मुंबई2 मिनट पहले
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![तेज गेंदबाजी पर बोले मोहम्मद शमी: ‘खुश हूं कि टीम इंडिया का पेस अटैक सुरक्षित हाथों में जा रहा है’ तेज गेंदबाजी पर बोले मोहम्मद शमी: ‘खुश हूं कि टीम इंडिया का पेस अटैक सुरक्षित हाथों में जा रहा है’](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/05/13/_1652452725.jpg)
IPL के मौजूदा सीजन में प्लेऑफ के लिए सबसे पहले क्वालिफाई करने वाली गुजरात टाइटंस के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने शुक्रवार को टीम इंडिया के पेस अटैक के भविष्य पर चर्चा की। 31 साल के इस पेसर ने कहा कि मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है कि देश का पेस अटैक सुरक्षित हाथों में जा रहा है। लीग के मौजूदा सीजन में कई युवाओं ने अपनी गति और परफार्मेंस से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। सरप्राइजिंग फैक्टर के बारे में पूछे जाने पर वे कहते हैं कि ऐसा कोई व्यक्ति विशेष नहीं है पर इस बार कई पेसर्स ने अच्छा किया है। मेरा मानना है कि टी20 फॉर्मेट में गेंदबाजी करने के लिए 140-145 की स्पीड ही काफी है। बशर्ते आपके पास दोनों ओर स्विंग, रिवर्स और लेंथ कंट्रोल हो।
उमरान को मैच्योर होने में थोड़ा और समय लगेगा
सनराइजर्स हैदराबाद के तेज गेंदबाज उमरान मलिक पर शमी ने कहा कि उसके पास स्पीड अच्छी है लेकिन उसे मैच्योर होने में थोड़ा और समय लगेगा। मोहसिन पर उन्होंने कहा कि उसे गेम प्लान पर ज्यादा फोकस करने की जरूरत है। वह मजबूत है लेकिन उसे फिजिकल और मेंटल स्ट्रेंथ के लिए काम करने की जरूरत है।
पेसर्स के लिए इकोनॉमी मैटर नहीं करती
सीम बॉलर्स की इकोनॉमी पर शमी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि पेसर्स के लिए इकोनॉमी उतना ज्यादा मैटर करती है। अधिकांश पेसर्स की इकोनॉमी 8 के आसपास ही रहती है। क्योंकि हमें क्लोज फील्ड में गेंदबाजी करनी होती है। क्लोज फील्ड में रन पड़ते हैं और आपको विकेट भी निकालने होते हैं। पॉवर प्ले में स्पीड के साथ लाइन-लेंथ और स्विंग अहम हो जाते हैं। यदि आपकी गेंद में मूवमेंट नहीं है तो बैटर आप पर आसानी से शॉट खेल सकता है। आजकल कोई स्पीड से नहीं डरता है।
पंड्या की कप्तानी पर… कप्तानी ने उसके टेंपरामेंट को नियंत्रित किया
एमएस धोनी, विराट कोहली, रोहित शर्मा और हार्दिक पंड्या की कप्तानी के बारे में पूछे जाने पर शमी कहते हैं कि सबका अलग-अलग तरीका है। जैसे- धोनी शांत रहते हैं, विराट चीजों पर बात करते हैं। जबकि रोहित समय-समय पर रिएक्ट करते हैं। रही बात पंड्या की तो उसने मैदान पर बिहेव करना सीख लिया है। पहले वह बहुत ज्यादा एग्रेसिव हो जाता था और रिएक्ट कर देता था लेकिन अब वह टेंपरामेंट कंट्रोल करना सीख गया है। मैं हमेशा उससे कहता हूं कि अब जिम्मेदारी बढ़ गई है इसलिए बिहेवियर में भी विशेष ध्यान देना पड़ेगा।
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