इंफ्रास्ट्रक्चर में मुझे क्या मिला: SEZ एक्ट की जगह नया कानून आएगा, PM गतिशक्ति प्लान से बदलेगी रेलवे-नेशनल हाईवे की शक्ल
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एक घंटा पहले
केंद्र सरकार की नजर कोरोना महामारी के दौरान कमजोर हुई देश की इकोनॉमी को ग्रोथ देने पर है। उसकी इस योजना का आधार इंफ्रास्ट्रक्चर रहेगा। यह बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से मंगलवार को पेश किए गए ग्रोथ फोकस बजट 2022-23 में भी दिखाई दी।
देश की तरक्की में अहम भूमिका निभा रहे स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) का निर्माण करने वाले कानून की जगह नया कानून लाने की घोषणा की गई है। इस नए कानून में राज्यों को भी ‘डेवलपमेंट ऑफ एंटरप्राइजेज एंड सर्विस हब्स’ में पार्टनर बनने की अनुमति दी गई है।
साथ ही वित्तमंत्री की तरफ से बजट के दौरान सड़क से लेकर पानी यानी जलमार्गों तक के इंफ्रास्ट्रक्चर को इम्प्रूव करने वाली घोषणाएं की गई हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इसके तहत अगले 100 साल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के ब्लू प्रिंट पर काम किया जा रहा है।
SEZ में कस्टम एडमिनिस्ट्रेशन रिफार्म्स भी लागू होगा
वित्त मंत्री ने अपना चौथा बजट पेश करते हुए कहा, नए कानून के दायरे में सभी मौजूदा बड़े और नए इंडस्ट्रियल एनक्लेव आएंगे। इसका टारगेट मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतरीन उपयोग करना और एक्सपोर्ट्स को बढ़ाने के लिए आपसी कॉम्पिटिशन को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा, हम नए कानून के अलावा SEZ में कस्टम एडमिनिस्ट्रेशन रिफॉर्म्स भी लागू करेंगे। ये रिफार्म्स 30 सितंबर, 2022 से लागू हो जाएंगे, जो पूरी तरह IT आधारित होंगे। इन रिफार्म्स के बाद कस्टम एडमिनिस्ट्रेशन का संचालन कस्टम्स नेशनल पोर्टल के जरिए होगा, जिसमें सिर्फ रिस्क-बेस्ड चेक्स ही करने और हायर फैसेलिटीज देने पर फोकस किया जाएगा।
SEZ क्यों बने और कितना हुआ निवेश
- SEZ बनाने का टारगेट भारत के अलग-अलग इलाकों में बिजनेस सेक्टर को एक्सपोर्ट के लिए बढ़ावा देना था।
- एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए SEZ के अंदर होने वाले प्रोडक्शन पर सरकार की ओर से टैक्स में रियायत दी जाती है।
- SEZ के निर्माण से सबसे ज्यादा फायदा भारतीय आईटी सर्विस सेक्टर को मिला, जो पूरी दुनिया में सेवाएं एक्सपोर्ट कर रहा है।
- फिलहाल देश में करीब 47051.92 हेक्टेयर भूमि पर स्पेशल इकोनॉमिक जोन यूनिट्स काम कर रही हैं।
- केंद्र सरकार की ओर से 17 साल में SEZ में अब तक कुल 22,091.68 करोड़ रुपए का इनवेस्ट किया गया है।
PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान बनेगा इंफ्रास्ट्रक्चर गेमचेंजर
वित्त मंत्री ने PM गतिशक्ति मास्टर प्लान की घोषणा की है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में गेमचेंजर बताया जा रहा है। यह मास्टर प्लान देश के इकोनॉमिकल चेंज के लिए तैयार किया गया है। यह एक तरफ अगले 3 साल में रेलवे का चेहरा बदलेगा, वहीं सड़क के सफर को भी 25 हजार किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे से आसान बनाएगा।
इसे 7 फैक्टर सड़क, रेल मार्ग, हवाई मार्ग, एयरपोर्ट, कार्गो, जल मार्ग और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर तैयार किया गया है। ये 7 फैक्टर देश में इकोनॉमिक चेंज के लिए बेरोकटोक मल्टीयूजर कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स फैसेलिटीज उपलब्ध कराएंगे। नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में इन 7 फैक्टर्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स को पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क से जोड़ दिया जाएगा।
रेलवे देखेगा गतिशक्ति प्लान में ये बड़े बदलाव
PM गतिशक्ति प्लान के तहत सबसे मेजर बूस्टअप रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को देने की तैयारी है। इसके लिए खासतौर पर अगले 3 साल का समय रखा गया है।
- अगले 3 साल के दौरान 400 न्यू जेनरेशन वंदे भारत रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी।
- 3 साल में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक के लिए 100 PM गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल डेवलप होंगे।
- स्थानीय व्यापार और सप्लाई चेन को बढ़ावा देने के लिए ‘वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट’ कॉन्सेप्ट लागू होगा।
- 2022-23 में स्वदेशी ग्लोबल लेवल टेक्नोलॉजी ‘कवच’ के तहत 2000 किलोमीटर नया रेल मार्ग बनेगा।
- देश में पोस्टल और रेलवे नेटवर्क को आपस में इंटीग्रेटेड किया जाएगा, ताकि पार्सल सुविधा मजबूत हो सके।
