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भास्कर एक्सक्लूसिव: यूक्रेन की चमकदार मिट्टी से ही देश में बनते हैं टाइल्स, इस मिट्टी की दुनिया भर के देशों में होती है सप्लाई

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अहमदाबाद34 मिनट पहलेलेखक: यशपाल बख्शी

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यूक्रेन पर रूस के हमले से पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। इससे कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर भी असर पड़ने वाला है। ऐसा ही एक बुरा असर गुजरात की टाइल्स सिटी मोरबी पर भी पड़ने वाला हैं। क्योंकि मोरबी में बनने वाले ज्यादातर चमचमाते टाइल्स में यूक्रेन की ही चमकीली मिट्टी का उपयोग किया जाता है।

दरअसल, यूक्रेन की जमीन से गीली और चमकदार मिट्टी निकलती है, जो टाइल्स के निर्माण में बहुत काम आती है। इसी के चलते मोरबी के टाइल्स बिजनेसमैन भारी मात्रा में यूक्रेन की मिट्टी खरीदते हैं। इस तरह यूक्रेन पर हमले से इस बिजनेस पर सीधा असर पड़ने वाला है।

यूक्रेन की मिट्टी की खासियत
यूक्रेन की मिट्टी की खासियत यह है कि यह दूधिया चमक लिए होती है। यह सूखने के बाद ज्यादा चमकदार हो जाती है। इटली के मार्बल में जो पार्टिकल्स पाए जाते हैं, वही यूक्रेन की मिट्टी में भी होते हैं। यूक्रेन में मिट्टी की ढेरों खदानें हैं और इसकी सप्लाई दुनिया भर के देशों में होती है।

दुनिया भर में डिमांड बढ़ी तो यूक्रेन की मिट्टी महंगी हो गई
इस बारे में मोरबी सिरामिक एसोसिएशन विट्रीफाइड विभाग के प्रमुख मुकेशभाई कुंडारिया बताते हैं कि अगर दो दशक पहले की बात करें तो मोरबी के सिरेमिक उद्योग में यूक्रेनी मिट्टी का सबसे अधिक उपयोग किया जाता था। मोरबी में इसकी इतनी डिमांड होती थी कि यूक्रेन से कंटेनर्स से ही नहीं, बल्कि स्टीमर भर-भरकर मिट्टी मोरबी पहुंचती थी।

उस समय यूक्रेन की मिट्टी में अन्य मिट्टी मिलाकर टाइल्स बनाए जाते थे। धीरे-धीरे यूक्रेन की मिट्टी की डिमांड दुनिया भर में होने लगी तो इसकी कीमत में भी इजाफा होता गया। इस पर भी बड़े-बड़े बिजनेसमैनों का एकाधिकार होने लगा तो मोरबी के छोटे व्यापारियों ने इसका उपयोग करना बंद कर दिया। अब कुछ बड़ी कंपनियां ही यूक्रेन से मिट्टी इंपोर्ट करती हैं।

तीन सालों से कम हुआ आयात
इस बारे में धर्मेशभाई जोबनपुत्रा (मोरबी सिरामिक इंडस्ट्री के टेक्निकल कंसलटेंट) ने बताया कि मोरबी के सिरामिक उद्योग को यूक्रेन की मिट्टी इसलिए भी महंगी पड़ने लगी, क्योंकि उस समय सारा खर्चा मिलाकर भी मिट्टी 2-3 रुपए किलो में मिल जाती थी। पिछले 2-3 सालों में यही कीमत 8-10 रुपए तक पहुंच चुकी है।

वहीं, टाइल्स के लिए लाखों टन मिट्टी की जरूरत होती थी। इसके चलते कुछ कंपनियों ने दूसरा रास्ता निकाला और टाइल्स के लिए राजस्थान की मिट्टी का उपयोग करने लगे। हालांकि, अब भी अच्छे किस्म के और महंगे टाइल्स यूक्रेन की मिट्टी से ही तैयार होते हैं। हालांकि, अब यूक्रेन जंग की आग में घिर गया है तो वहां से मिट्टी का आयात काफी लंबे समय तक प्रभावित रहने की आशंका है।

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