक मारते हुए 6 गोल दागे थे। इसके बाद मलेशिया के साथ मुकाबले में टीम इंडिया 2-1 से जीती, कोरिया के साथ मैच 2-2 अंकों के साथ ड्रा रहा और टीम को एक-एक पॉइंट मिला। उससे अगले मैच में ताइवान को 11-0 से हराया और ग्रुप ए में टॉप पर टीम रही।
उसके बाद सेमीफाइनल मुकाबले में जापान को 1-0 से हराया, जिसमें अन्नू रोजखेड़ा बेस्ट प्लेयर रही। वर्ल्ड कप क्वालीफाई करने के बाद साउथ कोरिया के साथ फाइनल मुकाबला हुआ, जिसमें टीम इंडिया 2-1 से विजयी रही। इसमें एक गोल अन्नू ने और दूसरा गोल नीलम ने दागा और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका हासिल की। हॉकी इंडिया ने 2012 के बाद अब इतिहास रचते हुए एशिया कप पर कब्जा हासिल किया है।
वूमेन एशिया कप जीतने के बाद भारतीय हॉकी टीम।
अन्नू रही टॉप बेस्ट स्कोरर
उचाना ब्लॉक के छोटे से गांव रोजखेड़ा की अन्नू एशिया कप टूर्नामेंट में टॉप गोल स्कोर रही। गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली अन्नू का तीसरी कक्षा में ही प्ले फॉर इंडिया के जरिए चयन हुआ। तीसरी से पांचवीं तक अन्नू ने सिरसा में रहते पढ़ाई की और साथ ही हॉकी को चूना। इसके बाद अन्नू का चयन हिसार स्थित साईं में हो गया, जहां से अन्नू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। लगातार उपलब्धियों को छूते हुए पहले हरियाणा जूनियर की कप्तान बनी, उसके बाद 3 नेशनल खेले और अब राष्ट्रीय जूनियर हॉकी टीम में अन्नू खेल रही है।
अन्नू को रेसर बनाना चाहता था परिवार
अन्नू के भाई अमन ने बताया कि वह और परिवार के लोग उसे रेसर बनाना चाहते थे, लेकिन उसने हॉकी को चुना और आज वह अपनी स्टिक से बॉल को ऐसे घूमाती है कि देखने वाला का सिर घूम जाता है। अमन ने बताया कि उनके गांव में खेल की कोई सुविधा नहीं है, इसलिए उन्होंने अन्नू को सिरसा भेजा ताकि वह खेलों में अपना भविष्य बना सके। अन्नू की रेस की बजाय हॉकी में ज्यादा रुचि देखी तो उन्होंने हॉकी में ही अपना भविष्य बनाने दिया।
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