सड़क परिवहन में रिमोट एरिया पर भी नजर
PM गतिशक्ति प्लान में सड़क परिवहन का बड़े पैमाने पर विस्तार किया जाएगा। इसमें खासतौर पर देश के रिमोट एरिया यानी फिलहाल सामान्य पहुंच से दूर रहने वाले इलाकों पर फोकस किया जाएगा।
- फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के दौरान 25000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) बनेंगे।
- राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में विस्तार करने के लिए 20,000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे।
उत्पाद और यात्रियों के मल्टीमॉडल मूवमेंट की योजना
वित्त मंत्री ने देश में उत्पादों और यात्रियों के लिए सीमलैस मल्टीमॉडल मूवमेंट की फैसेलिटी उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इससे देश में टूरिज्म और लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। खासतौर पर छोटे किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए लॉजिस्टिक्स बेहतर हो जाएगा।
- सभी तरह के ऑपरेटर्स के बीच डाटा एक्सचेंज के लिए यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफार्म (ULIP) बनेगा।
- एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस बेस्ड ULIP उत्पादों और यात्री ट्रांसपोर्ट की रियल टाइम इंफॉर्मेशन अवेलेबल कराएगा।
- ओपन सोर्स मोबिलिटी स्टैक बनाए जाएंगे, जो यात्रियों को सीमलैस ट्रैवल करने की सुविधा उपलब्ध कराएंगे।
- फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के दौरान देश में PPP मोड में 4 स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे।
अर्बन ट्रांसपोर्ट और रेलवे स्टेशनों के बीच मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी
वित्त मंत्रालय ने कहा कि शहरों के अंदर ट्रांसपोर्ट फैसेलिटी में सुधार के लिए मेट्रो सिस्टम्स को तेजी से बनाने के लिए फाइनेंसिंग के इनोवेटिव तरीके अपनाए जाएंगे। साथ ही मास अर्बन ट्रांसपोर्ट और रेलवे स्टेशनों के बीच मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी दिए जाने की योजना बनाई गई है। इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा।
पहाड़ों में ट्रांसपोर्टेशन आसान करेगी पर्वतमाला योजना
पहाड़ों पर ट्रांसपोर्टेशन की आधुनिक व्यवस्था बनाने के लिए केंद्र सरकार ने बजट में पर्वतमाला योजना की भी घोषणा की है। इसके जरिए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट राज्यों के लिए रोपवे और ट्रांसपोर्ट के अन्य विकल्प तैयार किए जाएंगे।
- PPP मोड में लागू होंगे राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम और पर्वतमाला योजना।
- फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में इसके तहत 60 किलोमीटर लंबी 8 रोपवे परियोजनाएं बनेंगी।
- इन परियोजनाओं में भीड़भाड़ वाले पहाड़ी शहरी एरिया शामिल किए जाएंगे।
- इसके जरिए यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी सुधारकर टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना है।
- इसे पारंपरिक पहाड़ी सड़कों के स्थायी विकल्प के तौर पर पेश किया जाएगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग का प्लान
बजट में देश में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग करने के लिए मदद देने का भी प्लान बनाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा, इसके लिए कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन की टेक्निकल सपोर्ट से केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और उनकी इंफ्राएजेंसीज को अपने स्किल्स अपग्रेड करने में मदद दी जाएगी। यह मदद PM गतिशक्ति इंफ्रास्ट्रक्चर्स प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग, डिजाइन, फाइनेंसिंग और इम्पलीमेंट मैनेजमेंट को बढ़ावा देगी।
- फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए राज्यों को कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की मदद का प्रावधान किया है।
- यह 15 साल के लिए ब्याज मुक्त कर्ज के तौर पर होगा, जो राज्यों को मिलने वाले सामान्य कर्ज के अतिरिक्त होगा।
- इस कर्ज का उपयोग PM गतिशक्ति से जुड़े प्रोजेक्ट्स और राज्य में अन्य कैपिटल इन्वेस्टमेंट से जुड़ी योजनाओं में होगा, जिनमें ग्राम सड़क योजना भी शामिल है।
5 नदियों को जोड़ने का ड्राफ्ट DPR तैयार
वित्त मंत्री ने बताया कि केन-बेतवा नदी लिंक के अलावा 5 अन्य नदी लिंक के लिए भी ड्राफ्ट DPR तैयार हो गाय है। इनमें दामनगंगा-पिंजाल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी नदी लिंक शामिल हैं। इनसे सिंचाई की सुविधा मिलने के साथ ही भविष्य में जलमार्ग सुविधा के तौर पर उपयोगी होने का भी अनुमान है।
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