इंपोर्ट ड्यूटी पर ट्विटर वॉर: ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल का टेस्ला, ह्युंडई को जवाब, इंपोर्ट ही न करें, भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रोडक्शन भी करें
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मुंबईएक घंटा पहले
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भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर अभी भी ट्विटर वॉर जारी है। अब ओला (OLA) के फाउंडर भाविश अग्रवाल ने टेस्ला और ह्युंडई को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EV) पर इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर करारा जवाब दिया है। उन्होंने लिखा कि सिर्फ इंपोर्ट ही न करें, भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रोडक्शन भी करें।
भाविश अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, दोनों से सहमत नहीं हूं। अपनी क्षमता पर विश्वास रखें और भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रोडक्शन के लिए ग्लोबल ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) को भी आकर्षित करें, न कि सिर्फ इंपोर्ट करें और हम ऐसा करने वाले पहले देश नहीं होंगे।
ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी पर मचा है बवाल
इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला ने भारत सरकार को एक पत्र लिखकर इलेक्ट्रिक कारों पर इंपोर्ट ड्यूटी में कमी करने की मांग की थी। टेस्ला का कहना था कि, इंपोर्ट ड्यूटी में कमी से कंपनी की इलेक्ट्रिक कारें सस्ती होंगी, जिससे बाजार में इनकी मांग बढ़ेगी और सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ेगा।
30 लाख से कम कीमत वाली कार पर 60% इंपोर्ट ड्यूटी
भारत में इंपोर्ट होने वाली इलेक्ट्रिक कारों की मौजूदा कीमत 40,000 डॉलर (करीब 30 लाख रुपए) से कम है तो, उन पर 60% इंपोर्ट ड्यूटी लगती है। वहीं, 40,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली कारों पर 100% इंपोर्ट ड्यूटी लगती है।
पिछले साल सिर्फ 5000 इलेक्ट्रिक कार बिकीं
प्रीमियम इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारतीय बाजार फिलहाल अभी नया है। यहां ग्राहकों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां काफी महंगी हैं। साथ ही चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की भी कमी है। पिछले साल भारत में बिकने वाली 24 लाख कारों में से सिर्फ 5,000 इलेक्ट्रिक कारें थीं, जिनमें से ज्यादातर की कीमत 28,000 डॉलर से कम थी।
भारत सरकार ने क्या कहा था
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च में कहा था कि अगर टेस्ला भारत में स्थानीय तौर पर इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार होती है, तब भारत सरकार कंपनी को प्रोत्साहन दे सकती है, ताकि चीन के मुकाबले भारत में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन सस्ता हो सके।
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