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सरकार का इनकार: टेस्ला के चाहने वालों को झटका, नहीं मिलेगी इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट

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  • Govt Has No Plans To Cut Import Duties On Electric Vehicles, Big Blow To Tesla

नई दिल्ली11 मिनट पहले

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  • कंपनी की ज्यादातर कारों की कीमत इतनी ज्यादा है, एक को छोड़कर बाकी पर 100% की इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी
  • सरकार ने कहा- इलेक्ट्रिक व्हीकल बढ़ावा देने के लिए कम टैक्स लगाया जा रहा है, चार्जिंग स्टेशन बढ़ाए जा रहे हैं
  • मस्क का कहना है कि इंपोर्टेड कारों से बाजार टेस्ट किया जाएगा, कामयाबी मिलने पर फैक्टरी भी लगाई जा सकती है

आप टेस्ला की जगमगाती इलेक्ट्रिक कारों का इंतजार कर रहे हैं, तो आपको निराशा हाथ लगेगी। सरकार ने कहा है कि अगर कंपनी बाहर से इलेक्ट्रिक कार लाकर बेचती है, तो उसको आयात शुल्क में कोई छूट नहीं मिलेगी। टेस्ला की ज्यादातर कारों की कीमत इतनी ज्यादा है, एक को छोड़कर बाकी पर 100% की इंपोर्ट ड्यूटी लग जाएगी।

सिर्फ कार 40,000 डॉलर से सस्ती

टेस्ला की सबसे सस्ती कार मॉडल 3 स्टैंडर्ड रेंज प्लस है, जिसकी कीमत 40,000 डॉलर से कम है। इसे इंपोर्ट करने पर 60% का आयात शुल्क लगेगा। हालिया खबरों के मुताबिक, टेस्ला ने पिछले महीने परिवहन और उद्योग मंत्रालयों को पत्र लिखकर इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क को घटाकर 40% तक करने का अनुरोध किया था।

आयात शुल्क माफ नहीं- सरकार

इधर, सरकार ने कहा है कि बाहर से मंगाए जाने वाले किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर आयात शुल्क माफ करने या उसमें कमी करने का उसका कोई इरादा नहीं है। टेस्ला के CEO एलन मस्क ने हफ्ते भर पहले कहा था कि कंपनी भारत में अपनी कारें लॉन्च करना चाहती है, लेकिन यहां इंपोर्ट ड्यूटी बहुत ज्यादा है।

देसी गाड़ियों को सरकार दे रही बढ़ावा

बिजली और भारी उद्योग राज्य मंत्री किशन पाल गुर्जर ने संसद को बताया है कि उनका मंत्रालय इलेक्ट्रिक व्हीकल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा। गुर्जर ने कहा है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर कम टैक्स लगाकर और इनके चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाकर इनको बढ़ावा देने के उपाय किए जा रहे हैं।

60 से 100% तक का आयात शुल्क

लेकिन, घरेलू ऑटोमोबाइल कंपनियों का मानना है कि सबको कॉम्पिटिशन में बराबरी का मौका मिलना चाहिए। अमेरिका के बाद चीन टेस्ला का सबसे बड़ा बाजार है लेकिन वहां पिछले कुछ समय से स्थानीय सरकार की सख्ती से मुश्किलें हो रही हैं। फिलहाल, नई कारों पर 60 से 100% तक का आयात शुल्क भारत में उसका रास्ता रोक रहा है।

डीजल-पेट्रोल गाड़ियों जैसा ट्रीटमेंट

मस्क ने 24 जुलाई को एक यूजर के ट्वीट के जवाब में कहा था कि भारत में क्लीन एनर्जी से चलने वाली गाड़ियों को डीजल और पेट्रोल गाड़ियों जैसे ट्रीट किया जाता है। यह रवैया जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के उसके लक्ष्य के हिसाब से सही नहीं है। मस्क की राय से दूसरी विदेशी ऑटोमोबाइल कंपनियों के CEO भी इत्तेफाक रखते हैं।

बाद में लगा सकती है फैक्टरी

दूसरे यूजर ने ट्वीट कर पूछा था कि क्या टेस्ला कारों को इंडिया में असेंबल करके बेचना शुरू करेगी? इस पर मस्क ने कहा कि फिलहाल तो वह इंपोर्ट ड्यूटी में टेंपररी राहत की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इंपोर्टेड कारों से कंपनी अपने मकसद कामयाब रहती है तो इंडिया में फैक्टरी भी लगा सकती है।

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