चलती रहेगी वोडाफोन आइडिया: कंपनी के MD और CEO रविंदर टक्कर का बड़ा बयान, किसी भी टेलीकॉम कंपनी के अधिग्रहण में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं
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मुंबई10 घंटे पहले
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कर्ज में डूबी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के MD और CEO रविंदर टक्कर ने कहा है कि सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को इक्विटी के जरिए बकाया ब्याज का भुगतान करने का विकल्प दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी टेलीकॉम कंपनी के अधिग्रहण में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है। सरकार चाहती है कि कंपनी बाजार में प्रतिस्पर्धा करे और टेलीकॉम सेक्टर में कम से कम तीन प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर हों। बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों के लिए बड़े राहत पैकेज का ऐलान किया था।
टेलीकॉम कंपनी के अधिग्रहण में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं
वोडाफोन आइडिया के MD और CEO रविंदर टक्कर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार चाहती है कि कंपनी बाजार में प्रतिस्पर्धा करे और टेलीकॉम सेक्टर, में कम से कम तीन प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर हों। साथ ही उन्होंने कहा कि राहत पैकेज के ऐलान के बाद सरकार के विभिन्न विभागों से कई बार बातचीत हुई है। बातचीत में यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार को किसी अन्य टेलीकॉम कंपनी को खरीदने या अधिग्रहण या चलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
1.06 लाख करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम का बकाया
30 जून को समाप्त तिमाही तक कंपनी पर कुल कर्ज 1,91,590 करोड़ रुपए रहा। जिसमें स्पेक्ट्रम पेमेंट की देनदारी 1,06,010 करोड़ रुपए और एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) देनदारी 62,180 करोड़ रुपए भी शामिल है। इसके अलावा बैंकों का 23,100 करोड़ रुपए बकाया है। इसमें काफी पैसा सरकारी बैंकों का है जो सरकार के हिस्से में आएगा। इसके अलावा हजारों करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भी है।
केंद्र सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर को दी थी राहत
केंद्र सरकार ने 15 सितंबर को टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज को भी मंजूरी दी थी। सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर को सभी बकाया के लिए 4 साल का मोरेटोरियम देने का फैसला किया। यानी वे अपना बकाया 4 साल के लिए टाल सकते हैं, लेकिन उन्हें इस दौरान बकाया का ब्याज देना होगा।
सरकार ने बिना सरकारी मंजूरी के टेलीकॉम सेक्टर में 100% विदेशी निवेश को भी मंजूरी दे दी है। AGR की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा। AGR में ब्याज को कम करके 2% सालाना किया गया है। इसके अलावा स्पेक्ट्रम की नीलामी अब 20 साल की जगह 30 साल के लिए की जाएगी।
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