खेत-खलिहानों में पहुंचा ड्रोन: ड्रोन का इस्तेमाल कर सकेंगे 10 संगठन, खेती-किसानी के शोध में बनेगा मददगार, दूरदराज के इलाकों में पहुंचाएगा दवाएं
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- Ministry Of Civil Aviation Grants Drone Use Permission To 10 Organizations, List Includes National Health Mission, Mahindra & Mahindra, Bayer Crop Science, Indian Institute Of Tropical Meteorology, Steel Authority Of India Limited
नई दिल्ली16 घंटे पहले
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- महिंद्रा एंड महिंद्रा, टैफे और बायर क्रॉप साइंस को फसलों पर छिड़काव में ड्रोन के इस्तेमाल की इजाजत
- मुंबई का नेशनल हेल्थ मिशन पालघर के आदिवासी इलाकों में ड्रोन से पहुंचा सकेगा हेल्थकेयर आइटम
वह दिन दूर नहीं जब आप खाने-पीने के सामान की डिलीवरी अपने मकान की छत पर या बालकनी में ले सकेंगे। दरअसल, सरकार ने सीमित संख्या में संस्थानों को ड्रोन के सिविलियन यूज की इजाजत देना शुरू कर दिया है। फिलहाल ड्रोन के इस्तेमाल की इजाजत 10 संगठनों को दी गई है, जिनमें सरकारी और गैरसरकारी दोनों शामिल हैं। मुंबई के एक हेल्थ मिशन को राज्य के दूर-दराज इलाके में दवाओं की डिलीवरी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।
10 संगठनों को ड्रोन के इस्तेमाल की इजाजत
सरकार ने जिन 10 संगठनों को ड्रोन के इस्तेमाल की इजाजत दी है, वह उनको कुछ शर्तों के साथ मिली है। जैसे कि ड्रोन का इस्तेमाल अप्रूवल मिलने से लेकर एक साल तक किया जा सकेगा। अगर सरकार को लगता है कि इजाजत वापस ले ली जानी चाहिए तो वह साल भर से पहले भी ऑर्डर जारी कर सकती है। ड्रोन उड़ाने के लिए मिली इजाजत नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के SOP, यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के नियम और शर्तों के पालन से जुड़ी होगी।
प्रॉपर्टी राइट के रिकॉर्ड तैयार करने में ड्रोन यूज करेगा कर्नाटक
आइए देखते हैं कि सरकार ने किन संस्थानों को किन कामों के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की इजाजत दी है। इस लिस्ट में सबसे ऊपर कर्नाटक सरकार है, जिसको राज्य के शहरी इलाकों में प्रॉपर्टी के मालिकाना हक से जुड़े रिकॉर्ड तैयार करने के लिए हवाई सर्वेक्षण की इजाजत मिली है। गंगटोक स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्प भी ड्रोन के जरिए अपनी प्रॉपर्टी का सर्वे कर सकेगी, जबकि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया अपने परिसर की निगरानी कर सकेगी।
आदिवासी इलाकों में पहुंचाई जाएंंगी दवाएं
सरकार ड्रोन दूर-दराज के इलाकों में टीके पहुंचाने की संभावनाएं भी तलाश रही है। इसलिए उसने मुंबई के नेशनल हेल्थ मिशन को पालघर जिले में जव्हार के आदिवासी इलाकों में हेल्थकेयर आइटम ड्रोन से पहुंचाने की इजाजत दी है। इसके अलावा, हैदराबाद की एशिया पैसेफिक फ्लाइट ट्रेनिंग एकेडमी और गुजरात की ब्लू रे एविएशन को रिमोट पायलट ट्रेनिंग में ड्रोन के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।
खेती-किसानी में लगे लोगों के लिए अच्छी खबर
ड्रोन इस्तेमाल करने की इजाजत महिंद्रा एंड महिंद्रा और बेयर क्रॉप साइंस को भी मिली है। यह खेती-किसानी में लगे लोगों और संस्थाओं के लिए अच्छी खबर है। ट्रैक्टर और फार्म इक्विपमेंट बनाने वाली M&M तेलंगाना में धान की फसलों पर एग्री ट्रायल और आंध्र प्रदेश में तीखी मिर्चों की फसलों पर दवाओं के छिड़काव में ड्रोन यूज कर सकेगी। चेन्नई की ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट को फसलों की स्थिति जांचने और उनमें बीमारियां होने से रोकने के लिए उन पर छिड़काव करने की इजाजत मिली है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटरोलॉजी (IITM) को भी इजाजत
बेयर क्रॉप साइंस को खेतों में कीटनाशकों के छिड़काव में ड्रोन के इस्तेमाल की इजाजत मिली है। उनका इस्तेमाल वह खेती-किसानी से जुड़े शोध कार्यों में भी कर सकेगी। इसके अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटरोलॉजी (IITM) को पर्यावरण संबंधी जानकारी जुटाने के लिए भी ड्रोन के इस्तेमाल की विशेष अनुमति मिली है। इसके लिए वह IITM भोपाल, NDA पुणे, कराड एयरपोर्ट, उस्मानाबाद एयरपोर्ट और फरुखाबाद का मोहम्मद एयरफील्ड पर अपने ड्रोन उड़ा सकेगा।
ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर सरकार ने क्या नियम और शर्तें तय की हैं, इन सबकी जानकारी ‘नागर विमानन महानिदेशालय’ की वेबसाइट से हासिल की जा सकती है। लिंक यह है- https://digitalsky.dgca.gov.in/home
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