गांगुली बोले-टेस्ट कप्तानी छोड़ने का फैसला विराट का था: लड़ने का जज्बा नहीं दिखा; खुलकर खेलो, हारोगे ही ना फिर जीत भी मिलेगी
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नई दिल्ली8 मिनट पहले
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WTC फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 209 रनों के बड़े अंतर से हराया है। टीम इंडिया ने लगातार दूसरा WTC फाइनल गंवाया है।
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि BCCI नहीं चाहता था कि विराट कोहली टेस्ट की कप्तानी छोड़ें। उनसे टेस्ट की कप्तानी न छोड़ने के लिए अनुरोध भी किया गया था। उन्होंने कहा कि कप्तानी छोड़ने का फैसला विराट का था। हमने जब यह खबर सुनी तो हम भी हैरान रह गए थे। BCCI इसके लिए तैयार नहीं था। उस वक्त टीम में रोहित शर्मा ही कप्तानी का बेहतर विकल्प थे।
गांगुली ने WTC फाइनल में हार पर कहा- टीम की अप्रोच डिफेंसिव थी। टीम ने रिस्क नहीं लिया। इस टीम को खुलकर खेलना चाहिए। जीत मिलेगी।
गांगुली ने यह बात एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही। विराट ने जनवरी 2022 में टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ी थी। यह फैसला उन्होंने साउथ अफ्रीका सीरीज में 2-1 से हार के बाद किया था। उन्होंने नवंबर 2021 टी-20 वर्ल्ड कप के बाद उन्होंने टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ी। दिसंबर 2021 में उन्हें वन डे टीम की कप्तानी से हटा दिया गया था।
भारतीय क्रिकेट पर गांगुली ने कहीं ये बातें…
1. विराट अभी भी कप्तानी के सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार
गांगुली ने कहा, “रोहित ने 5 IPL खिताब जीते हैं। उन्होंने 2018 में भारत को एशिया कप में भी जीत दिलाई थी। रोहित को तब तक बतौर कप्तान जो भी जिम्मेदारी दी गई थी, उसमें वे सफल रहे थे। विराट इस समय भी भारतीय टीम की कप्तानी के लिए सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार हैं। रोहित और द्रविड़ को आगे होने वाले टूर्नामेंट में ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता दिखानी होगी।”
2. WTC में टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल वाली दोहराई
गांगुली ने कहा कि WTC फाइनल में टीम इंडिया ने टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल वाली गलती दोहराई। टीम द ओवल में खिताबी मुकाबले में रिस्क लेने की हिम्मत नहीं दिखा सकी। भारतीय टीम को रिस्क लेना चाहिए था। टॉस जीतकर पहले बैटिंग करना बेहतर होता। इससे टीम की मानसिक मजबूती सामने आती। 2006 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में राहुल द्रविड़ ने बतौर कप्तान कठिन पिच पर पहले बैटिंग करने का फैसला लिया था और उस मैच में जीत भी दर्ज की थी।”
3. डिफेंसिव अप्रोच के कारण हार रहे ICC टूर्नामेंट
गांगुली ने कहा, “अभी ऐसा लगता है कि भारतीय खिलाड़ी बंधकर खेलते हैं। इससे बाहर निकलने की जरूरत है। ICC टूर्नामेंट में नाकामी की एक वजह डिफेंसिव अप्रोच रखना है। मुझे लगता है कि खिलाड़ी थोड़े बंधे हुए हैं। टी-20 तो मारने का ही खेल है, जिस टीम के पास 8 नंबर तक बल्लेबाज हैं, उसमें तो ऊपर वालों को खुलकर ही खेलना चाहिए। यहां पंड्या और जडेजा 6 व 7 पर खेलते हैं। अक्षर पटेल को लेते हैं तो 8 पर खेलेंगे, तो खुलकर खेलो। यह गलती WTC फाइनल में भी दोहराई गई।”
4. पंत की पारी से हम ऑस्ट्रेलिया में जीते थे
सौरव बोले, “फाइनल में भारतीय टीम डरी डरी-सी दिखी। टीम ने रिस्क नहीं लिया। फाइनल जैसे मुकाबलों में उन्हें सोचना होगा कि हमें किसी को कुछ साबित नहीं करना है। भारत बहुत अच्छी टीम है। उसने पिछले दो साल में काफी कुछ जीता है। टीम इंग्लैंड में दो टेस्ट मैच जीती। उससे पहले टीम ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत के साथ सीरीज अपने नाम करने का कारनामा दिखा चुकी थी। उस मैच में ऋषभ पंत ने शानदार पारी खेली। तब कई बड़े खिलाड़ी उपलब्ध नहीं थे। यहां ओवल में पहले दो सेशन में हम पीछे चले गए और वहां से रिकवरी नहीं हो सकी। टीम ने चढ़कर खेलने की कोशिश नहीं की।”
गाबा में पंत की बेहतरीन पारी के दम पर भारत ने टेस्ट के पांचवें दिन 300 रन से ज्यादा का टारगेट हासिल किया था।
5. उम्मीदों के बोझ तले दब गए हमारे खिलाड़ी
पूर्व कप्तान ने कहा, “फाइनल में जो चीज मुझे नहीं दिखी वह यह थी कि चलो लड़ते हैं। यह अप्रोच मुझे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भी नहीं दिखी। हमारे खिलाड़ी उम्मीदों के बोझ तले दब गए। उससे निकलना जरूरी है। हार गए तो हार गए…इस टीम के पास इतनी प्रतिभा है, मैं समझ नहीं पा रहा कि क्या ये बार-बार हारेंगे। इस टीम को रिस्क लेने की जरूरत है। राहुल द्रविड़, टीम मैनेजमेंट को सोचना होगा कि डर को पीछे छोड़ना है।”
6. फैंस को अपनी टीम की तारीफ करनी चाहिए
गांगुली ने कहा, “जो भारतीय फैंस क्रिकेट देखते हैं, उनसे यही कहना चाहता हूं कि भारत दूसरी बार WTC फाइनल पहुंचा है, इसकी तारीफ करनी चाहिए। हम जीत भी जाएंगे एक-दो बार। जीतने के लिए मैं समझता हूं कि बिना डरे खेलें। जब हम खेलते थे तो हमारे भी बल्ले के किनारे लगे हैं। हम भी हारे हैं। खुलकर खेलो…हारोगे ही…बीच-बीच में जीत भी जाओगे। जिस टीम में इतने बड़े-बड़े नाम है वह बार-बार वर्ल्ड चैंपियनशिप नहीं हारेगी।”
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