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कराची में पथराव के बीच जीती थी टीम इंडिया: 24 साल पहले एक चौके से हारा था पाकिस्तान, एक नए बॉलर ने जिताया था टी-20 वर्ल्ड कप

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स्पोर्ट्स डेस्क3 मिनट पहलेलेखक: आदर्श कुमार

क्रिकेट लवर्स को भारत-पाकिस्तान महामुकाबले का बेसब्री से इंतजार है। 28 अगस्त को दुबई में खेले जाने वाले इस महामुकाबले को महज 2 दिन बचे हैं। टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद पहली बार दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ खेलेंगे। दोनों पड़ोसी मुल्क के बीच बहुत सारे यादगार मैच हुए हैं, लेकिन कुछ मैच ऐसे हुए, जिन्हें कभी नहीं भुलाया जा सकता। आज आपको ऐसे ही 6 यादगार मैचों से रूबरू कराते हैं-

1. जब सबा करीम और राजेश चौहान ने पथराव के बीच भारत को जीत दिला दी
साल था 1997। भारत, पाकिस्तान के दौरे पर था। पहले वन डे में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था। कराची के नेशनल स्टेडियम में 30 सितंबर 1997 को दूसरा मुकाबला खेला गया। पाकिस्तान के कप्तान सईद अनवर ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। शाहिद अफरीदी ने 72 रन और इंजमाम उल हक ने 74 रन की शानदार पारी खेली।

अचानक स्टेडियम में बैठे दर्शकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भीड़ बेकाबू हो गई और पथराव करने लगी। भारतीय टीम मैदान से बाहर चली गई। तब तक पाकिस्तान ने 47.2 ओवर में चार विकेट पर 265 रन बनाए थे और उसकी पारी को यहीं समाप्त मान लिया गया।

कुछ देर बाद मैच दोबारा शुरू हुआ। भारत को 47 ओवर में 266 रन बनाने थे। सचिन और गांगुली ने मिलकर 71 रन की तेज शुरुआत दी। सचिन 21 रन बनाकर आउट हो गए। गांगुली (89) और विनोद कांबली (53) ने 98 रन जोड़े, लेकिन इसके बाद अजहर (6) और अजय जडेजा (8) जल्दी आउट हो गए। हालांकि रॉबिन सिंह (नॉटआउट 31 रन), सबा करीम (26 रन) ने 62 रन की साझेदारी करके भारत को जीत के दरवाजे तक पहुंचा दिया।

जब सबा करीम को वकार यूनुस ने बोल्ड किया तो उसके बाद भारत को जीत के लिए सकलैन के आखिरी ओवर में आठ रन की जरूरत थी और सामने थे राजेश चौहान। सकलैन की फॉर्म और चौहान की बैटिंग को देखते हुए यह लक्ष्य काफी कठिन लग रहा था, लेकिन चौहान ने सकलैन की दूसरी गेंद पर मिड विकेट पर शानदार छक्का लगाकर टारगेट को आसान कर दिया, फिर तीसरी गेंद पर भारत को एक अविश्वसनीय जीत दिला दी।

राजेश चौहान ने भारत के लिए 21 टेस्ट और 35 वनडे मैच खेले, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ उस छक्के के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।

राजेश चौहान ने भारत के लिए 21 टेस्ट और 35 वनडे मैच खेले, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ उस छक्के के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।

2. 24 साल पहले लगे एक चौके ने दिलाई थी भारतीय टीम को जीत
24 साल पहले 1998 में ढाका में इंडिपेंडेंस कप का बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल का तीसरा मैच खेला जा रहा था। भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाजी करने का न्योता दिया। पाकिस्तान की तरफ से एजाज अहमद और सईद अनवर की जोड़ी ने तीसरे विकेट के लिए 230 रन जोड़ दिए और भारतीय टीम बैकफुट पर आ गई। PAK टीम ने 48 ओवर में 5 विकेट खोकर 314 रन बनाए थे। उस समय इतना बड़ा स्कोर किसी भी टीम ने चेज नहीं किया था।

बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत की। तेंदुलकर और गांगुली ने सिर्फ 8 ओवर में 71 रन जोड़ दिए, लेकिन शाहिद अफरीदी की गेंद पर तेंदुलकर आउट हो गए। गांगुली ने अपनी शानदार बल्लेबाजी जारी रखी और शतक पूरा किया। उनका साथ देने आए रॉबिन सिंह ने भी 82 रन जोड़े, लेकिन उनके आउट होते ही विकेट की झड़ी लग गई। एक के बाद एक भारतीय बल्लेबाज आउट होकर पवेलियन लौट गए। 48 ओवर के मैच में भारतीय टीम ने 47 ओवर खत्म होने तक 7 विकेट खोकर 306 रन बना लिए थे।

आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए 9 रन चाहिए थे और क्रीज़ पर ऋषिकेश कानिटकर और जवागल श्रीनाथ थे। इस बीच सकलैन मुश्ताक अंतिम ओवर लेकर आए। पहली गेंद पर कानिटकर ने एक रन लिया और श्रीनाथ क्रीज पर आ गए। दूसरी और तीसरी गेंद पर भी श्रीनाथ ने दो-दो रन चुराए। इस दौरान वह बड़ा शॉट लगाना चाहते थे और पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने उनके कैच भी छोड़ दिए। चौथी गेंद पर श्रीनाथ ने एक रन लिया। अब जीत के लिए दो गेंद पर 3 रन चाहिए थे। सकलैन ने कानिटकर के पैरों के पास गेंद डाली और उन्होंने बल्ला घुमाया और मिड-विकेट पर शानदार चौका जड़ टीम इंडिया को जीत दिला दी।

ऋषिकेश कानिटकर पाकिस्तान के खिलाफ जीत के बाद वापस पवेलियन लौटते हुए। उनके साथ उस समय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन हैं।

ऋषिकेश कानिटकर पाकिस्तान के खिलाफ जीत के बाद वापस पवेलियन लौटते हुए। उनके साथ उस समय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन हैं।

3. वर्ल्ड कप में बॉल-आउट से जीता भारत
2007 में टी-20 वर्ल्ड कप का पहला संस्करण खेला गया था। भारत और पाकिस्तान इस वर्ल्ड कप में एक ही ग्रुप में थे। दोनों टीमों के बीच हुआ मुकाबला कांटे की टक्कर का रहा। टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 141 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान ने भी इतने ही रन बनाए और मैच टाई हो गया। इसके बाद मैच का नतीजा बॉल-आउट से निकला।

भारत की तरफ से तीन थ्रो हुए। ये तीनों थ्रो वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और रॉबिन उथप्पा ने किए। भारत के तीनों थ्रो विकेट पर जाकर लगे। पाकिस्तान की तरफ से भी तीन थ्रो किए गए, लेकिन उनका एक भी थ्रो विकेट पर नहीं लगा और टीम इंडिया ये मुकाबला जीत गई।

नीचे हम आपके लिए उस बॉल-आउट मैच का वीडियो दिखा रहे हैं…

4. पाकिस्तान को हरा जब भारत बना वर्ल्ड चैंपियन
2007 टी-20 वर्ल्ड कप में ग्रुप मैच के बाद दोनों टीमों की भिड़ंत एक बार फिर फाइनल में हुई थी। मैच में टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने 54 गेंदों पर 75 रनों की धमाकेदार पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी के दौरान 8 चौके और दो छक्के लगाए। उनके अलावा रोहित शर्मा ने 16 गेंदों में 30 रनों की पारी खेली।

भारत ने 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 157 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत बहुत ही खराब रही। पाकिस्तान ने 77 रन पर अपने 6 विकेट गंवा दिए, लेकिन मिस्बाह उल हक मैच आखिरी ओवर तक ले गए। इस ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे, लेकिन मिस्बाह 43 रन बनाकर आउट हो गए और भारत ने 5 रन से मैच जीत लिया।

इसी के साथ टीम इंडिया पहले टी-20 वर्ल्ड कप की विजेता भी बनी। इस मैच में आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा करने आए थे। सिर्फ एक मैच से जोगिंदर स्टार बन गए थे। इस युवा गेंदबाज को भारत का बच्चा-बच्चा जान गया था।

2007 वर्ल्ड कप फाइनल के कुछ यादगार फोटोज आप नीचे देख सकते हैं…

2007 का वर्ल्ड फाइनल जीतने के बाद जश्न मनाती टीम इंडिया।

2007 का वर्ल्ड फाइनल जीतने के बाद जश्न मनाती टीम इंडिया।

आखिरी गेंद पर जब मिस्बाह आउट हुए सभी खिलाड़ी खुशी से झूमने लगे थे।

आखिरी गेंद पर जब मिस्बाह आउट हुए सभी खिलाड़ी खुशी से झूमने लगे थे।

टी-20 वर्ल्ड कप में पहली बार विश्व विजेता बनने के बाद पूरी टीम ने स्टेडियम का चक्कर लगाया था।

टी-20 वर्ल्ड कप में पहली बार विश्व विजेता बनने के बाद पूरी टीम ने स्टेडियम का चक्कर लगाया था।

5. मियांदाद का छक्का आज तक नहीं भूल पाया भारत
36 साल पहले पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने आखिरी बॉल पर छक्का लगाकर पाकिस्तान को जीत दिला दी थी। यह मैच आज भी भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट फैंस के दिलों में रोमांच भर देता है। पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर जीत के लिए चार रन चाहिए थे। मियांदाद दबाव में बिखरे नहीं और अपने देश के क्रिकेट फैंस को खुशी का एक ऐसा लम्हा दिया जिसे याद कर वे आज भी रोमांचित हो उठते हैं।

पाकिस्तान को मैच जीतने के लिए 246 रन की जरूरत थी। एक समय पर उसका स्कोर तीन विकेट पर 61 रन था। मियांदाद तब क्रीज पर उतरे और मैच में शानदार 116 रनों की पारी खेली। इस पारी में मियांदाद ने तीन चौके और तीन ही छक्के लगाए। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 245 रन बनाए थे।

36 साल पहले मियांदाद के बल्ले से निकला वो छक्का, भारतीय फैंस और कई दिग्गज खिलाड़ी आज तक नहीं भूल पाए हैं।

36 साल पहले मियांदाद के बल्ले से निकला वो छक्का, भारतीय फैंस और कई दिग्गज खिलाड़ी आज तक नहीं भूल पाए हैं।

6. अफरीदी ने अश्विन को छक्का मारा और पाकिस्तान जीत गई
2014 के एशिया कप में छठा मुकाबला खेला जा रहा था। पाकिस्तान को आखिरी ओवर में जीत के लिए 10 रनों की दरकार थी। कप्तान धोनी ने आर अश्विन को गेंदबाजी करने के लिए बुलाया। पहली ही गेंद पर सईद अजमल को उन्होंने क्लीन बोल्ड कर इंडिया की जीत की आस जगा दी।

क्रीज पर नए आए जुनैद खान ने बड़ी समझदारी के साथ अपना विकेट बचाया और स्ट्राइक शाहिद अफरीदी को थमा दी। अफरीदी ने तीसरी गेंद पर दमदार छक्का जमाया। उनके उस छक्के ने मैच पूरी तरह पाकिस्तान की गिरफ्त में कर दिया। अब जीत के लिए कुल 4 रनों की जरूरत थी और अफरीदी के पास खेलने के लिए तीन गेंदों का मौका।

अफरीदी ने अश्विन के ओवर की चौथी गेंद पर जोरदार प्रहार किया। गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर हवा में ऊंची उछली। ऐसा लग रहा था कि गेंद फील्डर के हाथों में गिरेगी, लेकिन अफरीदी के पावर से वह बाउंड्री पार कर गई। मियांदाद स्टाइल छक्के के साथ अफरीदी ने पाकिस्तान को 1 विकेट की रोमांचक जीत दिला दी।

अश्विन को छक्का लगाने के बाद जश्न मनाते शाहिद अफरीदी, उनकी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी।

अश्विन को छक्का लगाने के बाद जश्न मनाते शाहिद अफरीदी, उनकी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी।

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