चीन में कोरोना का असर: शंघाई ‘लॉक’ में अटका कच्चा माल, सर्दी के कपड़े होंगे महंगे
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नई दिल्ली16 घंटे पहले
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होजरी इंडस्ट्री की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं। पहले यार्न में तेजी से मुश्किलें बढ़ी हुई थीं। अब, चीन के शंघाई में लगे लॉकडाउन ने मुसीबत में डाल दिया है। होजरी इंडस्ट्री सर्दी के कपड़ों में इस्तेमाल होने वाला 80% रॉ मटेरियल चीन से आयात करती है, जो अटक गया है। इसका असर उत्पादन में कमी और कीमत में बढ़ोतरी के रूप में दिख सकता है।
शंघाई शहर ढाई महीने से अधिक समय से बंद
देशभर में बिकने वाले 70% सर्दियों के कपड़े लुधियाना में बनते हैं। इनका अधिकतर रॉ मटेरियल चीन से ही आता है। चीन का शंघाई शहर ढाई महीने से अधिक समय से बंद पड़ा है। इसके चलते ऑर्डर की डिलीवरी में तीन से पांच महीने का अतिरिक्त समय लग रहा है। नतीजतन सर्दियों के कपड़ों का प्रोडक्शन थमा हुआ है।
मार्च की बुकिंग वाले आर्डर अभी तक अटके
लुधियाना निटवेयर अपैरल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रमुख सुदर्शन जैन कहते हैं, ‘शंघाई में ज्यादातर यूनिट्स बंद हैं। हालत ये है कि मार्च की बुकिंग वाले आर्डर अभी तक नहीं आए हैं। अब जुलाई माह तक डिलीवरी की बात हो रही है। ऐसे में प्रोडक्शन धीमा होगा और कीमतें बढ़ानी पड़ेंगी।’
ड्यूक फैशंस के चेयरमैन कोमल जैन के मुताबिक, इस बार सर्दियों के कपड़ों के दाम 25% तक बढ़ सकते हैं।
ऑक्टेव अपैरल्स के डायरेक्टर बलबीर कुमार कहते हैं, जो रॉ मटेरियल शंघाई से आता है, वो देश में बनता ही नहीं है। ऐसे में हमारे पास इंतजार करने के अलावा विकल्प नहीं है। शायद जून अंत तक कुछ सप्लाई आनी शुरू हो जाए। इसी उम्मीद पर इंडस्ट्री बैठी है।
ये रॉ मटेरियल होते हैं चीन से आयात
वूलन फैब्रिक्स, जैकेट्स की एक्सेसरीज जैसे अंडर लाइनिंग, पॉलिफिल्स, बटन, जिप आदि। सर्दी के सीजन में इनका सालाना 500 करोड़ से अधिक का आयात होता है।
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