हार्दिक पंड्या- टीम की हर मुसीबत का हल: चोट लगी तो MI ने साथ छोड़ा, वापसी पर IPL चैंपियन बने; अब उनमें देखा जा रहा अगला भारतीय कप्तान
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नई दिल्ली6 मिनट पहले
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कहा जाता है कि हर मर्ज की एक ही दवा नहीं हो सकती। लेकिन, पिछले वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टी-20 टीम में जितनी भी समस्याएं दिखीं सबकी दवा फिलहाल एक ही साबित हो रही है। दवा का नाम जानेंगे पहले मर्ज की फेहरिश्त देख लीजिए..
- भारतीय टीम में बॉलिंग डेप्थ की कमी
- मिडिल ऑर्डर कमजोर
- शुरुआत में दो-तीन विकेट गिर तो पारी कौन संभालेगा
- डेथ ओवर्स में पावर हिटिंग कौन करेगा
- अगले वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का ऑलराउंडर कौन होगा
जिस एक दवा ने इन सभी परेशानियों को हल कर दिया है उसका नाम है हार्दिक पंड्या। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी-20 मैच में 51 रन की पारी भी खेली और चार विकेट भी लिए। हालांकि ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब हार्दिक तमान निगेटिव कारणों से चर्चा में थे।
पीठ की चोट ठीक नहीं हो रही थी। वे गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे। भारतीय टीम ने उन्हें वर्ल्ड कप तक मौका दिया फिर ड्रॉप कर दिया। जिस मुंबई इंडियंस को उन्होंने कई बार चैंपियन बनाया उसने तो एक सीजन भी इंतजार नहीं किया। पंड्या को रिटेन नहीं किया गया। पंड्या इससे टूटे नहीं। कड़ी मेहनत की। फिटनेस को दुरुस्त किया और ग्राउंड पर वापसी कर ली।
वे जब से पीठ की चोट से उबर कर वापस लौटे हैं तब से एक के बाद एक लगातार कमाल किए जा रहे हैं। पहले उन्होंने IPL-2022 में बतौर कप्तान नई-नवेली टीम गुजरात टाइटंस को चैंपियन बनाया और फिर उसके बाद टीम इंडिया के लिए एक के बाद एक मैच विनिंग परफॉर्मेंस भी दिए जा रहे हैं। पंड्या ने अपने परफॉर्मेंस से टीम इंडिया के सामने खड़े हुए तमाम सवालों का जवाब भी दे दिया है। कैसे दिया यह भी समझ लेते हैं..
- बॉलिंग में डेप्थ की अब कोई कमी नहीं है। आप तीन फ्रंट लाइन फास्ट बॉलर और दो स्पिनर के साथ उतरिए। हार्दिक छठे गेंदबाज की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी-20 में तो उन्होंने चार विकेट लिए। टीम के बेस्ट बॉलर साबित हुए।
- मिडिल ऑर्डर में मजबूती आ गई है। हार्दिक के नंबर 5 पर आने से टॉप ऑर्डर भी निश्चिंत होकर खेल रहा है और लोअर मिडिल ऑर्डर भी। उनको यकीन है कि हम नहीं चलें तो क्या हुआ..हार्दिक संभाल लेगा। वे लगातार संभाल भी रहे हैं। पिछले ही मैच में 51 रन बनाए। किसी भी बल्लेबाज से ज्यादा।
- शुरुआती विकेट गिरने का टेंशन भी खत्म हो गया। हार्दिक अब विराट कोहली की तरह सॉलिड बैटिंग कर लेते हैं। अगर ओवर ज्यादा बीत जाएं तो धोनी की तरह पावर हिटिंग भी कर लेते हैं।
- डेथ ओवर्स के पावर हिटर हार्दिक हमेशा से रहे हैं। चोट से वापसी के बाद उनकी यह खूबी दोबारा पूरी तरह से टेस्ट नहीं हुई है लेकिन जो काम वो पहले आसानी से कर लेते थे उम्मीद है आगे भी कर लेंगे।
- यह डिबेट भी समाप्त हो गया है कि अगले टी-20 वर्ल्ड कप में भारत का ऑलराउंडर कौन होगा। अगर कोई खिलाड़ी एक ही मैच में फिफ्टी भी जमाए और चार विकेट भी ले तो उससे बेहतर दावेदार कौन हो सकता है।
अब अगर कोई एक ही खिलाड़ी इतनी सारी मुसीबतों को हल कर दे तो उसे क्या कहेंगे? आप चाहें तो सुपरमैन कह सकते हैं। वैसे क्रिकेट प्रेमियों और क्रिकेट प्रशासकों का एक बड़ा तबका उन्हें भारतीय टीम का फ्यूचर कैप्टन कह रहा है। यानी रोहित के बाद टीम इंडिया की कमान संभालने का दावेदार। आपक क्या राय है?
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