अमेजन पर लगा तगड़ा जुर्माना: इटालियन रेगुलेटर ने 9.6 हजार करोड़ रुपए का फाइन लगाया, अमेजन पर कुछ सेलर्स को फायदा पहुंचाने का आरोप
मिलानकुछ ही क्षण पहले
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इटली की कॉम्पिटिशन अथॉरिटी ने गुरुवार को अमेजन पर 1.28 अरब डॉलर (करीब 9.6 हजार करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया। रेगुलेटर का कहना है कि अमेजन ने उसके वेयरहाउस और डिलीवरी सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले थर्ड पार्टी सेलर्स को स्पेशल सर्विसेज दी। इससे दूसरे सेलर्स का नुकसान हुआ।
रेगुलेटर ने अमेजन को थर्ड पार्टी सेलर की लिस्टिंग में नॉन डिस्क्रिमिनेटरी स्टैंडर्ड (बिना किसी भेदभाव के) अपनाने का आदेश दिया है। अमेजन इन आदेशों का पालन कर रहा है या नहीं ट्रस्टी के जरिए इस पर नजर रखी जाएगी।
इटली में, एंटीट्रस्ट रेगुलेटर किसी कंपनी पर उसके एनुअल रेवन्यू के 10% तक जुर्माना लगा सकता है। हालांकि, जुर्माना इस बात पर निर्भर करता है कि कंपनी इस तरह का काम कितने समय से कर रही थी।
अमेजन ने कार्रवाई को गलत बताया
अमेजन ने रेगुलेटर की इस कार्रवाई को गलत बताया है। कंपनी अब जुर्माने के खिलाफ अपील करेगी। यदि लोअर कोर्ट अमेजन पर लगाए जुर्माने को सही मानती है तो उसके पास हायर कोर्ट में जाने का अधिकार होगा। अगर कोर्ट को लगता है कि लगाया गया जुर्माना बहुत ज्यादा है तो वो उसे कम भी कर सकती है।
अमेजन का मार्केट शेयर 5 गुना तक बढ़ा
एंटी ट्रस्ट रेगुलेटर की दो साल की जांच में पाया गया कि 2019 में ऑनलाइन मार्केटप्लेस में अमेजन का मार्केट शेयर अपने सबसे करीबी काम्पिटिटर से पांच गुना तक बढ़ा है। पिछले 4 सालों में ये अंतर और भी ज्यादा हो गया है। रेगुलेटर के अनुसार 2019 में ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर थर्ड पार्टी सेलर्स ने जितने भी प्रोडक्ट बेचे उनकी टोटल वैल्यू का 70% अमेजन पर बेचा गया।
अमेजन ने अपनी डॉमिनेंस का फायदा उठाया
रेगुलेटर ने कहा कि अमेजन ने अपनी इस मार्केट डॉमिनेंस का फायदा उठाते हुए उन थर्ड पार्टी सेलर्स की मदद की जो उनकी लॉजिस्टिक्स सर्विसेज (फुलफिलमेंट बाय अमेजन) का इस्तेमाल करते थे। इन सर्विसेज का इस्तेमाल करने वाले सेलर्स को प्राइम लेबल जैसे एक्सक्लूसिव बेनिफिट मिलते थे। ये उन सेलर्स के प्रोडक्ट सेल्स को बूस्ट करती थी।
इन कंपनियों को भी करना पड़ चुका है कार्रवाई का सामना
बीते दो सालों में एपल, अल्फाबेट, फेसबुक (अब मेटावर्स) जैसे कंपनियों को भी यूरोपियन यूनियन और अमेरिका जैसे देशों की जांच और जुर्माने का सामना करना पड़ा है। हालांकि, इन कंपनियों ने उन पर लगे आरोपों को गलत बताया है।
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