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इंडिया में एंट्री: इंपोर्ट ड्यूटी कम कराने के लिए PMO से संपर्क में है टेस्ला, अपने CEO की PM से मीटिंग कराना चाहती है कंपनी

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39 मिनट पहले

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इंडिया में एंट्री: इंपोर्ट ड्यूटी कम कराने के लिए PMO से संपर्क में है टेस्ला, अपने CEO की PM से मीटिंग कराना चाहती है कंपनी

टेस्ला के CEO एलन मस्क। -फाइल फोटो।

टेस्ला ने इंडिया में एंट्री के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से संपर्क किया है। उसने सरकार से इलेक्ट्रिक व्हीकल पर कम इंपोर्ट ड्यूटी लगाने की अपील की है। उसकी मांग पर कुछ घरेलू ऑटोमोबाइल कंपनियों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इससे घरेलू निवेश की संभावनाओं को धक्का लगेगा।

इंडिया में इसी साल गाड़ियां बेचना शुरू करना चाहती है

टेस्ला यहां इसी साल अपनी गाड़ियां बेचना शुरू करना चाहती है। वह बाजार की टेस्टिंग करना इंपोर्टेड कारों से चाहती है। लेकिन यहां कारों के इंपोर्ट पर बहुत ज्यादा टैक्स लगता है। टेस्ला चाहती है कि सरकार इलेक्ट्रिक कारों को कनवेंशनल कारों की तरह न देखे।

टेस्ला के टॉप एग्जिक्यूटिव्स ने पिछले महीने बात की थी

इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, टेस्ला के टॉप एग्जिक्यूटिव्स ने पिछले महीने सरकारी अधिकारियों से बातचीत की थी। बातचीत की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि कंपनी के एग्जिक्यूटिव्स ने उनके सामने बेहद ज्यादा टैक्स का मुद्दा उठाया।

ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी से महंगी पड़ेंगी गाड़ियां

PMO में हुई मीटिंग में टेस्ला के एग्जिक्यूटिव्स ने कहा कि यहां जितनी इंपोर्ट ड्यूटी लगती है, उससे कंपनी के लिए कारोबार करना फायदेमंद नहीं होगा। यहां 40,000 डॉलर से कम की गाड़ियों पर 60% जबकि इससे ज्यादा की गाड़ियों पर 100% की इंपोर्ट ड्यूटी लगती है। ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी होने से बाहर से मंगाई जानेवाली गाड़ियां महंगी पड़ेंगी और ज्यादा बिक नहीं पाएंगी।

मस्क और मोदी की मुलाकात चाहती है टेस्ला

सूत्रों के मुताबिक, टेस्ला ने अपने चीफ एग्जिक्यूटिव एलन मस्क और मोदी की मुलाकात तय करने की भी इजाजत मांगी है। कंपनी की मांगों को लेकर उसे आधिकारिक रूप से क्या जवाब मिला है, यह फिलहाल पता नहीं चला है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, उस पर अधिकारियों की राय बंटी हुई है।

पहले इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग की बात, फिर होगा विचार

कुछ अधिकारी चाहते हैं कि कंपनी पहले इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग को लेकर उसका कमिटमेंट करे, उसके बाद ही उसे इंपोर्ट ड्यूटी में किसी तरह की छूट देने पर विचार किया जाए। इस तरह की छूट से लोकल ऑटो इंडस्ट्री पर क्या असर होगा, सरकार इस बात पर भी गौर कर रही है।

टाटा मोटर्स ने EV के लिए जुटाए हैं एक अरब डॉलर

घरेलू ऑटो दिग्गज टाटा मोटर्स ने देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने के लिए हाल ही में TPG सहित कई निवेशकों से एक अरब डॉलर की रकम जुटाई है। उसका कहना है कि टेस्ला को रियायत देना, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की योजनाओं के उलटा होगा।

टेस्ला इकलौती EV कंपनी होती, तो ड्यूटी घटाई जा सकती थी

एक सूत्र ने कहा कि अगर टेस्ला इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली इकलौती कंपनी होती, तो इंपोर्ट ड्यूटी घटाई जा सकती थी। लेकिन बाजार में दूसरी कंपनियां भी हैं। दूसरे सूत्र ने कहा कि सीमित समय के लिए इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से निवेश के अनुकूल वाले देश के रूप में भारत की छवि बेहतर होगी और ज्यादा निवेश लाने में मदद मिलेगी।

भारत में चीन की गाड़ी न बेचे टेस्ला, यहीं बनाए

यूनियन ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने इसी महीने कहा था कि टेस्ला यहां चीन में बनी गाड़ियां न बेचे। उन्होंने कहा था कि कंपनी इसके बजाय वह यहीं गाड़ियां बनाकर विदेश में बेचे। लेकिन टेस्ला इंडियन मार्केट की टेस्टिंग इंपोर्टेड गाड़ियों से करना चाहती है।

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