यूरोप के क्लबों को चुनौती देने के लिए आयरलैंड तैयार: हर फुटबॉल क्लब के पास कृत्रिम सरफेस, जिसे बदला भी जा सकेगा
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डबलिन4 मिनट पहले
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फुटबॉल के दीवाने यूरोप में आयरलैंड इस खेल में पिछड़ रहा है। इसकी वजह 25 साल पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर है। प्रैक्टिस के लिए न खिलाड़ियों को आधुनिक सुविधाएं मिल पा रही हैं और न ही स्टेडियम में दर्शकों के बैठने के लिए ही पर्याप्त व्यवस्था है।
7 हजार 658 करोड़ रुपए ग्राउंड में सुविधा बढ़ाने के लिए किए जाएंगे खर्च
खुद फुटबॉल एसोसिएशन ऑफ आयरलैंड (एफएआई) ने कहा है कि खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम तक नहीं हैं। मेडिकल और स्पोर्ट्स साइंस जैसी सुविधाएं तक नहीं हैं। ग्राउंड के आर्टिफिशियल सरफेस खराब हो गए हैं। इसलिए आयरलैंड ने पूरे देश में फुटबॉल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने का फैसला लिया है। इसमें हर फुटबॉल क्लब के पास कृत्रिम सरफेस होगा, जिसे बदला भी जा सकेगा। इसके लिए 7 हजार 658 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
सरकार ग्राउंड में सुविधा बढ़ाने के लिए 4 हजार 580 करोड़ रुपए देगी
इसमें से 4 हजार 580 करोड़ रुपए सरकार देगी। वहीं, 1535 करोड़ रुपए स्थानीय प्रशासन, शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थाओं से मिलेंगे, जबकि 1535 करोड़ रुपए एफएआई को फीफा और यूएफा के जरिए खुद ही जुटाने होंगे।
दरअसल, अगले 15 साल में देश का फुटबॉल इंफ्रास्ट्रक्चर इतना आधुनिक बनाने की योजना है कि आयरलैंड के क्लब यूरोप के दूसरे फुटबॉल क्लबों काे चुनौती दे सकें। खिलाड़ियों को बेहतरीन सुविधाएं मिल सकें और उन्हें प्रैक्टिस के लिए वर्ल्ड क्लास माहौल मिले।
यहां आयरलैंड फुटबॉल फैसिलिटी फंड तैयार करने का भी प्रस्ताव है, ताकि खिलाड़ियों को भविष्य में भी किसी तरह की जरूरत हो या फिर स्टेडियम और दूसरी सुविधाएं बढ़ानी हो तो फंड की कमी न रहे।
2002 वर्ल्ड कप के बाद आयरलैंड की टीम नहीं खेली है वर्ल्ड कप
एफएआई नया फुटबॉल ट्रेनिंग सेंटर बनाना चाहता है क्योंकि पुराना ट्रेनिंग सेंटर यूरोप के दूसरे ट्रेनिंग सेंटरों के मुकाबले कहीं नहीं टिकता। एसोसिएशन देश में फुटबॉल की ऐसी इंटरनेशनल टीम तैयार करना चाहता है जो इंटरनेशनल टूर्नामेंट में ट्रॉफी हासिल कर सके।
आयरलैंड की महिला टीम ने इस बार वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर लिया था, लेकिन पुरुष टीम आखिरी बार 2002 में ही वर्ल्ड कप में नजर आई थी।
15 साल की योजना: हर क्लब के पास अपनी एकेडमी और ट्रेनिंग ग्राउंड होगा
एफएआई चाहता है कि 15 साल में आयरलैंड स्टेडियम की हर लीग में दर्शकों की संख्या बढ़ जाए। हर क्लब के पास अपनी एकेडमी और ट्रेनिंग ग्राउंड हो। महिलाओं के लिए जमीनी स्तर पर अलग सुविधाएं तैयार की जाएंगी।
आयरलैंड यूरोप के उन 12 देशों में से हैं, जिसने 2009 से 2018 तक एक भी नया स्टेडियम नहीं बनाया।
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