Quick News Bit

राहुल बजाज का 83 साल की उम्र में निधन: लंबे वक्त से कैंसर से लड़ रहे थे; 50 साल तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे, 2001 में मिला था पद्म भूषण

0
  • Hindi News
  • National
  • Rahul Bajaj Dead ; Industrialist Rahul Bajaj Dies At 83; Chairman Of Bajaj Group For 50 Years; Received Padma In 2001

नई दिल्ली10 मिनट पहले

बजाज के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का शनिवार को पुणे में निधन हो गया। वे 83 साल के थे। बजाज लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। वे पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे।

रूबी हॉल क्लिनिक के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. पुरवेज ग्रांट ने कहा कि उन्हें निमोनिया था और दिल की भी समस्या थी। राहुल बजाज ने दोपहर 2.30 बजे आखिरी सांस ली है। इस दौरान उनके परिवार के करीबी सदस्य उनके पास मौजूद थे।

राहुल का जन्म 10 जून, 1938 को कोलकाता में मारवाड़ी बिजनेसमैन कमलनयन बजाज और सावित्री बजाज के घर हुआ था। बजाज और नेहरू परिवार में तीन जनरेशन से फैमिली फ्रैंडशिप चली आ रही थी। राहुल के पिता कमलनयन और इंदिरा गांधी कुछ समय एक ही स्कूल में पढ़े थे। 2001 में उन्हें पद्म भूषण का सम्मान भी मिल चुका है।

पढ़ें, छोटे से गांव से 1 लाख करोड़ रुपए का कैसे बन गया बजाज ग्रुप..

1965 में संभाला था बजाज ग्रुप का जिम्मा
राहुल बजाज ने 1965 में बजाज ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली थी। उनकी अगुआई में बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया और यह स्कूटर बेचने वाली देश की अग्रणी कंपनी बन गई। वे 50 साल तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे। 2005 में राहुल ने बेटे राजीव को कंपनी की कमान सौंपनी शुरू की थी। तब उन्होंने राजीव को बजाज ऑटो का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया था, जिसके बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कंपनी के प्रोडक्ट की मांग न सिर्फ घरेलू बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बढ़ गई।

गैरेज शेड में बनाया था पहला बजाज स्कूटर

युवा राहुल बजाज (बाएं से दूसरे) 1959 में राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के साथ। फोटो: बजाज ग्रुप

युवा राहुल बजाज (बाएं से दूसरे) 1959 में राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के साथ। फोटो: बजाज ग्रुप

देश की दिग्गद टू-व्हीलर कंपनी बजाज की जड़ें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुई हैं। जमनालाल बजाज (1889-1942) अपने युग के यशस्वी उद्योगपति थे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया था। आजादी की लड़ाई के दौरान वे महात्मा गांधी के ‘भामाशाह’ थे। 1926 में उन्होंने ट्रेडिंग करने के लिए उन्हें गोद लेनेवाले सेठ बछराज के नाम से एक फर्म बनाई बछराज एंड कंपनी। 1942 में 53 वर्ष की उम्र में उनके निधन के बाद उनके दामाद रामेश्वर नेवटिया और दो पुत्रों कमलनयन और रामकृष्ण बजाज ने बछराज ट्रेडिंग कारपोरेशन की स्थापना की।

1948 में इस कंपनी ने आयातित कॉम्पोनेंट्स से असेम्बल्ड टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर लाॉन्च किए थे। पहला बजाज वेस्पा स्कूटर गुड़गांव के एक गैरेज शेड में बना था। इसके बाद बछराज ट्रेडिंग कारपोरेशन ने कुर्ला में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया, जो बाद में आकुरडी में शिफ्ट किया गया। यहां फिरोदियाज की भागीदारी में बजाज परिवार ने टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर वाहन बनाने के लिए अलग अलग प्लांट्स लगाए। 1960 में कंपनी का नामकरण हुआ बजाज ऑटो।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू के साथ राहुल बजाज (नायडू के ठीक पीछे)। साथ में भारतीय उद्याोग जगत से आनंद महिंद्रा, आदि गोदरेज और आईटीसी के वाय.सी. देवेश्वर।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू के साथ राहुल बजाज (नायडू के ठीक पीछे)। साथ में भारतीय उद्याोग जगत से आनंद महिंद्रा, आदि गोदरेज और आईटीसी के वाय.सी. देवेश्वर।

बजाज के बुकिंग नंबर बेचकर लोगों ने लाखों कमाए
कम मूल्य और कम रखरखाव के साथ छोटे परिवार और छोटे ट्रेडर्स के लिए बेहद उपयुक्त बजाज ब्रांड वेस्पा स्कूटर बहुत जल्दी इतने लोकप्रिय हो गए कि 70 और 80 के दशक में बजाज स्कूटर खरीदने के लिए लोगों को 15 से 20 साल इंतजार करना पड़ता था। कई लोगों ने तो उन दिनों बजाज स्कूटर के बुकिंग नंबर बेचकर लाखों कमाए और घर बना लिए।

1990 में बजाज ने यंग जनरेशन खासकर युवतियों को टारगेट कर 60 सीसी का एक हल्का स्कूटर सनी लॉन्च किया। लॉन्चिंग के साथ ही यह इंडियन यूथ की पहली पसंद बन गई थी। यह कंपनी की पहली सिंगल गेयर स्कूटर था। कंपनी ने 1997 में इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया।

