पैसिव मल्टी-एसेट फंड निवेश के लिए बेहतर: कम रिस्क और खर्च पर एसेट एलोकेशन कर देते हैं, जानिए इससे जुड़ी सभी डिटेल्स
नई दिल्ली3 दिन पहले
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यूक्रेन संकट, रिकॉर्ड तोड़ महंगाई, बढ़ती ब्याज दरें, कमजोर पड़ती करेंसी और इन सबके बीच शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव। जाहिर है कि हालात अच्छे नहीं हैं। बाजार के पंडितों को भी नहीं पता कि इक्विटी का हाल कब सुधरेगा। ऐसे माहौल में सबसे ज्यादा दिक्कत उन निवेशकों को होती है, जो ज्यादातर निवेश इक्विटी में करते हैं।
ऐसे ही निवेशकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पैसिव मल्टी-एसेट फंड की शुरुआत हुई है। यह फंड कम खर्च और कम जोखिम के साथ निवेशकों की एसेट एलोकेशन में भी मदद करता है। आइए इसके बारे में जानते हैं..
पैसिव मल्टी-एसेट फंड इसलिए बेहतर
पैसिव मल्टी एसेट फंड्स में सभी एसेट क्लास के ईटीएफ और इंडेक्स फंड जैसे कि गोल्ड ईटीएफ, निफ्टी इंडेक्स फंड, सिल्वर ईटीएफ आदि शामिल किए जाते हैं। बाजार में ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम पहले से थीं, जो निवेशकों को सभी एसेट क्लास के बैलेंस्ड मिक्स ऑफर करती हैं। दिक्कत ये थी कि ऐसे फंड एक्टिवली मैनेज्ड नहीं होते। यानी हालात के हिसाब से इनके एसेट एलोकेशन में त्वरित बदलाव नहीं होता था।
वहीं, पैसिव मल्टी-एसेट फंड में फंड मैनेजर समय-समय पर एसेट एलोकेशन में बदलाव कर बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। पैसिव मल्टी एसेट फंड लागत और टैक्स, दोनों मामलों में फायदेमंद होते हैं। इनमें एसेट क्लास के नियमित संतुलन से निवेशक की टैक्स से जुड़ी चिंता भी दूर हो जाती है। कुल मिलाकर ऐसी स्कीम निवेश को आसान बना देती है।
तीन तरह के फंड ऑफर करती हैं एसेट मैनेजमेंट कंपनियां
पैसिव मल्टी एसेट फंड: इसमें अलग-अलग एसेट क्लास जैसे इक्विटी, गोल्ड, डेट के ईटीएफ/ इंडेक्स फंड होते हैं। इसमें फंड मैनेजर सिर्फ एसेट एलोकेशन में बदलाव करते हैं। एक्टिव फंड के मुकाबले इनकी लागत कम होती है।
एक्टिव फंड: एक्टिव फंड या एक्टिवली मैनेज्ड फंड में शेयर या एसेट क्लास का फैसला फंड मैनेजर करते हैं। बाजार के हालात के हिसाब से शेयर्स और एसेट एलोकेशन में बदलाव किया जाता है। ऐसे फंड की लागत ज्यादा होती है।
पैसिव फंड: पैसिव फंड या पैसिवली मैनेज्ड फंड में शेयर या एसेट क्लास का चयन पोर्टफोलियो मैनेजर नहीं करता है। ऐसे फंड में शेयरों का चयन बेंचमार्क इंडेक्स के हिसाब से ऑटोमैटिकली होता है। ऐसे फंड की लागत कम होती है।
चिंतन हरिया, हेड- प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रैटेजी, ICICI प्रूडेंशियल AMC
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