सीमेंट के दाम 400 रु. के पार हो सकते हैं: 390 रु. प्रति बोरी तक बिक रहा सीमेंट, कोयला और पेट कोक भी महंगे हुए
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नई दिल्ली11 घंटे पहले
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यूक्रेन संकट के चलते न केवल गाड़ी चलाना जेब पर भारी पड़ रहा है, बल्कि मकान बनाना भी महंगा पड़ेगा। आयातित कोयला और पेट कोक जैसे कच्चे माल के दाम बढ़ने से अगले एक महीने में सीमेंट की कीमतें 6-13% बढ़ सकती हैं और सीमेंट की बोरी का भाव 400 रुपए के पार जा सकता है।
एक साल में सीमेंट के दाम बढ़कर 390 रुपए प्रति बैग तक पहुंच
सीमेंट इंडस्ट्री के मुताबिक, बीते 6 माह में कोयला और पेट कोक के दाम 30-50% बढ़ गए हैं। क्रिसिल की एक रिपोर्ट कहती है कि एक साल में सीमेंट के दाम बढ़कर 390 रुपए प्रति बैग तक पहुंच गए हैं। अगले एक माह में सीमेंट 25-50 रुपए और महंगी हो सकती हैं, क्योंकि कंपनियां बढ़ी हुई उत्पादन लागत का बोझ ग्राहकों पर डालने जा रही हैं।
बीते वित्त वर्ष ब्रेंट क्रूड 75% से ज्यादा महंगा हुआ
दरअसल क्लिंकर की मैन्युफैक्चरिंग के लिए कोयला और पेट कोक की जरूरत होती है, जो सीमेंट इंडस्ट्री के लिए अहम कच्चा माल है। सीमेंट कंपनियों के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल महंगे होने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पैकेजिंग मेटीरियल्स की लागत, परिवहन और डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट काफी बढ़ गया है। उनका कहना है कि बीते वित्त वर्ष ब्रेंट क्रूड 75% से ज्यादा महंगा हो गया। इसके चलते जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट कोक के दाम औसतन 43% बढ़ गए। सीमेंट की ऊंची कीमतों का असर सीधा कंस्ट्रक्शन सेक्टर पर पड़ेगा, जो पहले से स्टील के ऊंची कीमतों के चलते परेशानी से जूझ रही है।
मार्जिन के लिए दाम बढ़ाना मजबूरी: सीमेंट कंपनियां
एक बड़ी सीमेंट कंपनी के सीनियर ऑफिसर ने कहा कि बीते वित्त वर्ष अमेरिकी पेट कोक 96% महंगा हो गया। घरेलू पेट कोक के दाम भी मार्च में 26% और इस माह अब तक 21% बढ़ गए हैं। इस बीच समुद्र के रास्ते माल ढुलाई महंगा होने से 1 साल में आयातित पेट्रोलियम कोक के दाम करीब दोगुना यानी 9,951 रुपए प्रति टन हो गए हैं। ऐसे में उनके लिए सीमेंट के दाम बढ़ाना मजबूरी है।
कीमतें बढ़ने से इस वित्त वर्ष मांग में सुस्ती दिखेगी
क्रिसिल रिसर्च के डायरेक्टर हेतल गांधी के मुताबिक, 2021-22 की पहली छमाही में सीमेंट की मांग 20% बढ़ी थी। लेकिन बेमौसम बारिश, रेत की किल्लत और श्रमिकों की कमी के चलते दूसरी छमाही में सुस्ती छा गई। इसके चलते पूरे वित्त वर्ष की डिमांड ग्रोथ सिर्फ 7% रह गई। कीमतें ज्यादा रहने से 2022-23 में भी सुस्ती रहेगी। सीमेंट की बिक्री 5-7% बढ़ सकती है।
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