1990 में बजाज ने यंग जनरेशन खासकर युवतियों को टारगेट कर 60 सीसी का एक हल्का स्कूटर सनी लॉन्च किया। लॉन्चिंग के साथ ही यह इंडियन यूथ की पहली पसंद बन गई थी। यह कंपनी की पहली सिंगल गेयर स्कूटर था। कंपनी ने 1997 में इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया।

टीचर को कह दिया था ‘यू जस्ट कान्ट बीट अ बजाज’

बचपन में क्लास रूम से निकाले जाने पर अपने टीचर को ‘यू जस्ट कान्ट बीट अ बजाज’ कहने वाले राहुल बजाज की फितरत किसी के अधीन काम करने वाली नहीं रही। राहुल बजाज व फिरोदिया परिवार में कारोबार के विभाजन को लेकर विवाद हुआ। सितम्बर 1968 में लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद फिरोदियाज को बजाज टेम्पो मिला और राहुल बजाज बजाज ऑटो के चेयरमेन व मैनेजिंग डायरेक्टर बने। उनके तब प्रतिस्पर्धी थे- एस्कार्ट, एनफील्ड, API, LML व काइनेटिक। इन सबकी दो पहिया वाहन मार्केट 25% व तिपहिया वाहन मार्केट में तब हिस्सेदारी थी 10%। शेष हमारा बजाज ने लॉक कर रखी थी।

पद्म भूषण और फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक जैसे सम्मान मिले

2001 में राहुल बजाज को राष्ट्रपति के आर नारायण ने पद्म भूषण अवॉर्ड का सम्मान दिया था।

2001 में राहुल बजाज को राष्ट्रपति के आर नारायण ने पद्म भूषण अवॉर्ड का सम्मान दिया था।

2001 में उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ‘नाइट ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ नामक फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा गया है। वे 2006 से 2010 के बीच राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके थे। 1979-80 और 1999-2000 में दो बार राहुल बजाज भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष चुने गए । भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने उन्हें 2017 में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए सीआईआई राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया।

10 जून 2021 को अपने 83वें जन्मदिन पर राहुल बजाज। उन्हें नागपुर के उद्योगपति और लोकमत ग्रुप के चेयरमैन राजेंद्र दर्डा जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं।

10 जून 2021 को अपने 83वें जन्मदिन पर राहुल बजाज। उन्हें नागपुर के उद्योगपति और लोकमत ग्रुप के चेयरमैन राजेंद्र दर्डा जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं।

राहुल बजाज के निधन पर लोग श्रद्धांजलि दे रहे

  • नितिन गडकरी ने राहुल बजाज को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने लिखा- ‘यशस्वी उद्योजक, समाजसेवी और बजाज के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। पद्म भूषण से सम्मानित राहुल जी से मेरे अनेक वर्षों से व्यक्तिगत संबंध रहे हैं।’
  • पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी राहुल बजाज की मौत पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है- ‘राहुल बजाज वह शख्स थे, जिन्होंने आम आदमी को दोपहिया गाड़ी पर चलने की ताकत दी। उनकी मौत से हमने एक दूर दृष्टिता वाले और मुखर बिजनस लीडर को खो दिया है। मैं उनके परिवार को अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’
  • किरन मजूमदार शॉ ने भी राहुल बजाज की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा- ‘उद्योगपति राहुल बजाज की 83 साल की उम्र में मौत से मैं दुखी हूं। वह एक बहुत अच्छे दोस्त थे और मैं हमेशा उन्हें याद करूंगी। देश ने एक महान बेटा और देश बनाने वाला खो दिया है। ओम शांति।’
  • एनसीपी नेता और पूर्व सिविल एविएशन मिनिस्टर प्रफुल पटेल ने भी राहुल बजाज की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा- ‘भारत के कॉरपोरेट इतिहास में लंबे वक्त तक चेयरमैन की भूमिका निभाने वाले पद्म भूषण राहुल बजाज की मौत से दुखी हूं। उन्होंने बजाज को घर-घर का ब्रांड बना दिया था। उनके परिवार को मेरी संवेदना है। ओम शांति।’
  • केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे ने कहा- उनका जाना हमारे, उद्योगजगत और पुणे के लिए बहुत बड़ी क्षति है। वे सिर्फ एक उद्योगपति नहीं, एक समाजिक कार्यकर्ता भी थे।
  • देवेंद्र फडणवीस ने कहा- वे जिस घराने से थे उसका देश की स्वतंत्रा में एक बड़ा योगदान था। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में इस परिवार का एक बड़ा योगदान था। वे सिर्फ एक उद्योगपति नहीं बल्कि कई संस्थाओं को चलाने वाले समाजसेवी थे। उनका जाना सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है।
  • बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा- मैं उन्हें ताऊ जी कहती थी। उनका हमारे परिवार से घरेलू सम्बन्ध था। यह हमारा पर्सनल नुकसान है। उन्होंने हमेशा देश, राज्य और समाज के लिए काम किया। उन्होंने हजारों लोगों की मदद की। उनकी पत्नी रूपा चाची मराठी थी और हम हमेशा होली दीपवाली पर उनके यहां जाते थे।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Business News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment