कपिल देव ने कहा- क्रिकेटर्स को पैसों का घमंड: इन्हें लगता है वे सब जानते हैं; सीनियर्स की सलाह नहीं लेते, इसलिए गलतियां दोहरा रहे
स्पोर्ट्स डेस्क4 मिनट पहले
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कपिल देव 1978 से 1994 तक इंडियन टीम का हिस्सा रहे। वे मीडियम पेस बॉलर और मिडिल ऑर्डर बेट्समैन थे। उनकी कप्तानी में ही भारत ने पहला विश्वकप जीता था।
वर्ल्ड कप 1983 के विजेता कप्तान कपिल देव ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा- कभी-कभी ज्यादा पैसे होने से घमंड भी आ जाता है। मौजूदा दौर के खिलाड़ी पैसों के घमंड में पूर्व खिलाड़ियों से सलाह लेने नहीं जाते हैं और बार-बार एक ही गलती को दोहराते हैं। खेल में हमेशा सुधार की गुंजाइश रहती है।
उन्हें लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं
कपिल देव ने ‘द वीक’ को दिए इंटरव्यू में कहा- क्रिकेटर्स को लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं। पहले और आज के क्रिकेटर में यही अंतर है। मैं कहूंगा कि बहुत सारे क्रिकेटर हैं जिन्हें मदद की जरूरत है।
जब सुनील गावस्कर हैं, तो आप उनसे बात क्यों नहीं कर सकते? अहंकार कहां है? ऐसा कोई अहंकार नहीं है। उन्हें लगता है कि हम सब कुछ जानते हैं। हो सकता है कि वे सब कुछ जानते हों, लेकिन जिसने क्रिकेट के 50 सीजन देखे हों, उसकी अतिरिक्त मदद से कोई नुकसान नहीं होगा।
कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम ने जीती थी वर्ल्ड कप
बता दें कपिल देव की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने 1983 में पहली बार वर्ल्ड कप जीता था। लॉर्ड्स के मैदान पर खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रनों से मात दी थी। विंडीज टीम इससे पहले 1975 और 1979 में विश्वकप जीत चुकी थी, ऐसे में फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज को जीत का दावेदार माना जा रहा था।
फोटो 1983 की है। लॉर्ड्स की बालकनी में वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ भारत के कप्तान कपिल देव (दाएं) और मोहिंदर अमरनाथ।
गावस्कर भी कह चुके हैं ऐसा
हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सुनील गावस्कर ने भी कहा था कि आज का कोई खिलाड़ी मेरे पास सलाह लेने नहीं आता। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण उनके पास आकर बल्लेबाजी में आई खामियों को लेकर मेरे से बात करते थे।
गावस्कर ने कहा था कि, वे किसी खास समस्या को लेकर मुझसे संपर्क करते थे और आप उन्हें कुछ ऐसा बता सकते हैं जो आपने देखा हो।
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