Quick News Bit

लवलिना के बॉक्सर बनने की कहानी: मोहम्मद अली की तस्वीर ने बदली लवलिना की जिंदगी, अब बॉक्सिंग में ओलिंपिक मेडलिस्ट बनीं

0
  • Hindi News
  • Sports
  • Tokyo olympics
  • Tokyo Olympic Lovlina Borgohain Win Olympic Medal Lovlina Profile Lovlina Inspired By The Twin Sisters, Lovlina Started Her Career In Kick Boxing

टोक्यो13 मिनट पहले

भारत की बॉक्सर लवलिना बोरगोहेन 69 किग्रा वेट कैटेगरी में सेमीफाइनल हार गई हैं। हालांकि उन्होंने भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। लवलिना ओलिंपिक में बॉक्सिंग में भारत को मेडल दिलाने वाली भारत की ओवरऑल तीसरी और महिलाओं में दूसरी बॉक्सर हैं। इससे पहले विजेंदर सिंह (2008) और मेरीकॉम (2012) में मेडल जीत चुके हैं।

लवलिना असम के गोलाघाट जिले की रहने वाली लवलिना ओलिंपिक में भाग लेने वाली असम की पहली महिला खिलाड़ी भी हैं। लवलिना बॉक्सिंग में आने से पहले किक बॉक्सिंग करती थीं। वे किक बॉक्सिंग में नेशनल लेवल पर मेडल जीत चुकी हैं। लवलिना ने अपनी जुड़वा बहनों लीचा और लीमा को देखकर किक बॉक्सिंग करना शुरू किया था।

लवलीना के बॉक्सिंग में आने की कहानी भी दिलचस्प है। उनके पिता एक दिन अखबार में लपेट कर मिठाई लाए थे। उस अखबार में दिग्गज मुक्केबाज मोहम्मद अली की तस्वीर थी। लवलिना ने जब अली के बारे में पूछा, तो पिता ने उन्हें फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी सुनाई। इसके बाद लवलीना की पूरी जिंदगी बदल गई और किक बॉक्सिंग छोड़ उनके मुक्केबाज बनने का सफर शुरू हुआ।

टोक्यो ओलिंपिक में लवलिना ने शानदार प्रदर्शन किया। वे बॉक्सिंग में मेडल जीतने वाली भारत की दूसरी महिला एथलीट हैं।

टोक्यो ओलिंपिक में लवलिना ने शानदार प्रदर्शन किया। वे बॉक्सिंग में मेडल जीतने वाली भारत की दूसरी महिला एथलीट हैं।

दोनों बहनों ने नेशनल लेवल पर मेडल जीता
स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI)) के असम रीजनल सेंटर में सिलेक्शन होने के बाद वे बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेने लगी थीं। उनकी दोनों बहनें भी किक बॉक्सिंग में नेशनल स्तर पर मेडल जीत चुकी हैं। लवलिना को बचपन में काफी संघर्ष करना पड़ा। उनके पिता टिकेन बोरगोहेन की छोटी सी दुकान थी। शुरुआती दौर में लवलिना के पास ट्रैकसूट तक नहीं था। इक्विपमेंट और डाइट के लिए संघर्ष करना पड़ता था।

लवलिना ने मां के सपने को पूरा किया
लवलिना ने भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘हम तीन बहनें हैं। सब लोग यही कहते थे कि लड़कियां कुछ नहीं कर पाएंगी, लेकिन मेरी मां ममोनी बोरगोहेन हमेशा कहती हैं कि कुछ ऐसा करना है, जिससे आपको लोग याद रखें।’ लवलिना अपनी मां के इस कथन को पूरी कर चुकी हैं। वे असम की पहली महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया और मेडल जीता है। इन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

लवलिना ओलिंपिक में बॉक्सिंग में भारत को मेडल दिलाने वाली भारत की ओवरऑल तीसरी और महिलाओं में दूसरी बॉक्सर हैं।

लवलिना ओलिंपिक में बॉक्सिंग में भारत को मेडल दिलाने वाली भारत की ओवरऑल तीसरी और महिलाओं में दूसरी बॉक्सर हैं।

SAI में आने के बाद लवलिना को मिली नई दिशा
लवलिना जब 9वीं क्लास में थीं, तभी उनका चयन असम में साई के स्थित रीजनल सेंटर के लिए हुआ। वहां पर ही उनके खेल में सुधार हुआ। लवलिना की कोच संध्या गुरांग ने एक इंटरव्यू में कहा था जब वह SAI में आई तो वह काफी डर के साथ खेलती थी। यहां आने के बाद ही उसकी तकनीक में सुधार हुआ और वह खुलकर खेलने लगी।

दो वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीत चुकी हैं मेडल
लवलिना 2018 और 2019 में हुए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं, वहीं दिल्ली में आयोजित पहले इंडियन ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में सिल्वर और गुवाहाटी में आयोजित दूसरे इंडियन ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। इसके अलावा वे 2017 में एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। 2018 कॉमनेवल्थ गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment