यूट्यूबर तैलंग के साथ Tech Talk: अनचाही कॉल्स और स्पैम मैसेज से हो रहे परेशान, तो काम आएंगी ये जरूरी टिप्स
नई दिल्ली20 घंटे पहले
फिजूल कॉल्स या मैसेज ज्यादातर उसी वक्त आते हैं जब हम कोई जरूरी काम कर रहे होते हैं। इन सब से छुटकारा कैसे पाया जाए? आज यही जानते हैं। स्पैम कॉल्स या मैसेज से 100% छुटकारा पाना तो मुमकिन नहीं, क्योंकि किसी क्रिमिनल हैकर्स की तरह स्पैमर्स भी हर वक्त अपने डेटा को अपग्रेड करते रहते हैं। डेटा यानी आपके हमारे कॉन्टैक्ट नंबर्स और स्पैमर्स जिन नंबर्स से कॉल/मैसेज करते हैं, वो भी ज्यादातर बोट्स ही होते हैं।
इस परेशानी से पूरी तरह से निजात पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन इनको काफी हद तक रोका जा सकता है। जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया के किसी भी नंबर पर आने वाले स्पैम कॉल्स और मैसेज को आसानी से ब्लॉक किया जा सकता है।
स्पैम कॉल्स और मैसेज ब्लॉक करने के दो तरीके हैं…
पहला: SMS के जरिए
इसके लिए सबसे पहले मैसेजिंग ऐप में जाएं। यहां START 0 टाइप करके 1909 पर भेज दें। इसके बाद आपके नंबर पर स्पैम कॉल नहीं आएंगे।
दूसरा: कॉलिंग के जरिए
आप एक कॉल करके भी अपने फोन पर आने वाले स्पैम कॉल और मैसेज को ब्लॉक कर सकते हैं। स्पैम कॉल और मैसेज ब्लॉक करने के लिए अपने फोन से 1909 पर कॉल करें। फोन पर मिलने वाली गाइडलाइन का पालन करें और डू नॉट डिस्टर्ब (DND) सर्विस को एक्टिव करें।
इन दोनों तरीकों से आपके फोन पर स्पैम कॉल्स और मैसेज आने काफी कम हो जाएंगे। आपके डेटा को आपका नेटवर्क प्रोवाइडर, थर्ड पार्टीज के साथ शेयर नहीं करेगा। जिससे नए स्पैमर्स आप तक नहीं पहुंचेंगे, लेकिन जिन थर्ड पार्टीज के पास आपका नंबर DND एक्टिवेट करने से पहले हो, वहां से आपको कॉल्स फिर भी आते रहेंगे।
स्पैमर्स को आपका नंबर कैसे पता चलता है?
स्पैमर्स के पास डेटाबेस, नेटवर्क प्रोवाइडर्स के अलावा भी कई अलग-अलग सोर्स से आता रहता है। जैसे किसी ऐप या वेबसाइट पर आपने अपना नंबर शेयर किया हो, या किसी आर्गनाइजेशन, रेस्टोरेंट में फीडबैक देते वक्त अपना नंबर दिया हो। ऐसी कई जगहों से स्पैमर्स अपना डाटाबेस बढ़ाते रहते हैं और मार्केटिंग कंपनियां, इन सर्विसेस का इस्तेमाल अपने प्रचार-प्रसार के लिए करती हैं।
ट्रूकॉलर या कॉल ब्लॉकर भी काम आएंगे
इसके अलावा ऐसे कई ऐप्स आते हैं जिनकी मदद से आप स्पैम कॉल्स और मैसेज को ब्लॉक कर सकते हैं। इसमें ट्रूकॉलर या कॉल ब्लॉकर्स जैसे और भी कई ऐप्स हैं, लेकिन इन सभी ऐप्स पर आंख मूंद कर भरोसा करना बेवकूफी होगी, क्योंकि ऐसा कई दफा होता है कि इस तरह के ऐप्स मैलवेयर ऐप्स हों, जो आप पर नजर रखे हुए हों और पर्सनल डेटा को चुरा रहे हों।
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