बेहतर होगा यात्रा का अनुभव: प्राइवेट प्लेयर भारत गौरव ट्रेनों को ऑपरेट कर सकेंगे; यात्रियों को लोकल ट्रांसपोर्ट, होटल जैसी सुविधाएं मिलेंगी
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नई दिल्ली3 मिनट पहले
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प्राइवेट प्लेयर्स अब ट्रेन को लीज पर ले सकेंगे। ट्रेन्स को अपनी पसंद के किसी भी सर्किट पर चला सकेंगे। अपने हिसाब से ट्रेन का रूट, किराया और सर्विस की क्वालिटी तय कर सकेंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को ‘भारत गौरव ट्रेनों’ की शुरुआत करने की घोषणा की। देश में 180 से ज्यादा भारत गौरव ट्रेन चलाई जाएंगी।
सोसाइटी, ट्रस्ट, कंसोर्टियम और यहां तक कि राज्य सरकारों से कोई भी इन ट्रेनों को लेने के लिए आवेदन कर सकता है और उन्हें थीम पर आधारित स्पेशल टूरिज्म सर्किट पर चला सकता है। रेलवे ने कहा कि थीम आधारित पर्यटन का मतलब गुरु कृपा जैसी ट्रेन है जो गुरु नानक से संबंधित सभी स्थानों पर जाती है या रामायण-थीम वाली ट्रेन भगवान राम से संबंधित स्थानों पर जाती है।
ट्रेन सर्विस में एक और नया सेगमेंट
स्कीम को लॉन्च करते हुए रेल मंत्री ने कहा, ‘भारत गौरव ट्रेन सर्विस में एक और नया सेगमेंट होगा। हमारे देश में इतने कई सारे कल्चरल हेरिटेज है। ये ट्रेनें टूरिस्ट को इन्हीं कल्चरल हेरिटेज वाली जगहों पर लेकर जाएंगी। इन ट्रेनों का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है।’ इससे पहले पैसेंजर और माल ढुलाई सेगमेंट को शुरू किया जा चुका है।
180 से ज्यादा ट्रेनों का आवंटन
रेल मंत्री ने कहा, ‘हमने भारत गौरव ट्रेनों के लिए 180 से ज्यादा ट्रेनों का आवंटन किया है। इसमें 3033 कोच होंगे। ट्रेनों के ऑपरेशन के लिए आवेदन की प्रोसेस भी शुरू हो गई है। हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।’ उन्होंने कहा, ‘स्टेकहोल्डर ट्रेन को मॉडिफाई करेंगे और चलाएंगे। रेलवे मेंटेनेंस, पार्किंग और अन्य सुविधाओं में उनकी मदद करेगा।’
भारत गौरव ट्रेन को लीज पर लेने की प्रोसेस
- ट्रेन को लीज पर लेने के लिए 1 लाख रुपए की वन टाइम फीस के साथ अपना रजिस्ट्रेशन होगा।
- सभी पात्र आवेदकों को कोचों का आवंटन उपलब्धता पर निर्भर है।
- रैक सिक्योरिटी डिपॉजिट टाइम और डेट के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी।
- ऑपरेटरों को प्रति रेक 1 करोड़ रुपए का सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करना होगा।
- इंडिविजुअल, पार्टनरशिप फर्म, कंपनी, सोसाइटी, ट्रस्ट, जेवी/कंसोर्टियम (अनइन्कॉरपोरेटेड/इन्कॉपोरेटेड) आवेदन के लिए पात्र हैं।
हर ट्रेन में 14-20 कोच होंगे
- ट्रेनों को 2-10 सालों के लिए लीज पर लिया जा सकेगा।
- हर ट्रेन में दो गार्ड वैन सहित 14-20 कोच होंगे।
- रेलवे सिर्फ हॉलेज चार्ज और राइट टू यूज फी लेगा।
- ऑपरेटरों की सुविधा के लिए रेलवे जोन में स्पेशल यूनिट स्थापित करेगा।
- ऑपरेटर्स के पास ट्रेनों के अंदर और बाहर ब्रांडिंग और विज्ञापन की अनुमति होगी।
मिलेंगी फूड, लोकल ट्रांसपोर्ट, होटल जैसी सुविधा
- यात्रियों के लिए लग्जरी, बजट जैसे कोचों का विकल्प होगा।
- ट्रेन ऑपरेटर्स को स्टॉपओवर प्लेसेज पर साइटसीइंग, फूड, लोकल ट्रांसपोर्ट, होटल की सुविधा देनी होगी।
- ऑपरेटर को ऑनबोर्ड एंटरटेनमेंट जैसी सुविधाएं भी इसके तहत देनी होंगी।
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