रणजी ट्रॉफी में पहली बार अंपायरिंग करेंगी महिलाएं: इस सीजन के लिए शॉर्टलिस्ट पैनल में 3 महिलाओं के नाम
- Hindi News
- Sports
- BCCI Umpiring Panel; Who Is Vrinda Rathi, Janani Narayan, Gayatri Venugopalan
मुंबईकुछ ही क्षण पहले
- कॉपी लिंक
रणजी ट्रॉफी का नया सीजन 13 दिसंबर से शुरू होगा।
भारत के सबसे बड़े डोमेस्टिक क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में पहली बार महिलाएं अंपायरिंग करती नजर आएंगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने नए सीजन के लिए शॉर्ट लिस्ट अंपायरिंग पैनल में 3 महिलाओं को शामिल किया है।
88 साल के टूर्नामेंट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब अंपायरिंग पैनल में महिलाओं ने जगह बनाई है। 13 दिसंबर से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी के पैनल में मुंबई की वृंदा राठी, चेन्नई की जननी नारायण और गायत्री वेनुगोपालन को शामिल किया है।
वृंदा स्कोरर थीं, जबकि जननी ने नौकरी छोड़ दी।
मैच फीस भी पुरुषों के बराबर
महिला अंपायर्स की मैच फीस पुरुषों के ही बराबर है। बोर्ड ग्रेड के अनुसार पेमेंट करता है। अंपायर्स को ग्रेड के अनुसार एक दिन का 25 से 40 हजार तक पे किया जाता है। रणजी मैचों की मैच फीस दिन के आधार पर होती है।
गायत्री क्रिकेटर बनना चाहती थीं।
ऐसे बनता है पैनल
BCCI के अंपायर्स का पैनल रहता है। इसमें जो अच्छे अंपायर्स होते हैं, उन्हें रणजी मैच देते हैं। हर मैच के नंबर्स रहते हैं। रेफरी मैच के बाद रेटिंग पॉइंट देते हैं। सही और गलत फैसलों पर अंपायर्स की रैंकिंग बनती है। अभी बोर्ड के पैनल में 150 अंपायर्स हैं। उनमें से करीब 90 अंपायर्स को रणजी मैच मिलते हैं।
एक मुकाबले में 100 रेटिंग पॉइंट होते हैं। गलत फैसले पर नंबर्स कटते हैं। एक गलती करने पर 5 पॉइंट काटे जाते हैं। वाइड और नो बॉल की गलती पर एक-एक पॉइंट कटते हैं। इन्हीं रेटिंग पॉइंट के आधार पर रैंकिंग बनती है। मैच के बाद मार्किंग होती है। कुछ पॉइंट मैच मैनेजमेंट, विवाद की सिचुएशन को कैसे हैंडल किया…जैसी बातों के होते हैं।
भास्कर एक्सपर्ट: राजीव रिसोड़कर, BCCI लेवल-2 एजुकेटर (युवा अंपायर्स को ट्रेनिंग देते हैं)
5 साल पहले बोर्ड पैनल में शामिल हुई विमेन अंपायर
2017 में पहली बार BCCI पैनल में महिला अंपायर्स शामिल हुईं थी। तब पैनल में 2 ही महिला अंपायर्स थीं। 2018 में एक और शामिल हुई।
अब तीनों की संक्षिप्त जानकारी
- वृंदा राठी : मुंबई की रहने वाली वृंदा राठी मैच के दौरान स्कोरर का काम करती थीं। एक बार वे न्यूजीलैंड की इंटरनेशनल अंपायर कैथी क्रोस से मिलीं। क्रोस से मिलने के बाद वृंदा ने अंपायरिंग में हाथ अजमाने का फैसला किया और BCCI का अंपायरिंग टेस्ट पास किया।
- जननी नारायण : चेन्नई की जननी नारायण ने अंपायर बनने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।
- गायत्री वेणुगोपाल : गायत्री क्रिकेटर बनना चाहती थीं, लेकिन कंधे की चोट ने उनसे उनका सपना छीन लिया। उन्होंने क्रिकेट को खुद से दूर नहीं जाने दिया और अंपायरिंग करने लगीं।
विमेन अंपायर्स को ट्रेनिंग देगा बोर्ड
देश में ज्यादा से ज्यादा महिला अंपायर तैयार हों इसके लिए BCCI ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगा। साथ ही टेस्ट का आयोजन करेगा, ताकि महिला अंपायर का पैनल तैयार किया जा सके जो घरेलू क्रिकेट में अंपायरिंग कर सकें।
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.