Quick News Bit

यूरो कप डायरी: बेल्जियम के मिडफ़ील्ड के महारथी ने डी ब्रूयने ने हाफ टाइम के बाद बदला गेम

0
  • Hindi News
  • Sports
  • Belgium’s Midfield Master De Bruyne Changed The Game After Half Time

नई दिल्ली11 मिनट पहलेलेखक: सुशोभित सक्तावत

  • कॉपी लिंक
गोल करने के बाद खुशी का इजहार करते हुए डी ब्रुयने - Dainik Bhaskar

गोल करने के बाद खुशी का इजहार करते हुए डी ब्रुयने

एक फ़ुटबॉल-कोच को यों तो बहुत सारे ज़रूरी फ़ैसले लेना होते हैं। लेकिन मैच-डे के दिन उसके तीन फ़ैसलों पर सबकी नज़र रहती है। पहला, वो क्या फ़ॉर्मेशन खिला रहा है। दूसरा, उसकी स्टार्टिंग-इलेवन क्या है। और तीसरा, वो सबस्टिट्यूट के रूप में किनको मैदान में उतारेगा।

गुरुवार को ग्रुप बी के मुक़ाबले में दुनिया की नम्बर वन रैंकिंग वाली टीम बेल्जियम के मैनेजर रोबेर्तो मार्तीनेज़ को यह पता था कि उन्हें कौन-सा फ़ॉर्मेशन खिलाना है। उन्होंने 3-4-2-1 की सज्जा के साथ अपनी टीम मैदान में उतारी। उनकी स्टार्टिंग-इलेवन क्या होगी, इस बाबत उनके हाथ बंधे हुए थे, क्योंकि उनके कुछ सितारा खिलाड़ी पूरी तरह से फ़िट नहीं थे। और सबस्टिट्यूट के रूप में वो किसको मैदान में उतारेंगे, यह पूरी तरह से इस पर निर्भर था कि पहले हाफ़ में टीम कैसा खेलती है।

पहले हाफ़ की बात तो छोड़िये, खेल के दूसरे ही मिनट में बेल्जियम ने ख़ुद को एक गोल से पीछे पाया। यूरोपियन चैम्पियनशिप जैसे टूर्नामेंट में यहाँ से वापसी करना बहुत दुष्कर होता है। अपने सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी क्रिस्तियान एरिकसन के बिना खेल रही डेनमार्क की भावुक-टीम ने जैसे बेल्जियम पर धावा बोल दिया था और घरू दर्शकों के मुखर-समर्थन से उनके हौसले और हिमालयी हो गए थे। अगर बेल्जियम के गोलची कोर्टुआ ने कुछ नज़दीकी गोल नहीं बचाए होते तो यह खेल पहले हाफ़ में ख़त्म हो चुका होता। लेकिन बेल्जियम ने पहले हाफ़ को 1-0 पर रोके रखा। यह मार्तीनेज़ के लिए किसी जीत से कम नहीं था, क्योंकि उन्हें मालूम था दूसरे हाफ़ में उन्हें क्या करना है।

गोल के बाद जश्न मनाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी

गोल के बाद जश्न मनाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी

आज की तारीख़ में दुनिया के सबसे उम्दा मिडफ़ील्डर माने जाने वाले केवीन डी ब्रूयने को उन्होंने दूसरे हाफ़ में पहले मिनट से मैदान में भेजा और उन्होंने पूरा खेल बदल दिया। 54वें मिनट में उन्होंने थोर्गन हाज़ार को असिस्ट किया और 70वें मिनट में ख़ुद एक गोल दाग़ा। देखते ही देखते बाज़ी उलट गई। फ़ुटबॉल के खेल में ग्यारह खिलाड़ी मैदान में उतरते हैं और कोई भी नतीजा सामूहिक-प्रयास का परिणाम होता है, लेकिन कभी-कभी कोई एक खिलाड़ी एक लिन्चपिन के रूप में- एक की-इन्ग्रैडिएंट की तरह- काम करता है और अपनी टीम की सूरत बदल देता है। मैनचेस्टर सिटी और बेल्जियम के लिए केवीन डी ब्रूयने वैसे ही खिलाड़ी हैं।

