Quick News Bit

आज इतिहास रचेगी टीम MP… जानिए, धुरंधरों की कहानी: सबसे छोटे क्रिकेटर अक्षत ने 3 साल की उम्र में थामा बल्ला; रणजी में जीत की ओर लड़ाके…

0
  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Ranji Trophy 2022 | Madhya Pradesh Players Struggle Story; Akshat Raghuvanshi Anubhav Agarwal, Yash Dubey

भोपालकुछ ही क्षण पहलेलेखक: अनूप दुबे

23 साल बाद मध्यप्रदेश की क्रिकेट टीम रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जीत की दहलीज पर है। चार दिन के मैच के बाद पांचवां दिन यानी अंतिम दिन का खेल शुरू हो चुका है। एमपी की टीम में 18 साल के खिलाड़ी से लेकर 30 साल के तक सीनियर खिलाड़ी शामिल हैं। युवा और सीनियर का यही तालमेल जीत का मंत्र भी है। गेंदबाजों में विकेट लेने का जुनून, तो बल्लेबाजों में रनों की भूख भी दिखी। जानते हैं प्रदेश के लिए इतिहास रचने जा रहे इन प्लेयर्स की कहानी…

सबसे छोटे अक्षत ने 3 साल की उम्र में थामा बल्ला

अशोकनगर के रहने वाले 18 साल के अक्षत रघुवंशी। टीम में सबसे छोटे और युवा खिलाड़ी हैं। अक्षत के पिता केपी रघुवंशी बताते हैं कि अक्षत ने तीन साल की उम्र में बल्ला थामा। पहले तो उसे घर में ही क्रिकेट खिलाते रहे, लेकिन 5 साल की उम्र आते-आते अक्षत गली-मोहल्ले में रबर की गेंद से चौके-छक्के लगाने लगा। 9 साल की उम्र में ही अक्षत ने अंडर-14 में अशोकनगर को फाइनल में जितवाया। अशोकनगर में क्रिकेट के लिए ज्यादा संभावना नहीं होने से पिता उसे इंदौर ले आए। इसके बाद शुरू हुआ अक्षत का प्रोफेशनल क्रिकेट का सफर।

कोरोना ने तोड़ा, लेकिन हौसले नहीं टूटे

टीम के हरफनमौला खिलाड़ी अनुभव अग्रवाल मूलत: बुंदेलखंड के छतरपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने पहली पारी में 3 विकेट लिए। माता-पिता काफी समय पहले भोपाल आ गए थे। पिता ने कोलार में शूज की शॉप खोली। अब तब कुछ ठीक था। अनुभव ने छोटी उम्र में खेलना शुरू किया, लेकिन 14 साल की उम्र में प्रोफेशनल क्रिकेट की तरफ रुख किया। नेशनल क्रिकेट कोचिंग सेंटर में खेलना शुरू किया। कोच भुवन शुक्ला ने बताया कि अनुभव पहले से ही प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उसका चयन नहीं हो पाता था।

उसकी तेज गेंदबाजी में काफी धार थी। एमपी टीम में चयन होने के बाद वह चोटिल हो गया था। 6 महीने के लिए वह मैदान से दूर हो गया। उसके बाद उसने सीनियर टीम में वापसी की। कोरोना के दौरान उसके पिता का कारोबार बंद हो गया। फिर वे वापस छतरपुर चले गए। अब यहां वह बहन के साथ किराए के मकान में रहता है। मां जरूर बीच-बीच में भोपाल में आती रहती हैं। वे 15 दिन बेटा-बेटी और 15 दिन छतरपुर में रहती हैं।

डिवीजन तक बदलना पड़ा

मध्यप्रदेश के लिए शतक जड़ने वाले यश दुबे का सफर भी आसान नहीं रहा। अच्छा खेलने के बाद भी उन्हें भोपाल की टीम से खेलने का मौका नहीं मिला। ऐसे में यश ने होशंगाबाद का रुख किया। वहां से सिलेक्ट होने के बाद डिवीजन खेले। अब वे एमपी टीम में हैं। यश सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में देश में तीसरे नंबर पर हैं।

जानिए, MP के इन धुरंधरों को…

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment