यहां तराशे जाते हैं ‘अर्जुन’, VIDEO: जबलपुर की तीरंदाजी अकादमी की मुस्कान गोल्ड पर लगा चुकी हैं निशाना, 9 साल में 11 खिलाड़ियों ने वर्ल्ड क्लास कॉम्पीटिशन में डंका बजाया
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- Muskan Gold Of Jabalpur’s Archery Academy Has Been Targeted, In 9 Years 11 Players Played A Dunk In The World Class Competition
जबलपुर3 घंटे पहले
जबलपुर की मुस्कान कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी हैं।
मध्यप्रदेश के जबलपुर की पहचान अब तीरंदाजी के लिए बनती जा रही है। यहां के तीरंदाज गोल्ड पर निशाना साध रहे हैं। कोच रिचपाल सिंह सलारिया को विश्वामित्र पुरस्कार से प्रदेश सरकार ने सम्मानित किया है। जबलपुर में प्रशिक्षण ले रहे उनके 11 खिलाड़ी विश्व स्तरीय चैम्पियनशिप में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। वर्तमान में इस सेंटर से प्रशिक्षण ले रही मुस्कान किरार, एश्वर्या चौधरी, अमित कुमार ने इंटरनेशनल और नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है। इन्होंने गोल्ड, सिल्वर मेडल भी हासिल किया है। अक्टूबर-2013 में जबलपुर में तीरंदाजी अकादमी शुरू की गई थी।
पढ़िए खिलाड़ी और यहां के काेच के सफर की कहानी…
संस्कारधानी निवासी मुस्कान किरार वर्ल्ड कप से लेकर कई चैम्पियनशिप में देश के लिए गोल्ड जीत चुकी हैं। गुरंदी बाजार की रहने वाली मुस्कान बेहद साधारण परिवार से हैं। पिता वीरेंद्र किरार मीट की दुकान चलाते हैं। मां माला किरार घर संभालती हैं। मुस्कान स्टेट ऑचर्री एकेडमी में तीरंदाजी सीख रही हैं। मुस्कान ने बर्लिन में 2019 में ऑचरी विश्व चैम्पियनशिप में देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है। वे 17 की उम्र में ही बैंकाक में हुए एशिया कप तीरंदाजी में गोल्ड जीत कर अपनी प्रतिभा परचम लहरा चुकी हैं।
18वें एशियन गेम्स की रजत जीतने वाले तीरंदाजी कंपाउंड टीम इवेंट में मुस्कान किरार (दाएं से पहली)।
ट्रक ड्राइवर पिता के बेटे अमित का गोल्ड तक का सफर
पिछले दिनों पोलैंड में जूनियर वर्ल्ड ऑचर्री चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले अमित कुमार के पिता ट्रक ड्राइवर हैं। डेंगू के चलते उनकी मां की मौत हो गई। बावजूद उन्होंने गोल्ड जीता। उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले अमित कुमार ने आर्थिक संकट से जूझते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। जबलपुर में रह रहे चाचा के पास रहकर अकादमी से तीरंदाजी के गुर सीख रहे हैं।
पोलैंड में वर्ल्ड ऑचर्री चैंपियनशिप में मौजूद अमित।
2016 से जबलपुर बन गया तीरंदाजी का केंद्र
जम्मू-कश्मीर के रहने वाले रिचपाल सिंह सलारिया को 2016 में स्टेट ऑचर्री एकेडमी का कोच बनाया गया। इसी के साथ जबलपुर में कई खिलाड़ी सामने आए। जबलपुर से शिवांश अवस्थी, मुस्कान किरार, अमित यादव, यश्वी उपाध्याय, चिराग विद्यार्थी, आरसी चौधरी, सृष्टि सिंह, रागिनी मार्को, अनुराधा अहिरवार व अमित कुमार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर चुके हैं।
ये खिताब यहां के तीरंदाज जीत चुके हैं
- 2017 में एशिया कप में टीम गोल्ड व टीम कांस्य।
- 2018 में एशिया कप में कम्पाउंड में गोल्ड, टीम कांस्य।
- 2018 में एशिया कप स्टेज टू में टीम सिल्वर, वर्ल्ड कप दो व तीन और 18वीं एशियन गेम्स में टीम सिल्वर।
- 2019 में तीसरे ISSF इंटरनेशनल आर्चरी चैम्पियनशिप में टीम गोल्ड, एशिया कप स्टेज-1 में गोल्ड व टीम कांस्य।
- 2019 में ही वर्ल्ड चैम्पियनशिप में टीम कांस्य, यूथ वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मिक्स गोल्ड और एशियन ऑर्चरी चैम्पियनशिप में टीम सिल्वर।
- 2020 व 2021 में एशिया कंप, वर्ल्ड कप, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में यहां के खिलाड़ियों का चयन हुआ, लेकिन कोविड के चलते वे शामिल नहीं हो पाए।
- 2021 में पोलैंड में आयोजित जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में अमित ने गोल्ड जीता।
कोच रिचपाल सिंह मुस्कान किरार के साथ।
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