क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा: पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी कम होने से मोबाइल सस्ते होंगे, चार्जर और स्मार्टवॉच की कीमतें भी कम होंगी
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नई दिल्ली12 घंटे पहले
कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट 2022-23 पेश किया। हर बार की तरह इस बार भी सरकार ने कुछ प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है, जिससे ये प्रोडक्ट महंगे हो गए हैं। वही कुछ प्रोडक्ट पर सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी घटाई भी है।
ऐसे में आपके मन में भी सवाल होगा कि इस बजट का आपकी पॉकेट पर कितना असर होगा? तो चलिए जान लेते हैं बजट में क्या महंगा-क्या सस्ता हुआ?
मोबाइल फोन की कीमतें कम होंगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल फोन चार्जर ट्रांसफॉर्मर, मोबाइल फोन कैमरा लेंस की इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की घोषणा की है। मोबाइल पार्ट सस्ते होने से मोबाइल के भी सस्ते होने की उम्मीद है।
पेट्रोलियम रिफाइनिंग के लिए जरूरी केमिकल के अलावा मेथनाल और कुछ अन्य केमिकल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई गई है। कुछ स्टील प्रोडक्ट पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी (ADD) और काउंटरवेलिंग ड्यूटी (CVD) भी हटाने की घोषणा की गई है। MSME को राहत देने के लिए स्टील स्क्रैप पर इंपोर्ट ड्यूटी छूट को 1 साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
डायमंड सस्ता होगा
सरकार ने कट और पॉलिश डायमंड के साथ रत्नों पर इंपोर्ट ड्यूटी को 5% कर दिया है। वर्तमान में कटे और पालिश किए गए हीरे के साथ-साथ रत्नों पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5% है। वहीं सिंपली सोन्ड डायमंड पर अब कोई इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगेगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि सरकार ई-कामर्स के माध्यम से ज्वैलरी के एक्सपोर्ट की सुविधा देगी। इसके लिए इस साल जून तक फ्रेमवर्क लागू किया जाएगा।
इंपोर्टेड छाता महंगा
महंगी होने वाली चीजों की बात करें तो सरकार ने छाते पर ड्यूटी बढ़ाकर 20% कर दी है। यानी इंपोर्टेड छाते महंगे हो जाएंगे। इमिटेशन ज्वैलरी पर भी इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई है। इसके इंपोर्ट पर कम से कम 400 रुपए प्रति किलोग्राम शुल्क वसूला जाएगा। इसका कारण इंपोर्ट को कम करना है।
बजट का असर ज्यादा प्रोडक्ट्स पर नहीं
ऐसी बहुत सारी चीजें नहीं हैं जिन पर असर पड़ा हो। दरअसल, अब 90% चीजों की कीमत GST तय करता है, लेकिन विदेश से मंगाई जाने वाली वस्तुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी का असर रहता है और इसकी घोषणा बजट में की जाती है। इसलिए पेट्रोल, डीजल, LPG, CNG और इंपोर्टेड प्रोडक्ट्स जैसे- शराब, चमड़ा, सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स, मोबाइल, केमिकल, गाड़ियां जैसी चीजों की कीमतों पर बजट घोषणाओं का असर पड़ता है। सरकार इन पर ही इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाती या घटाती है। कुछ पर एक्साइज भी लगाया जाता है।
इंपोर्ट ड्यूटी क्या होती है?
इंपोर्ट ड्यूटी वह टैक्स है जिसे किसी दूसरे देश से आने वाले सामान (इंपोर्ट) पर वसूला जाता है। इंपोर्ट ड्यूटी कितनी लगेगी, यह सामान की कीमत के साथ-साथ सामान किस देश का है, इसके साथ ही कई अन्य चीजों पर भी निर्भर करता है।
इंपोर्ट ड्यूटी को कस्टम ड्यूटी, टैरिफ, इंपोर्ट टैक्स या इंपोर्ट टैरिफ भी कहते हैं। इंपोर्ट ड्यूटी के दो मकसद होते हैं- सरकार के लिए आय जुटाना और लोकल लेवल पर प्रोड्यूस होने वाले सामान को मार्केट में फायदा दिलाना।
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