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भीलवाड़ा में 18 देशों से बढ़े कपड़ों के ऑर्डर: महंगे कॉटन से 30% तक बढ़े कपड़ों के दाम, मांग में भी इजाफा

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  • Prices Of Clothes Increased By 30% From Expensive Cotton, Demand Also Increased

नई दिल्ली4 दिन पहलेलेखक: जसराज ओझा

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गर्मी बढ़ने के साथ-साथ इस मौसम में ज्यादा पसंद किए जाने वाले कॉटन के कपड़े भी 30% तक महंगे हो गए हैं। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतें बढ़ना इसकी सबसे बड़ी वजह है। खास बात ये है कि कीमत में इजाफे के बीच मांग में भी तकरीबन 20% का इजाफा देखने को मिल रहा है। आलम ये है कि सौ फीसदी क्षमता से काम करने के बावजूद भीलवाड़ा की यार्न मिलें मांग पूरी नहीं कर पा रही हैं।

कोविड महामारी के बाद मिल रहे ज्यादा ऑर्डर
कारोबारियों के मुताबिक, कोविड महामारी के बाद 18 देशों से कॉटन यार्न और कपड़ों के पहले से ज्यादा ऑर्डर आ रहे हैं। यूरोप, आस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका इसमें शामिल है। भीलवाड़ा से इन देशों को करीब ढाई लाख टन कॉटन यार्न का निर्यात होता है, जो कि कुल उत्पादन का 65% है। दूसरी ओर, इस साल देश में कॉटन का उत्पादन 10% कम हुआ है।

यूं साल दर साल बढ़ रहे कपड़ों के दाम

कपड़े/यार्न फरवरी-20 फरवरी-21 फरवरी-22
पॉलिस्टर विस्कॉस 45-90 55-100 115-150
टेक्सचराज ​​​​​​ 45-90 55-100 70-110
कॉटन 135-145 160-175 160-250
डेनिम 180-240 210-270 210-280

(भाव रुपए प्रति मीटर में)

कॉटन का उत्पादन कम रहने का अनुमान
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया का अनुमान है कि इस साल देश में कुल उत्पादन 315 लाख गांठ रहेगा, जबकि उत्पादन 350 लाख गांठ का रहता है। एक गांठ में 170 किलो कॉटन होता है। इसके अलावा ब्राजील, चीन और अर्जेंटीना में भी कॉटन का उत्पादन घटा है। ऐसे में कॉटन 15-30% महंगा हो गया है और कॉटन के कपड़ों के दाम 25-30% बढ़ गए हैं।

साढ़े तीन माह में 30% बढ़े कॉटन के भाव
जनवरी से अप्रैल के पहले पखवाड़े तक देश में कॉटन के भाव 30% तक बढ़ गए हैं। ओरिगो ई-मंडी के असिस्टेंट जीएम तरुण तत्संगी ने कहा, ‘कॉटन हमारे लक्ष्य 45,000 रुपए के करीब है। यह 48,000 रुपए तक जा सकता है।’

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