दूर होगी चिप की किल्लत: 2022 में बढ़ेगी ऑटो इंडस्ट्री की रफ्तार, सप्लाई चैन में सुधार होने की उम्मीद
नई दिल्ली10 घंटे पहले
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देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को 2022 से काफी उम्मीदें हैं। कंपनियों को लगता है कि नए साल में व्हीकल्स की बिक्री कोरोना महामारी शुरू होने से पहले वाली स्थिति में पहुंच जाएगी। सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत से उबरने, 2021 के आखिर में उत्पादन बाधित होने से बढ़ी पेंटअप डिमांड और स्टील के दाम घटने से ऑटोमोबाइल कंपनियां उत्साहित हैं।
कारों की मांग बरकरार
ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के दिग्गजों के मुताबिक, देश में पैसेंजर व्हीकल्स की तगड़ी मांग बनी हुई है और सप्लाई की दिक्कतें धीरे-धीरे कम होने लगी हैं। नए साल में कुछ ऐसी इलेक्ट्रिक कारें और दोपहिया लॉन्च होंगे, जो ग्राहकों को काफी पसंद आएंगे। इससे बाजार में रौनक लौटेगी। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव ने उम्मीद जताई कि 2022 ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए 2021 के मुकाबले बेहतर साबित होगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि 2022 में स्थिति बेहतर होगी।’
स्टील के दाम कम होने से भी मिली बड़ी राहत
स्टील के दाम 49,300 रुपए से घटकर 44,000 रुपए प्रति टन हो गए हैं। आगामी महीनों में स्टील 3,000 रुपए प्रति टन तक और सस्ता होने की संभावना है। इसके चलते व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग लागत कम हो जाएगी और ऑटो कंपनियों का मार्जिन बढ़ेगा।
सरकार की इन नीतियों से मिला प्रोत्साहन
- फेम-2 स्कीम को साल 2024 तक विस्तार मिला।
- इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के लिए प्रोत्साहनों में इजाफा किया।
- व्हीकल, पुर्जों के लिए 26 हजार करोड़ रुपए की पीएलआई स्कीम शुरू हुई।
- एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के लिए 18,000 करोड़ रुपए का सपोर्ट।
- कोरोना की तीसरी लहर की इंडस्ट्री को चिंता नहीं
कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से फैलने के बीच इस महामारी की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। लेकिन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ऐसी स्थिति के लिए पहले से तैयार है। कंपनियों ने बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन लाइन को डिजिटाइज कर लिया है।
दूर हो जाएगी सेमीकंडक्टर की किल्लत
व्हीकल कंपनियों के आर्गनाइजेशन सियाम के डायरेक्टर राजेश मेनन ने उम्मीद जताई कि नया साल बेहतर होगा। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि 2022 में सेमीकंडक्टर की किल्लत खत्म हो जाएगी।’ मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल का भी कहना है कि 2021 में सेमीकंडक्टर की कमी सबसे बड़ी चुनौती रही, लेकिन बीते महीने से यह दिक्कत दूर होने लगी है।
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