रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील: अब मुकेश अंबानी के नहीं होंगे ‘बिग बाजार’ स्टोर, फ्यूचर ग्रुप के साथ 24713 करोड़ की डील से पीछे हटी रिलायंस
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नई दिल्ली2 घंटे पहले
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रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप के बीच का सौदा अब खत्म हो गया है। रिलायंस ने आज यानी शनिवार को जानकारी दी कि फ्यूचर ग्रुप के साथ 24713 करोड़ रुपए का सौदा अब आगे नहीं बढ़ सकता है। कंपनी ने बताया है कि ग्रुप के सिक्योर्ड क्रेडिटल्स ने इसके खिलाफ वोट किया है। इसका मतलब यह हुआ कि फ्यूचर ग्रुप की फ्यूचर रिटेल को खरीदने के लिए रिलायंस की खुदरा यूनिट्स के बीच जो 24713 करोड़ रुपए का सौदा हुआ था, वह खारिज हो चुका है।
रिलायंस ने रेगुलेटरी फाइलिंग में यह जानकारी दी है। मुकेश अंबानी के मालिकाना हक वाली कंपनी के मुताबिक फ्यूचर ग्रुप की फ्यूचर रिटेल और अन्य लिस्टेड कंपनियों ने अपने शेयरधारकों व क्रेडिटर्स से डील पर मुहर लगाने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि यह प्रस्ताव खारिज हो गया।
रिलायंस के प्लान पर सहमति नहीं
जैसा कि शुक्रवार को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने डील के खिलाफ अपना वोट किया था, जिसके बाद शनिवार को रिलायंस ने इस सौदे से कदम पीछे हटा लिए हैं। फ्यूचर ग्रुप को कर्ज देने वाले क्रेडिटर्स ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर रिटेल असेट के बीच 24,730 करोड़ रुपए के सौदे को खारिज कर दिया था। इस बैठक में सरकारी बैंक के एक अधिकारी ने कहा था कि रिलायंस द्वारा रखी गई अरेंजमेंट स्कीम के खिलाफ सभी क्रेडिटर्स ने वोट किया था।
इस तरह कैंसिल हुई डील
रिलायंस और फ्यूचर के बीच हुए सौदे पर शेयरहोल्डर्स व लेंडर की मंजूरी लेने के लिए फ्यूचर ग्रुप से रिलेटेड कंपनियों ने इस हफ्ते दो अलग-अलग बैठकें कीं। शुक्रवार को बैठक के बाद फ्यूचर ग्रुप ने बताया था कि शेयरधारकों व अनसेफ लेंडर्स ने इस सौदे को मान लिया, लेकिन सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने इस प्लान को खारिज कर दिया है। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सौदे को निरस्त करते हुए कहा कि अब इस सौदे को नहीं किया जा सकता है।
अगस्त 2020 में हुआ था सौदा
फ्यूचर ग्रुप ने अगस्त 2020 में रिलायंस ग्रुप की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) के साथ 24,713 करोड़ रुपए के विलय समझौते की घोषणा की थी। इस समझौते के तहत खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक एवं भंडारण खंडों में सक्रिय फ्यूचर ग्रुप की 19 कंपनियों का रिलायंस रिटेल अधिग्रहण करने वाली थी।
इस डील पर क्या है विवाद?
साल 2019 में अमेजन ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन (फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी) में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला था। लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल को 24,713 करोड़ रुपए में बेचने की घोषणा की। इसी के बाद से ये विवाद शुरू हुआ।
अमेजन ने SIAC का रुख किया था
फ्यूचर-रिलायंस डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) का रुख किया था। अमेजन ने कहा था, रिलायंस और फ्यूचर रिटेल की डील उसकी और फ्यूचर कूपन के बीच हुई डील के खिलाफ है। इसके बाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में ये मामला चल रहा है।
CCI ने अमेजन-फ्यूचर कूपन डील को सस्पेंड किया
बीते दिनों कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने अमेजन की फ्यूचर कूपन के साथ हुई इस डील को सस्पेंड कर दिया था। कॉम्पिटिशन कमीशन ने डील के दौरान जानकारी छिपाने पर अमेजन पर 202 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था। CCI ने आदेश में कहा था, ‘अमेजन ने डील के अपने असली मकसद को छिपाया और एग्रीमेंट के लिए झूठे और गलत बयान दिए, इसलिए डील को नए सिरे से देखना होगा।’
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