क्रूड का इंपोर्ट बिल घटाने की कवायद: सरकार बना रही पब्लिक और प्राइवेट रिफाइनरीज का ग्रुप, क्रूड ऑयल सस्ता खरीदने के लिए मिलकर सौदे करेंगी कंपनियां
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नई दिल्ली13 घंटे पहले
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सरकार पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की रिफाइनिंग कंपनियों का एक ग्रुप बना रही है जो क्रूड ऑयल के लिए मिलकर बेहतर इंपोर्ट डील करने की कोशिश करेंगी। यह बात पेट्रोलियम सेक्रेटरी तरुण कपूर ने तब कही है जब देश क्रूड ऑयल की आसमान छूती कीमतों से जूझ रहा है। उन्होंने बताया कि क्रूड के आयातकों के समूह की हर 15 दिन में बैठक होगी। इसमें तेल की खरीदारी को लेकर विचार विमर्श होगा।
कंपनियां मिलकर रणनीति बना सकेंगी, मिलकर सौदेबाजी कर सकेंगी
कपूर ने कहा कि तेल कंपनियां मिलकर रणनीति बना सकेंगी और जहां मुमकिन होगा, मिलकर सौदेबाजी भी कर सकेंगी। भारत दुनिया में क्रूड ऑयल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है और यह अपनी जरूरत का 85% क्रूड खास तौर पर खाड़ी देशों से आयात करता है।
प्राइवेट और सरकारी कंपनियों के ग्रुप को एक सौदे में डीप डिस्काउंट मिला था
पब्लिक सेक्टर की कंपनियां एकजुट होकर क्रूड ऑयल की खरीदारी की सौदेबाजी पहले भी कर चुकी हैं। जहां तक प्राइवेट और सरकारी कंपनियों के तालमेल से सौदेबाजी करने की बात है, तो उन्हें एक मौके पर ईरान से क्रूड की खरीदारी के सौदे में डीप डिस्काउंट मिला है।
सरकार चाहती है कि क्रूड की खरीदारी में ज्यादा समझदारी दिखाई जाए
हाल के अभूतपूर्व बिजली संकट के बीच पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड हाई लेवल पर हैं। सरकार चाहती है कि क्रूड ऑयल की खरीदारी में ज्यादा समझदारी दिखाई जाए। सितंबर में व्यापार घाटा रिकॉर्ड 22.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। यह पिछले कम से कम 14 साल में सबसे ज्यादा व्यापार घाटा था।
OPEC+ को क्रूड का दाम कम करने के लिए प्रॉडक्शन बढ़ाना चाहिए
पेट्रोलियम सेक्रेटरी ने कहा कि ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (OPEC) और उसके सहयोगी देशों यानी OPEC+ को ग्लोबल मार्केट में क्रूड का दाम कम करने के लिए प्रॉडक्शन बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘OPEC+ को समझना चाहिए कि यह सही तरीका नहीं है। उन्हें उत्पादन बढ़ाना चाहिए। अगर मांग बढ़ रही है लेकिन आप प्रॉडक्शन नहीं बढ़ा रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आप डिमांड और सप्लाई में गैप बनाना चाहते हैं। इसके चलते दाम बढ़ रहे हैं जो वाजिब नहीं है।’
नवंबर तक क्रूड का उत्पादन चार लाख बैरल बढ़ाएंगे OPEC+
हाल ही में OPEC+ देश नवंबर तक क्रूड के उत्पादन में चार लाख बैरल की बढ़ोतरी करने को राजी हुए थे। वे 58 करोड़ बैरल रोजाना के उत्पादन की अधिकतम सीमा को बढ़ाने की संभावना तलाश रहे हैं। कपूर कहते हैं, ‘क्रूड के बढ़ते दाम के चलते ऑयल के उपभोक्ता देश ईंधन के दूसरे स्रोत अपनाने या किसी तरह OPEC से ऑयल की मांग कम करने पर गंभीरता से विचार करने लगेंगे। इतनी कीमतें ज्यादा समय नहीं रह सकतीं।’
जिन रिफाइनरीज ने अपग्रेडेशन किया है, वे अब खरीद रही हैं सस्ता तेल
भारत क्रूड के आयात में ओपेक देशों से मंगाए जाने वाले क्रूड ऑयल की मात्रा घटा रहा है। दरअसल, जिन रिफाइनिंग कंपनियों ने अपनी रिफाइनरी को अपग्रेड करके लिए मोटा निवेश किया है, वे अब वहां से खरीदारी करने लगी हैं जहां तेल सस्ता मिलता है। कपूर ने कहा कि क्रूड महंगा होने से रिफाइनिंग एक्टिविटी बढ़ रही है, जिससे खाड़ी देशों से परे दूसरे क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ने की संभावना बनी है।
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