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ट्रांजेक्शन रिस्क: 5 साल में 21 गुना बढ़े बैंक ग्राहकों के साथ होने वाले साइबर फ्रॉड, प्राइवेट बैंकों में ज्यादा मामले

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नई दिल्ली44 मिनट पहले

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हाल के वर्षों के दौरान देश के बैंकों में डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ा है, लेकिन साइबर फ्रॉड के मामले भी काफी तेजी से बढ़े हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सिटीजन साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड (सीसीएफएफ) के मामले बीते 5 वर्षों में 21 गुना से भी ज्यादा बढ़ गए हैं। रकम के मामले में इस तरह के फ्रॉड करीब 300% बढ़े हैं।

2020-21 में कार्ड/इंटरनेट धोखाधड़ी के 69,410 मामले
वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान जहां बैंकों ने कार्ड/इंटरनेट धोखाधड़ी यानी एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए ग्राहकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी के 3223 मामले दर्ज किए थे वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 69,410 हो गई।

रकम के लिहाज से देखें तो जहां 2016-17 में कुल 45.56 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी दर्ज की गई थी, वहीं 2020-21 में यह बढ़कर 200 करोड़ रुपए से भी अधिक हो गई। खास बात यह है कि बैंक ग्राहकों के साथ साइबर फ्रॉड की अधिकतर शिकायतें प्राइवेट बैंकों से जुड़ी हैं।

साल 2020-21 में साइबर फ्रॉड के मामले में टॉप 5 बैंक

बैंक फ्रॉड की राशि (करोड़ रु.)
कोटक महिंद्रा बैंक 64.20
एक्सिस बैंक 29.62
ICICI 25.74
SBI 12.60
अमेरिकन एक्सप्रेस 12.04

सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में
बैंक ग्राहकों के साथ साइबर फ्रॉड के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं। 2016-17 के दौरान महाराष्ट्र में ग्राहकों के साथ कार्ड/इंटरनेट से जुड़े बैंकिंग फ्रॉड के 1,075 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2,020-21 में बढ़कर 26,522 हो गए।

साल 2020-21 में बैंक ग्राहकों के साथ फ्रॉड के मामले महाराष्ट्र में ज्यादा

राज्य संख्या
महाराष्ट्र 26,522
दिल्ली एनसीटी 7,774
तमिलनाडु 5,659
गुजरात 4,671
हरियाणा 5,605

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