केवीन एक टिपिकल मॉडर्न-डे-मिडफ़ील्डर हैं। उनका वर्करेट श्लाघनीय है। मिडफ़ील्ड को वे किसी बॉस की तरह रन करते हैं। इंग्लिश प्रीमियर लीग में वो थोक में असिस्ट देते हैं। बीते दो विश्वकप और यूरो कप में वो अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए आठ असिस्ट दे चुके हैं, यूरोप के किसी और खिलाड़ी ने इस अवधि में इतने अंतरराष्ट्रीय असिस्ट नहीं दिए हैं। ये आठ गोल जीत-हार का फ़ैसला करने वाले निर्णायक हस्तक्षेप की तरह रहे हैं। मैनचेस्टर सिटी में केवीन को पेप गोर्डिओला ने प्रशिक्षित किया है। जब पेप बार्सीलोना के कोच थे तो यहाँ उन्हें चावी-इनीएस्ता-बुस्केट्स की मिडफ़ील्ड-तिकड़ी की सेवाएँ प्राप्त थीं। मैनचेस्टर में उन्होंने डी ब्रूयने-डेविड सील्वा-फ़र्नान्दीनियो को इसी साँचे में ढाला। सील्वा अब सिटी से जा चुके हैं, लेकिन डी ब्रूयने लगातार निखर रहे हैं। वो अन्द्रेस इनीएस्ता की याद दिलाते हैं। डेनमार्क के ख़िलाफ़ उनके द्वारा किया गया दूसरा गोल देखकर कइयों की कल्पना में इनीएस्ता झलके होंगे- चेल्सी के सम्मुख चैम्पियंस लीग सेमीफ़ाइनल में और एल क्लैसिको में रीयल मैड्रिड पर 4-0 की यादगार जीत के दौरान इनीएस्ता के यादगार गोल ऐन इसी तर्ज़ पर थे।

खेल के बाद केवीन डी ब्रूयने ने कहा- “मुझे कोच ने यह कहकर मैदान में उतारा था कि तुम्हें स्पेस क्रिएट करना है। मैंने ना केवल स्पेस बनाया, बल्कि गोल भी किया।” इन पंक्तियों में एक आधुनिक मिडफ़ील्डर की कला का सार है। प्रतिपक्ष की डिफ़ेंस-लाइन की कड़ी नाकेबंदियों के बीच एक मिडफ़ील्डर को अपने ऑफ़-द-बॉल और विद-द-बॉल मूवमेंट्स से वैसा आकार रचना होता है, जिसमें से गोल करने के अवसर- एक व्यूह की तरह- उभरकर सामने आएँ। केवीन यह बख़ूबी जानते हैं। डेनमार्क के ख़िलाफ़ बेल्जियम द्वारा किया गया पहला गोल देखें- केवीन ने चार डिफ़ेंडरों को अपनी ओर खींचा, अपने फ़ुर्तीले-फ़ुटवर्क से उनमें से दो को धराशायी किया, फिर गेंद को दक्षतापूर्वक हाज़ार को पास कर दिया। हाज़ार ने एक हलके-से स्पर्श से उसे गोलचौकी के हवाले कर दिया। रोबेर्तो मार्तीनेज़ ने ठीक ऐसा ही स्पेस क्रिएट करने के लिए केवीन को मध्यान्तर के बाद मैदान में उतारा था।

ग्रुप सी के एक अन्य मुक़ाबले में नीदरलैंड्स ने ऑस्ट्रिया को 2-0 से हराया। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही फ़ैन्स अपने कोच से 4-3-3 फ़ॉर्मेशन चाह रहे थे, लेकिन कोच ने 3-5-2 फ़ॉर्मेशन खिलाया। क्या सच में आपको लग रहा था कि कोच फ्रान्क डी बोअर फ़ैन्स की बात मानकर अपना फ़ॉर्मेशन बदलेंगे, और वो भी टूर्नामेंट के बीच में? फ़ुटबॉल मैनेजर्स बहुत ज़िद्दी होते हैं और अपने फ़ॉर्मेशंस और स्टार्टिंग-इलेवन को लेकर बहुत ऑब्सेसिव ढंग से सोचते हैं। वास्तव में फ़ुटबॉल-मैनेजरों के व्यक्ति-वैचित्र्य पर पृथक से एक पुस्तक लिखी जा सकती है। फ़ैन्स की पसंद और कोच की ज़िद : इससे निर्मित होने वाला टकराव भी फ़ुटबॉल की अनेक रोचक उपकथाओं में से एक है।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment