एपल का नया माइलस्टोन: 224 लाख करोड़ रुपए के साथ बनी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी; वॉलमार्ट, नेटफ्लिक्स से भी हुई आगे
नई दिल्ली16 घंटे पहले
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एपल का मार्केट कैप 3 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है। ये मार्केट कैप भारत की इकोनॉमी से कहीं ज्यादा है। साल 2022 के पहले कारोबारी सत्र, यानी सोमवार को एपल का मार्केट कैप इतिहास में पहली बार 3 ट्रिलियन डॉलर, यानी 3 लाख करोड़ डॉलर (करीब 224 लाख करोड़ रुपए) के पार पहुंच गया। वहीं भारत की GDP की बात करें तो यह करीब 2.65 ट्रिलियन डॉलर है।
मार्केट कैपिटलाइजेशन 2.99 ट्रिलियन पहुंचा
साल के कारोबार के पहले दिन, सिलिकॉन वैली की इस कंपनी के शेयर 182.88 डॉलर के इंट्राडे रिकॉर्ड हाई लेवर पर पहुंचे, जिससे एपल का मार्केट वैल्यू 3 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा ऊपर हो गया। स्टॉक ने 2.5% की बढ़त के साथ 182.01 डॉलर पर कारोबार खत्म किया, जिसमें एपल का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2.99 ट्रिलियन डॉलर था। दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी उस मील के पत्थर पर पहुंच गई जहां निवेशकों ने शर्त लगाई थी कि कस्टमर आईफोन, मैकबुक्स और एपल TV और एपल म्यूजिक जैसी सर्विस के लिए पेमेंट करना जारी रखेंगे।
अगस्त 2018 में 1 ट्रिलियन डॉलर की बनी कंपनी
एपल का मार्केट वैल्यू का कीर्तिमान और भी अधिक उल्लेखनीय है कि कैसे उसमें बढ़ोतरी इतनी तेजी से हुई है। अगस्त 2018 में एपल 1 ट्रिलियन डॉलर मूल्य की पहली अमेरिकी कंपनी बनी। इस उपलब्धि में 42 साल लगे। दो साल बाद यह 2 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो गया। इसके अगले ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप होने में सिर्फ 16 महीने और 15 दिन लगे।
माइक्रोसॉफ्ट भी दौड़ में शामिल
टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट इस साल के 3 ट्रिलियन डॉलर क्लब में शामिल हो सकता है। जनवरी 2007 में जब एपल ने आईफोन पेश किया तो कंपनी की कीमत 73.4 बिलियन डॉलर थी।
वॉलमार्ट, नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियों से निकली आगे
इस कीर्तिमान को हासिल करने के बाद वॉलमार्ट, डिज्नी, नेटफ्लिक्स, नाइकी, एक्सॉन मोबिल, कोका-कोला, कॉमकास्ट, मॉर्गन स्टेनली, मैकडॉनल्ड्स, AT&T, गोल्डमैन सैक्स, बोइंग, IBM और फोर्ड की तुलना में एपल का बाजार मूल्यांकन बढ़कर कहीं ज्यादा हो गया है। गौरतलब है कि बीते दिनों इसके शेयरों में उछाल के साथ इस जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए एपल को थोड़ी बढ़त की जरूरत थी, जिसे सोमवार को कंपनी ने हासिल कर लिया।
भारत-ब्रिटेन की GDP से ज्यादा वैल्यू
एपल ने इस उपलब्धि को पाकर भारत और ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। दरअसल, 3 ट्रिलियन की कंपनी बनने के बाद इसकी वैल्यू भारत और ब्रिटेन की नॉमिनल GDP से ज्यादा हो गई है। गौरतलब है कि अमेरिका की नॉमिनल GDP का आकार 20.49 ट्रिलियन डॉलर है। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर चीन (13.4 ट्रिलियन डॉलर), तीसरे नंबर पर जापान (4.97 ट्रिलियन डॉलर) और चौथे नंबर पर जर्मनी (4.00 ट्रिलियन डॉलर) है। वहीं ब्रिटेन 2.83 ट्रिलियन डॉलर (करीब 211 लाख करोड़ रुपए) के साथ पांचवें, फ्रांस 2.78 ट्रिलियन डॉलर के साथ छठे और भारत 2.65 ट्रिलियन डॉलर ( करीब 197 लाख करोड़ रुपए) के साथ सातवें नंबर पर है। इस तरह एपल इस मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुकी है।
आइफोन की बिक्री 192 अरब डॉलर की
सितंबर में खत्म होने वाले कारोबारी साल में आईफोन की बिक्री 192 बिलियन डॉलर की रही थी, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग 40% ज्यादा है। एपल अमेरिका में सबसे बड़ी टैक्सपेयर भी है। अप्रैल में कंपनी ने कहा था कि उसने बीते 5 साल में टैक्स के रूप में 45 बिलियन डॉलर का पेमेंट किया है।
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