छह महीने में जारी होंगे नियम: ऑटो कंपनियों के लिए एथनॉल गाड़ियां बनाना हो जाएगा जरूरी; पड़ेगा पेट्रोल से सस्ता, विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी
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नई दिल्ली2 घंटे पहले
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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वैकल्पिक ईंधन वाली गाड़ियों को बढ़ावा देने को लेकर कई अहम बातें कही हैं। गडकरी ने कहा है कि ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए पूरी तरह एथनॉल से चलने वाली गाड़ियां बनाना अगले छह महीने में अनिवार्य किया जाएगा। सरकार ऐसे इंजन बनाने की कोशिश कर रही है, जिनमें पूरी तरह एथनॉल या पेट्रोल का इस्तेमाल हो सकेगा।
एथनॉल 65 रुपए प्रति लीटर का पड़ेगा, विदेशी मुद्रा की बचत होगी
गडकरी ने यह भी कहा कि छह महीने में देशभर के पेट्रोल पंप पर एथनॉल पंप भी लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महंगे पेट्रोल से परेशान कंज्यूमर के लिए एथनॉल का इस्तेमाल करना किफायती होगा। गडकरी ने कहा कि 110 रुपए प्रति के पेट्रोल के मुकाबले एथनॉल 65 रुपए प्रति लीटर का पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एथनॉल से विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
चावल, मक्का और चीनी का सरप्लस प्रॉडक्शन बायोफ्यूल में जाएगा
उन्होंने कहा कि बायोफ्यूल का विकल्प इसलिए भी जरूरी है कि देश में चावल, मक्का और चीनी का सरप्लस प्रॉडक्शन हो रहा है, जिनसे एथनॉल बनाया जा सकता है। कई फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देशी-विदेशी बाजार भाव से ज्यादा है, इसलिए अतिरिक्त फसल को बायोफ्यूल बनाने में इस्तेमाल करना देशहित में होगा।
NMP के तहत सड़कों को दो तरीकों से मोनेटाइज करने की योजना
गडकरी ने कहा कि सड़क के क्षेत्र में 100% FDI की इजाजत देने के साथ उनके डेपवलपमेंट के लिए व्यापक रणनीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) के तहत NHAI खास तौर पर दो तरीकों से सड़कों को मोनेटाइज करने की योजना बना रहा है।
टोल ऑपरेट ट्रांसफर या इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट होगा तरीका
उन्होंने कहा कि सड़कों के मोनेटाइजेशन का काम टोल ऑपरेट ट्रांसफर यानी TOT या इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) के जरिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि TOT से NHAI को अच्छे नतीजे मिले हैं, इसलिए वह प्रोजेक्ट को छोटे टुकड़ों में बांटकर देशी-विदेशी निवेशकों को देने की रणनीति को बढ़ावा देता रहेगा।
पांच साल में हर तरह ईंधन की गाड़ियों का मैन्युफैक्चरिंग हब बने भारत
इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बाबत गडकरी ने कहा कि कई कैटेगरी की ऐसी गाड़ियों के उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है। वह चाहते हैं कि अगले पांच साल में भारत हर तरह के ईंधन से चलने वाली गाड़ियों का दिग्गज मैन्युफैक्चरिंग हब बने। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को हाल में लॉन्च हुई व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी से कच्चा माल हासिल करने में मदद मिलेगी।
हर जिले में कम-से-कम एक स्क्रैपिंग सेंटर, बड़े शहरों में चार-पांच तक
गडकरी ने व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को लेकर भी एक अहम जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि देश के हर जिले में कम-से-कम एक स्क्रैपिंग सेंटर खोला जाएगा। बड़े शहरों में व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर की संख्या चार-पांच तक जा सकती है। उन्होंने व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री सहित सभी स्टेकहोल्डर के लिए फायदेमंद बताया।
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