ग्राहकों के साथ घपला: HDFC बैंक ग्राहकों को कमीशन लौटाएगा, वाहनों में GPS डिवाइस का है मामला
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मुंबई3 घंटे पहले
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- रिफंड बैंक में रजिस्टर्ड ग्राहक के बैंक अकाउंट में जमा किया जाएगा
- ग्राहकों से अगले 30 दिनों में संपर्क में आने को कहा गया है
निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक HDFC बैंक ने ऑटो लोन लेने वालों को GPS कमीशन लौटाने की घोषणा की है। यह कमीशन उसने 6 साल पहले गाड़ियों में GPS डिवाइस लगाने के एवज में लिया था। उस समय बैंक के CEO आदित्य पुरी ने इस मामले को स्वीकार किया था।
कई सालों से चल रहा था मामला
दरअसल बैंक में यह मामला कई सालों से चल रहा था। पिछले साल इसके रिटायर हुए CEO आदित्य पुरी ने यह माना की गाड़ियों में GPS डिवाइस को लेकर अनियमितता पाई गई थी। इसके बाद कई आरोप सामने आए थे। इसी मामले में इस साल की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने HDFC बैंक पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था। मामला सामने आने के बाद इसके कई अधिकारी इस्तीफा भी दे दिए थे।
अखबारों में दी नोटिस
अखबारों में प्रकाशित एक सार्वजनिक नोटिस में बैंक ने इस रिफंड की घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि HDFC बैंक वित्त वर्ष 2013-14 से वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान ऑटो लोन फंडिंग के एक हिस्से के रूप में इस तरह के डिवाइस का लाभ उठाने वाले ऑटो लोन ग्राहकों को GPS डिवाइस कमीशन वापस करेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि रिफंड बैंक में रजिस्टर्ड ग्राहक के बैंक अकाउंट में जमा किया जाएगा। ग्राहकों से अगले 30 दिनों में संपर्क में आने को कहा गया है।
18 हजार रुपए का एक डिवाइस था
बैंक पर आरोप था कि ऑटो लोन लेने वालों को लोन के साथ 18,000 रुपए का यह डिवाइस दिया गया था। यह डिवाइस ग्राहकों की मर्जी के बिना उनकी गाड़ियों में लगाया गया। यानी ग्राहकों को प्रति पीस 18 हजार रुपए से ज्यादा की लागत से बैंक से GPS (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) डिवाइस खरीदने के लिए मजबूर किया गया। मौजूदा नियमों का उल्लंघन करने के अलावा इसमें इस नियम का भी उल्लंघन हुआ जो बैंक को किसी और प्रोडक्ट को बेचने पर रोक लगाता है। इससे गोपनीयता भी भंग होने का सवाल उठाया गया क्योंकि किसी भी वाहन को ऐसे डिवाइस द्वारा ट्रैक किया जा सकता है।
कुछ अधिकारियों की छुट्टी कर दी गई थी
ऑटो लोन प्रैक्टिस में अनियमितताएं सामने आने के बाद से बैंक में कुछ लोगों की छुट्टी कर दी गई। कुछ लोगों की नई भर्ती की गई। भारतीय रिजर्व बैंक ने 29 मई को वाहन ट्रैकिंग डिवाइस को बेचने के लिए HDFC बैंक पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना कारण बताओ नोटिस, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक निवेदनों और बैंक द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण और दस्तावेजों की जांच के बाद लगाया गया था।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा था कि बैंक के ऑटो लोन पोर्टफोलियो में अनियमितताओं के संबंध में व्हिसलब्लोअर की शिकायत पर आरबीआई द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद यह जुर्माना लगाया गया है।
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