भ्रामक विज्ञापनों पर लगाम: CCPA ने सेंसोडाइन के विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दिया, 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया
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नई दिल्ली33 मिनट पहले
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क्या दुनिया भर के डेंटिस्ट सेंसोडाइन को अपनाने की सलाह देते हैं? क्या यह दुनिया का नंबर 1 सेंसिटिवटी टूथपेस्ट है? जवाब है नहीं। इसी तरह का दावा करने वाले विज्ञापनों पर सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने रोक लगाने का आदेश दिया है। कंज्यूमर प्रोटेक्शन बॉडी ने इन विज्ञापनों को भ्रामक बताते हुए 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
CCPA ने टेलीविजन, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर सेंसोडाइन के विज्ञापन के खिलाफ स्यू-मोटो (स्वत: कार्रवाई) एक्शन लिया था। CCPA ने 9 फरवरी 2022 को भी एक आदेश पारित किया था जिसमें सेंसोडाइन के ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए कहा गया था जिसमें दिखाया गया है भारत से बाहर भी डेंटिस्ट (यूके के डेंटिस्ट) सेंसोडाइन के रैपिड रिलीफ और फ्रेश जेल को अपनाने की सलाह देते हैं।
CCPA ने अब उन दावों वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए कहा है जिसमें सेंसोडाइन को दुनिया का नंबर 1 सेंसिटीविटी और क्लीनिकली प्रूवन टूथपेस्ट बताया गया है जो 60 सेकंड में रिलीफ देता है। ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर लि. सेंसोडाइन बनाती है।
कंपनी ने विज्ञापन में जो दावे किए हैं उसके समर्थन में CCPA के पास दो मार्केट सर्वे पेश किए। लेकिन, CCPA ने अपनी जांच में पाया कि ये दोनों सर्वे केवल भारत के डेंटिस्ट की राय पर आधारित है। इसलिए CCPA ने 7 दिनों के अंदर विज्ञापन को बंद करने के लिए कहा है।
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