ओलिंपिक में आज हमारे 4 मुकाबले, मुक्केबाजी, हॉकी, शूटिंग खास: अभिषेक वर्मा मेडल के लिए लगाएंगे निशाना, विकास बॉक्सिंग में करेंगे शुरुआत; पुरुष हॉकी का न्यूजीलैंड व महिला टीम का हाॅलैंड से मुकाबला
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सोनीपत9 मिनट पहलेलेखक: अनिल बंसल
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ओलिंपिक की शुरुआत हाे चुकी है। आज हरियाणा के खिलाड़ियों के 4 मुकाबले होंगे। शूटर अभिषेक वर्मा 10 मीटर एयर पिस्टल में निशाना लगाते दिखेंगे। वहीं, बॉक्सर विकास कृष्णन खेलेंगे। भारतीय पुरुष हॉकी टीम सुनहरे इतिहास को दोहराना चाहेगी तो महिला टीम ओलिंपिक की निराशाजनक यादों को सुखद आगाज में बदलने के लिए मैदान में होगी। भारतीय पुरुष हॉकी टीम व विकास यादव जीत से आगाज कर सकते हैं तो वहीं महिला हॉकी टीम यदि हौलेंड को ड्राॅ पर रोकने में कामयाब हो तो यह बड़ी कामयाबी होगी। एक्सपर्ट से जानिए खिलाड़ियों की मजबूती और चुनौतियां…
शूटिंग- चीन और कोरिया के भाग न लेने से अभिषेक की पदक की राह आसान
अभिषेक वर्मा 10 की मीटर एयर पिस्टल में दावेदारी मजबूत है। पदक की राह आसान इसलिए भी बन रही है क्योंकि इस बार न तो चीन की चुनौती है और ना ही कोरिया की। यदि वे अपना बेस्ट यहां देने में कामयाब रहे तो यकीनन भारतीय शूटिंग में नया इतिहास उनके नाम होगा।
यह करना है: शूटिंग करते समय पूरी तरह स्थिर रहें। आखिरी शाट तक भावनाएं नियंत्रण में रखें। जिससे गेम पर पूरा फोकस होता है। मानसिक मजबूती रखें।
इससे बचना है: दबाव में आने से बचें। अपनी लय से न भटके और जब भी लगे की हार नजदीक है तो अपने बेस्ट को मन को विचलित होने से बचाए। मन भटकने से निशाना भी भटकता है।
विश्व के नबंर एक निशानेबाज: बीटेक की उसके यूपीएससी की तैयारी की, लेकिन मन नहीं रमा तो कानून की पढ़ाई करते-करते शौकियां शूटिंग की। इंटर यूनिर्विसटी में मेडल जीता तो लगा कि इसमें भी भविष्य बनाया जा सकता है। परिवार से सिर्फ एक साल मांगा और गुरुग्राम में रहकर ट्रेनिंग की। आज विश्व के नंबर एक निशानेबाज हैं।-जैसा पूर्व वर्ल्ड नंबर वन अंकुर मित्तल ने बताया
हॉकी टीम- अपना आक्रामक गेम खेलें खिलाड़ी, अति आत्मविश्वास से बचना होगा
ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अब तक 8 गोल्ड जीते हैं। नौवें गोल्ड के लक्ष्य के साथ शनिवार को उतरेंगे। पुरुषों के सामने न्यूजीलैंड की चुनौती होगी। वहीं महिला टीम की पहली चुनौती आसान नहीं है। मजबूत हॉलैंड टीम इंडिया की परीक्षा जरूर लेगी। टीम को एकजुटता के साथ रोकने की जरूरत है।
यह करना है: लगातार खुद को आक्रामक रखना होगा। लंबे पास के बजाए संतुलित पास करने होंगे। खुद आक्रमण कर आगे बढ़ना होगा, तभी विपक्षी को दबाव में ला सकेंगे।
यह नहीं करना: विपक्षी टीम का दबाव दिमाग में नहीं बैठाना है। अपने प्रदर्शन पर भरोसा रखना है। अति आत्मविश्वास में से बचकर आगे बढ़ना होगा। ज्यादा प्रयोग करने से टीम को बचना होगा।
विश्वास: सुमित कुमार में गेंद को हर ओर मूव कराने की क्षमता है। वहीं, सुरेन्द्र पलड डिफेंस में मजबूत है। महिला टीम ने 1980 से ओलिंपिक में खेलने की शुरुआत की थी, लेकिन ओलिंपिक मेडल की खुशी हासिल नहीं हाे सकी। समय के साथ टीम बदल चुकी है। कई प्रतियोगिता जीती हैं। -जैसा पूर्व ओलिंपियन प्रीतम सिवाच व पूर्व सहायक कोच संदीप सांगवान ने बताया
मुक्केबाजी- जिस मुक्केबाज को हरा क्वालीफाई किया, आज उसी के साथ मुकाबला
किसी भी खिलाड़ी के लिए इससे अच्छी शुरुआत का मौका नहीं हो सकता। जिस मुक्केबाज को एकतरफा अंदाज में 5-0 से हराकर अपना तीसरा और देश के लिए पहला ओलिंपिक कोटा जीता। आज विकास यादव और जापान के सेवोनरेटस ओजाका के बीच मुकाबला होगा।
यह करना है: स्वाभाविक खेल के साथ आक्रामण शैली नहीं छोड़नी। अपने पांव की मूवमेंट को लगातार बदलते रहना है। समझदारी से अपना पंच लगाने के बाद डिफेंस भी आत्मविश्वास के साथ करें।
यह नहीं करना: जापानी मुक्केबाज को कमतर नहीं आंकना है। अति उत्साह से बचना होगा। उसे मेजबान मुक्केबाज होने का भी लाभ मिलेगा। अपर कट से डिफेंस करना है।
पदक के दावेदार: पहले ओलिंपिक में गलत निर्णय के शिकार फिर वजन के साथ तालमेल नहीं बैठा पाने के कारण असफलता मिली, लेकिन आज दुनिया बदले हुए विकास को देखेगी। काउंटर अटैक कर सामने वाले को नाॅकआउट करने में विश्वास रखता है। पदक की दावेदारी पक्की है। –जैसा मुक्केबाजी कोच जेएस पाटिल ने बताया
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