एक और बैंक मुश्किल में: पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस कैंसिल, RBI ने कहा- बैंक की फाइनेंशियल कंडीशन ठीक नहीं
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नई दिल्ली20 मिनट पहले
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उत्तर प्रदेश में पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक की खराब वित्तीय स्थिति और कमाई की संभावनाएं नहीं होने की वजह से RBI ने यह कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को भी बैंक को बंद करने और लिक्विडेटर अपॉइंट करने का आदेश जारी करने के लिए कहा गया है।
नियामक ने कहा कि बैंक वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने के बाद भी अगर इसे अपना कारोबार जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो ये जनहित में नहीं होगा। बैंक का लाइसेंस कैंसिल होने के कारम खाताधारकों को अब डर सता रहा है कि उनकी जमा पूंजी का क्या होगा। हालांकि, लिक्विडेशन पर 99% खाताधारकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कोर्पोरेशन (DICGC) एक्ट, 1961 के नियम के तहत उनकी जमा पूंजी मिल जाएगी।
5 लाख तक की राशि मिलेगी
जमाकर्ता को DICGC 5 लाख रुपए तक की राशि देगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के बजट में DICGC एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखा था। इसके पीछे मकसद था कि अगर कोई बैंक अस्थायी रूप से अपने दायित्वों का निर्वाह करने में असफल हो जाता है तो जमाकर्ताओं को आसानी से और समय से उनकी 5 लाख रुपए तक की जमा राशि मिल सके।
इस साल पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ऐसा चौथा बैंक है जिस पर RBI ने कार्रवाई की है। सरजेरोदादा नायक शिराला सहकारी बैंक, इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक और मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के लाइसेंस रद्द किए गए थे। ये तीनों बैंक महाराष्ट्र के हैं। इन सभी बैंकों को भी बंद करने का कारण भी कमजोर वित्तीय स्थिति और कमाई की संभावनाएं थीं।
RBI के मुताबिक इन तीनों मामलों में भी 99% जमाकर्ताओं को उनका पैसा DICGC से वापस मिल जाएगा।
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