अपना पैसा, अपनी सुरक्षा: केस स्टडी बताती है कि ठगी हुई तो पैसा वापस नहीं मिलेगा, आप खुद सावधान रहें
रायपुर10 घंटे पहले
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पिछले साल 2300 से ज्यादा ऑनलाइन ठगी की शिकायतें
राज्य में ऑनलाइन ठगी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ठग तरीके बदल रहे हैं और लोगों के खाते से मोटी-मोटी रकम उड़ा रहे हैं। पिछले साल 2383 से ज्यादा ऑनलाइन ठगी की शिकायतें आई थीं। इसमें से सिर्फ 940 लोगों का ही पुलिस पैसा लौटा पाई और वह भी आधे से कम। मंगलवार को खमतराई पुलिस ने 49 लाख की ठगी का एक केस दर्ज किया है।
राजनांदगांव के किसान मनमोहन वर्मा को ठगों ने बीमा पॉलिसी में बोनस देने का झांसा दिया। राजधानी में इससे पहले रिटायर्ड बिजली कर्मी से 63 लाख, रिटायर्ड प्राचार्य से 40 लाख, कारोबारी से 30 लाख से ज्यादा ऑनलाइन ठगी हो चुकी है, जिन्हें पैसा नहीं मिल है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि थानों में ठगी की शिकायत तुरंत साइबर सेल भेज दी जाती है।
केस-1
पिछले साल जून में रिटायर्ड बिजली कर्मी अशोक साहू को ठगों ने कोरोना कंपनसेशन देने का झांसा देकर 63 लाख से ज्यादा की ठगी कर ली। पुलिस ने 7 लाख रुपए खाते में होल्ड करा दिया था। तीन आरोपियों से मामूली रकम जब्त हुई थी। बुजुर्ग को अब तक पैसा नहीं मिल पाया है।
केस-2
डंगनिया के रिटायर्ड प्राचार्य उदय रावले को बंद बीमा पॉलिसी का पैसा देने का झांसा दिया गया। उनसे 40 लाख की ठगी कर ली गई। ठगों ने उनकी जमा पूंजी उड़ा दी। उन्होंने पुलिस में शिकायत की। उन्हें एक तिहाई रकम भी नहीं मिल पाई।
केस-3
कारोबारी अशोक शारडा को घर बैठे कर्ज देने का झांसा दिया गया। उन्हें 5 लाख की जरूरत थी। ठग ने प्रोसेस फीस समेत अन्य प्रक्रिया के नाम पर उनसे 30 लाख रुपए ले लिया। ठग उसके बाद भी पैसों की डिमांड करते रहे। आज तक उनका पैसा वापस नहीं मिल पाया है।
किसानों को बीमा का झांसा
राजनांदगांव निवासी मनमोहन वर्मा की बहन रायपुर में रहती हैं। उन्होंने रायपुर में बीमा पॉलिसी ली थी। उसी बीमा पॉलिसी में बोनस देने का उन्हें झांसा दिया गया। 8 महीने से उन्हें फोन आ रहा था। वे भी झांसे में आ गए। उन्होंने पॉलिसी की जानकारी दे दी। उसके बाद ठगों के बताए खाते में अलग-अलग किश्त में पैसा जमा करते रहे।
उन्होंने खेती-किसानी से जो पैसा इकट्ठा किया था। उसे ठगों ने लूट लिया। वे रिपोर्ट करने के बाद अपने गांव चले गए हैं। वे सकते में आ गए है। हालत ये है कि वे बातचीत करने की स्थिति में नहीं हैं। वे पुलिस वालों से मिन्नतें कर रहे हैं कि उनका पैसा लौटा दिया जाए।
ठगों तक पहुंच नहीं पा रही पुलिस
पुलिस के आकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल साइबर सेल और थानों में 1043 लोगों से ज्यादा ने शिकायतें की। इसमें से कुछ पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसमें भी 680 लोगों के पुलिस ने 35.68 लाख रुपए लौटाए हैं। वहीं पोर्टल या अन्य माध्यमों से 1340 लोगों ने ऑनलाइन शिकायतें की हैं, जिसमें 260 लोगों का 28.28 लाख रुपए वापस कराया गया है।
पुलिस 39 फीसदी लोगों का पैसा लौट पाई है। जानकारों का कहना है कि हर साल 4-5 करोड़ की ठगी होती है। ठगी के कई मामलों में सिर्फ शिकायत लेकर छोड़ दिया जाता है। उसमें केस दर्ज नहीं किया जाता है। जिन मामलों में केस दर्ज किया जाता है। उसमें से अधिकांश को साल के आखिरी में खात्मे की कार्रवाई की जाती है।
ठग तुरंत निकाल लेते हैं पैसा
साइबर एक्सपर्ट गोपिका बघेल ने बताया कि ठग अब पैसों को तुरंत निकाल लेते हैं या फिर दूसरे खातों में पैसा ट्रांसफर कर देते हैं। बैंक खाते से लेकर मोबाइल नंबर तक फर्जी होता है। ठगी करने वाले गिरोह 25-50 पैसों में लोगों का डेटा खरीदते हैं। फिर काॅल सेंटर खोलकर लोगों से ठगी करते हैं। अभी ज्यादातर ठगी दिल्ली एनसीआर, यूपी, झारखंड और राजस्थान के आसपास हो रहा है। ठगी गिरोह यहां सक्रिय हैं। ये देश हर हिस्से में ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं।
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