टीम इंडिया में नई कंट्रोवर्सी: रवि शास्त्री पर अश्विन ने लगाया आरोप, कहा- पूर्व कोच के रवैये से मैं पूरी तरह से टूट गया था
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कुछ ही क्षण पहले
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टीम इंडिया के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का बड़ा बयान सामने आया है। उनका ऐसा कहना है कि 2018 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर उनके साथ अनदेखी हुई थी। अश्विन के अनुसार, उस समय वह टीम से खुद को अलग-थलग पा रहे हैं। ऐसा लग रहा था कि उन्हें अकेला छोड़ दिया गया है। 2018 के दौरे पर सिडनी टेस्ट में 5 विकेट लेने वाले कुलदीप यादव को लेकर उस समय टीम के हेड कोच रहे रवि शास्त्री के बयान को लेकर अश्विन ने ये बात कही है।
शास्त्री ने कि थी कुलदीप की तारीफ
सिडनी टेस्ट में कुलदीप यादव ने पहली पारी में 5 विकेट लिए थे और अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को खासा प्रभावित किया था। कुलदीप के प्रदर्शन के बाद शास्त्री ने कहा था कि विदेशों में वह भारत के नंबर वन स्पिनर हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि हर किसी का समय आता है। उनके इस बयान को अश्विन की अनदेखी के रूप में लिया गया था। इतना ही नहीं, कुलदीप के प्रदर्शन के बाद यहां तक कहा जाने लगा था कि अश्विन सिर्फ भारतीय पिचों पर गेंदबाजी करने के लिए बने हैं।
मैंने खुद को टूटा हुआ पाया
427 टेस्ट विकेट ले चुके अश्विन ने Espn क्रिकइंफो से बात करते हुए कहा- मैंने रवि भाई को काफी सम्मान दिया। हम सब ऐसा करते हैं और मेरा मानना है कि हम कुछ बातें कहते हैं और फिर उन्हें वापस ले लेते हैं, लेकिन उस एक पल में मैंने खुद को पूरी तरह से टूटा हुआ पाया। मैं कुलदीप के लिए खुश था। मैं एक पारी में 5 विकेट नहीं ले पाया हूं, लेकिन उसने लिए हैं। मुझे पता है कि यह कितनी बड़ी उपलब्धि है।
अश्विन ने आगे कहा- ऑस्ट्रेलिया में जीतना वैसे ही काफी खुशी भरा था, लेकिन मुझे महसूस कराया गया कि मैं विदेशी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकता। मुझे अकेला छोड़ दिया गया, तो फिर मैं कैसे टीम या टीम के साथी की सफलता की पार्टी को एन्जॉय कर पाता?
मैं अपने कमरे में गया और फिर मैंने पत्नी से बात की और मेरे बच्चे भी वहीं थे। इसलिए हम लोग ऐसी बातों को किनारे कर देते हैं और फिर भी मैं पार्टी में गया क्योंकि आखिरकार तो हमने एक बड़ी सीरीज जीती थी।
कई बार आया संन्यास का ख्याल
अश्विन ने कहा कि 2018 और 2020 के बीच ऐसा वक्त आया था, जब वह क्रिकेट से संन्यास के बारे में सोचने लगे थे। उन्होंने कहा- मुझे लगता था कि मैं काफी कोशिश कर रहा हूं, लेकिन सफल नहीं हो रहा हूं। मैं जितना ट्राई करता था, उतनी ही चीजें मुश्किल हो रही थी। अश्विन के मुताबिक, वह 6 गेंद डालते थे और उनकी सांसें फूल जाती थी। बॉडी में काफी दर्द भी होता था।
उन्होंने कहा- जब घुटने का दर्द तेज होता, तो अगली गेंद पर मेरा जंप भी कम हो जाता था। जब मैं कम कूदता था, तो कंधों और पीठ के जरिए मुझे अधिक जोर लगाना होता था और फिर ऐसा करने से मैं और भी तकलीफ में खुद को डाल देता था। यही वह समय था जब लगता था कि अब मुझे इस खेल से ब्रेक ले लेना चाहिए।
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