ग्लोबल का लोकल पर असर: हर मिनट मार्केट कैप में आई 1000 करोड़ रुपए की कमी, वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट
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मुंबई19 मिनट पहले
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ग्लोबल बाजारों में सोमवार को गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखा। इस गिरावट से लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 3.78 लाख करोड़ रुपए घट गया। यह 259 लाख करोड़ रुपए से घटकर 255.18 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। यानी हर मिनट में मार्केट कैप में एक हजार करोड़ रुपए की कमी आई।
BSE का सेंसेक्स 524 अंक गिरा
BSE का सेंसेक्स सोमवार को जहां 524 अंक गिरकर 58,490 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 188 अंक गिरकर 17,396 पर बंद हुआ। दरअसल दुनिया भर के कई सेंट्रल बैंक इस हफ्ते अपनी मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करने वाले हैं। इससे निवेशकों ने बाजार में सावधानी से कारोबार किया। यूरोपियन शेयर बाजार कल गिरावट के साथ बंद हुआ था। लंदन के शेयर बाजार में भी 1.59% की गिरावट देखी गई थी। पेरिस का बाजार 2.07% जबकि फ्रैंकफर्ट का शेयर बाजार 2.15% गिरावट के साथ बंद हुआ।
शेयर बाजारों में छुट्टी थी
एशिया के कई शेयर बाजारों में सोमवार को छुट्टी थी। उधर चीन की रियल्टी कंपनी सिनिक होल्डिंग का शेयर हांगकांग के बाजार में 87% टूट गया। जबकि चीन की दूसरी सबसे बड़ी रियल्टी कंपनी एवरग्रांडे का शेयर 11% टूट गया। शेयर्स में गिरावट इसलिए आई क्योंकि चीन के रियल इस्टेट सेक्टर में निवेशकों को डिफॉल्ट का डर लग रहा है। सिनिक होल्डिंग इन्वेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी है। यह प्रॉपर्टी डेवपलमेंट और लीजिंग का कारोबार करती है।
रेटिंग को रिवाइज किया
15 सितंबर को फिच रेटिंग ने चीन के होम बिल्डर की रेटिंग को रिवाइज किया था। इसे स्थिर से निगेटिव रेटिंग दे दिया था। निवेशकों को डर है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में क्रेडिट का संकट हो सकता है। यही वजह है कि अन्य बाजारों में इसका निगेटिव असर देखा गया।
300 अरब डॉलर की देनदारी
एवरग्रांडे पर लगभग 300 बिलियन डॉलर की देनदारी है। विश्लेषकों ने कहा कि निश्चित रूप से यह अभी निवेशकों की चिंता का एक प्रमुख कारण है। यह संभव है कि भविष्य में और भी नुकसान दिख सकता है। ज्यादा महंगाई, फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति को कम करने की योजना, कोरोना के डेल्टा वर्जन के साथ बढ़ते संक्रमण और वैश्विक सुधार में कमजोरी के संकेतों से भी सेंटीमेंट प्रभावित हो रहा है।
चीन के बड़े डेवलपर्स में से है एवरग्रांडे
1996 में चीन में स्थापित एवरग्रांडे चीन के सबसे बड़े डेवलपर्स में से एक है। यह कंपनी आज पतन के कगार पर है। कभी सबसे शक्तिशाली रहा एवरग्रांडे ग्रुप लंबे समय से चीनी रियल एस्टेट का प्रमुख चेहरा रहा है। चीन के 280 से ज्यादा शहरों में इसका कारोबार है। पिछले हफ्ते भर से एवरग्रांडे के कार्यालयों के बाहर पेमेंट न मिलने नाराज ठेकेदारों, एजेंट्स और निवेशकों की भीड़ लगी हुई है। इस कंपनी के दिवालिया होने से चीन की बड़ी-बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों का भी ऐसा ही हश्र हो सकता है। इससे यहां का प्रॉपर्टी मार्केट बैठ सकता है।
चीन की वजह से भारतीय बाजार पर दबाव
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा कहते हैं कि चीन की रियल इस्टेट कंपनी की दिवालिया होने की आशंका से बाजार में गिरावट दिखी है। इससे भारतीय बाजार आगे भी लंबे समय तक आइसोलेशन में रह सकते हैं। हमारे बाजार में मेटल सेक्टर में दबाव देखा गया। क्योंकि मेटल सेक्टर का ग्लोबल बाजारों में ज्यादा एक्सपोजर है। खासकर चीन के बाजार में। निवेशकों को अभी की गिरावट में खरीदारी से बचना चाहिए। आगे अच्छे शेयर्स को खरीदने के लिए और अवसर आ सकते हैं।
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