पैसे की तंगी से कमजोर पड़े श्रीलंकाई क्रिकेटर: बोर्ड को चिट्ठी लिखकर कहा- जनवरी से सैलरी नहीं मिली; पैसे दें, हम कोई भी कॉन्ट्रैक्ट साइन करने को तैयार
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कोलंबो9 मिनट पहले
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टूर-टु-टूर कॉन्ट्रैक्ट में सीरीज के लिए टीम में नहीं चुने जाने पर सैलरी नहीं मिल रही है। इंग्लैंड और अब भारत के लिए सीरीज में भी इसी आधार पर श्रीलंका टीम चुनी गई है।
श्रीलंकन क्रिकेट बोर्ड (SLC) और खिलाड़ियों के बीच महीनों से चला आ रहा कॉन्ट्रैक्ट विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी वजह से एंजेलो मैथ्यूज जैसे श्रीलंका के दिग्गज ऑलराउंडर को रिटायरमेंट लेनी पड़ रही है। वहीं, दिमुथ करुणारत्ने और कुसल परेरा जैसे खिलाड़ियों ने भी कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से मना कर दिया था। अब यह विवाद युवा खिलाड़ियों को भी परेशानी में डाल रहा है।
इसको लेकर श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने बोर्ड को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा कि हमें इस साल जनवरी से सैलरी नहीं मिली है। प्लीज सैलरी दें और हम कोई भी कॉन्ट्रैक्ट साइन करने को तैयार हैं। फिलहाल सभी श्रीलंकाई प्लेयर्स टूर-टु-टूर कॉन्ट्रैक्ट पर खेल रहे हैं। इसमें सीरीज के लिए टीम में चुने जाने पर ही खिलाड़ियों को सैलरी दी जा रही है।
कॉन्ट्रैक्ट विवाद की वजह से ही दासुन शनाका को भारत दौरे के लिए टीम का कप्तान बनाया गया। वहीं, धनंजय डिसिल्वा को उप-कप्ताम बनाया गया। श्रीलंकन बोर्ड पिछले 2 साल में 10 कप्तान बदल चुका है।
टूर-टु-टूर कॉन्ट्रैक्ट से खिलाड़ियों को नुकसान
टूर-टु-टूर कॉन्ट्रैक्ट में सीरीज के लिए टीम में नहीं चुने जाने पर सैलरी नहीं मिल रही है। इंग्लैंड और अब भारत के लिए सीरीज में भी इसी आधार पर श्रीलंका टीम चुनी गई है। कप्तान दासुन शनाका समेत टीम में चुने गए खिलाड़ी को सिर्फ सीरीज की सैलरी मिलेगी।
कॉन्ट्रैक्ट विवाद का असर परफॉर्मेंस पर पड़ा
इसका असर श्रीलंकाई टीम के परफॉर्मेंस पर भी पड़ रहा है। श्रीलंका टीम को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज में हार मिली थी। इसके साथ ही भारत के खिलाफ पहला वनडे हार चुके हैं।
17 जुलाई को प्लेयर्स ने बोर्ड को लिखी चिट्ठी
अखबार द मॉर्निंग श्रीलंका के मुताबिक, श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने 17 जुलाई को चिट्ठी लिखी थी। इसमें खिलाड़ियों ने लिखा था- हमें नए सिस्टम के तहत 1 जनवरी 2021 से सैलरी नहीं मिली है। इस नए सिस्टम को भी मार्च में हटा दिया गया था। खिलाड़ियों को भी इसके बाद लाए गए नए नियम का पता नहीं था। इस वजह से ही हम सभी खिलाड़ियों को लिखित में नोटिस भेजना पड़ रहा है।
सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से क्यों मना कर रहे थे श्रीलंकन प्लेयर्स?
- श्रीलंकन बोर्ड ने परफॉर्मेंस बेसिस पर खिलाड़ियों को कॉनट्रैक्ट साइन करने के लिए कहा था।
- प्लेयर्स का मानना था कि परफॉर्मेंस बेस्ड कॉन्ट्रैक्ट में पारदर्शिता की कमी है। इससे सही जजमेंट नहीं हो पाएगा।
- इसके साथ ही श्रीलंकन प्लेयर्स की सैलरी को भी घटाया गया था। करुणारत्ने, मैथ्यूज जैसे खिलाड़ियों की सैलरी में 35% तक कटौती की गई।
- सीनियर प्लेयर्स परफॉर्मेंस बेसिस पर कुछ युवा खिलाड़ियों को तरजीह दिए जाने पर नाराज थे।
- उनका मानना था कि SLC और उनके एडवाइजर्स ने खिलाड़ियों को कैटेगराइज करते वक्त पारदर्शिता नहीं रखी।
- इसके बाद बोर्ड ने टूर-टु-टूर कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया। इससे कई खिलाड़ियों को मिलने वाली सालाना सैलरी भी रुक गई।
- कुछ सीनियर प्लेयर्स को जबरदस्ती टूर कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया गया। कॉन्ट्रैक्ट नहीं साइन करने पर बोर्ड ने उन्हें टीम से निकालने और B टीम को चुनने की धमकी दी थी।
कई खिलाड़ी पारिवारिक समस्या से जूझ रहे
इस विवाद से अब श्रीलंका के टैलेंटेड यंग प्लेयर्स को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वे अपना घर का किराया और परिवार की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इसके साथ ही कई खिलाड़ियों की शादी भी इसी वजह से रुकी हुई है।
मुरलीधरन ने भी जताई थी नाराजगी
खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट नहीं साइन करने पर पूर्व दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन भी ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि सीनियर खिलाड़ियों ने युवा खिलाड़ियों को कॉन्ट्रैक्ट नहीं साइन करने दिया, क्योंकि नए कॉन्ट्रैक्ट के तहत उनको नुकसान हो रहा था।
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