महंगाई को काबू करने में सरकार सफल: वित्त मंत्री ने कहा– महामारी में भी हमने GDP को बेहतर मैनेज किया, BSNL और MTNL के लिए रिकवरी पैकेज
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नईदिल्ली4 मिनट पहले
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार कोविड महामारी के बाद भी GDP को अच्छे तरीके से मैनेज करते हुए महंगाई को कंट्रोल किया है। यूपीए सरकार के समय जब देश, विश्व आर्थिक संकट से जूझ रहा था, उस समय GDP डबल डिजिट को छू लिया था। वित्त मंत्री ने बजट सत्र के चर्चा दौरान अपने जबाब में कहा कि 2020-21 में महामारी के समय GDP में 6.6% की कमी आई। इसकी वजह से अर्थव्यवस्था को 9.57 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
सरकार ने इसके बाद भी उपभोक्ता महंगाई दर को 6.2 के अंदर रखने में सफल रही है। जबकि विश्व आर्थिक संकट के समय उपभोक्ता महंगाई दर 9.1% थी। आगे उन्होंने कहा कि इससे यह पता चल रहा है कि उस समय छोटे संकट के तुलना में, हम अर्थव्यवस्था को अच्छे से संभाल रहे हैं। सरकार उपभोक्ता महंगाई दर को नियंत्रण में रखने के लिए जरुरी कदम उठा रही है।
10 साल पहले BSNL और MTNL को मिलना चाहिए था पैकेज
वित्तमंत्री ने यूपीए की आलोचना करते हुए कहा कि इनके सरकार के समय राज्य सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली कंपनी BSNL और MTNL को बिकने के कगार पर पहुंचा दिया था। हमारी सरकार ने इन्हें फिर से जीवित करने के लिए रिकवरी पैकेज लाई है। हम 4G के लिए 24 हजार करोड़ दे रहे हैं, जो 10 साल देरी से दिया जा रहा है। यह यूपीए की सरकार के समय ही दिया जाना चाहिए था। इसी के साथ 69 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। वित्तमंत्री ने विपछी पार्टी कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि 2008-09 के आर्थिक संकट के प्रभाव को कम करने के लिए क्या किया ।
शशि थरूर ने लोगों के आशाओं और आकांक्षाओं को धोखा देने का लगाया आरोप
इससे पहले कांग्रेस पार्टी के शशि थरूर ने बजट सत्र के दौरान कहा कि बजट ने देश में बेरोजगारी के उच्चतम स्तर की इशारा करते हुए लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को धोखा दिया है। बजट चर्चा में सीतारमण के जबाब के अंत में कांग्रेस पार्टी के सदन से वाक आउट किया।
शशि थरूर का जबाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के सामने आने वाले समस्या को दूर सरकार द्वारा कई कदम उठाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने 2015 में शुरू की गई छोटे व मध्यम उघ्घम के लिए एक ऋण योजना और प्रधान मंत्री मुद्रा योजना का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत 32.11 करोड़ रुपए लोन स्वीकार के साथ 17 टिलियन रुपए दिए हैं। इससे 2015-18 के बीच 1.2 करोड़ रोजगार पैदा हुए हैं।
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